मकर संक्रांति आज, दिन में 2:58 बजे मकर राशि में सूर्य करेंगे प्रवेश
मकर संक्रांति आज, दिन में 2:58 बजे मकर राशि में सूर्य करेंगे प्रवेशमकर संक्रांति आज, दिन में 2:58 बजे मकर राशि में सूर्य करेंगे प्रवेशमकर संक्रांति आज, दिन में 2:58 बजे मकर राशि में सूर्य करेंगे...
मकर संक्रांति : कम्पाइल स्टोरी पेज 4 लीड मकर संक्रांति आज, दिन में 2:58 बजे मकर राशि में सूर्य करेंगे प्रवेश पुण्यकाल रहेगा दिनभर, स्नान-दान के लिए पर्व अत्यंत महत्वपूर्ण पुख्य नक्षत्र का अद्भुत संयोग, बरसेगी भगवान भास्कर की असीम कृपा फोटो मेला01 - राजगीर का मेला मैदान सज-धजकर तैयार, आज से शुरू होगा सात दिवसीय मकर मेला। मेला02 - बिहारशरीफ में सोमवार को तिलवा-तिलकुट की खरीदारी करते लोग। बिहारशरीफ, हिन्दुस्तान टीम। मकर संक्रांति मंगलवार को है। माघ कृष्ण पक्ष प्रतिपदा तिथि को सूर्य दोपहर 2:58 बजे मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इस खगोलीय घटना के साथ ही खरमास समाप्त हो जाएगा और शुभ कार्यों की शुरुआत के लिए मार्ग प्रशस्त होगा। मकर संक्रांति का पर्व हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे पुण्यकाल के लिए विशेष दिन माना जाता है। इसदिन स्नान, दान और पूजा का विशेष महत्व है। मकर संक्रांति का खगोलीय महत्व: पंडित सूर्यमणि पांडेय कहते हैं कि मकर संक्रांति वह समय होता है, जब सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं। इस दिन से सूर्य उत्तरायण होना शुरू करते हैं। यानी सूर्य पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध की ओर बढ़ता है। यह घटना साल में एक बार होती है और दिन-रात की अवधि में संतुलन लाने का प्रतीक मानी जाती है। यदि मकर संक्रांति पर किसी विशेष नक्षत्र, जैसे पुष्य नक्षत्र, का संयोग होता है, तो इसे ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अत्यधिक शुभ माना जाता है। पुष्य नक्षत्र को अत्यंत पवित्र और शुभ कार्यों के लिए आदर्श समय माना जाता है। इस दिन भगवान भास्कर (सूर्य देव) की पूजा करने से व्यक्ति को स्वास्थ्य, समृद्धि और मनोबल में वृद्धि की प्राप्ति होती है। स्नान-दान से शुभ फल की प्राप्ति: अद्भुत संयोग के अवसर पर लोग गंगा स्नान, दान-पुण्य और पूजा-अर्चना जैसे धार्मिक कार्य करते हैं। तिल और गुड़ के व्यंजन विशेष रूप से बनाए जाते हैं, जो आत्मा और शरीर को पवित्र और ऊर्जा प्रदान करते हैं। इस वर्ष मकर संक्रांति पर यदि पुष्य नक्षत्र का संयोग बन रहा है, तो यह अद्वितीय है और इसे विशेष रूप से सौभाग्यशाली माना जाएगा। भगवान भास्कर की कृपा प्राप्त करने के लिए इस दिन धार्मिक कार्यों में भाग लें पुण्यकाल का महत्व ज्योतिषियों की माने तो मकर संक्रांति पर पुण्यकाल का समय दिन भर रहेगा। इस दिन स्नान और दान को विशेष फलदायी माना गया है। विशेषकर गंगा, यमुना या अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने का महत्व है। इसके साथ ही, जरूरतमंदों को चूड़ा,तिल, गुड़, अन्न, वस्त्र और धन का दान अत्यंत शुभ माना गया है। मकर संक्रांति पर परंपराएं और रीति-रिवाज 1. स्नान और दान: प्रातःकाल नदी या तीर्थ में स्नान कर दान करने से कई गुना पुण्य मिलता है। 2. विशेष भोजन: इस दिन तिल और गुड़ से बने लड्डू, चूड़ा, खिचड़ी और अन्य पारंपरिक व्यंजन बनाकर सेवन और वितरण किया जाता है। 3. पर्वतीय और धार्मिक उत्सव: मकर संक्रांति पर देशभर में पतंगबाजी, मेलों और धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन होता है। 4. गाय और पक्षियों का दान: गायों को चारा और पक्षियों को अन्न खिलाने की परंपरा भी शुभ मानी जाती है। तिलवा-तिलकुट बाजार में रौनक : बिहारशरीफ। मकर संक्रांति को लेकर सोमवार को शहर के साथ ही ग्रामीण बाजारों में खूब चहल-पहल दिखी। तिलवा-तिलकुट, चूड़ा और भूरा की दुकानों पर दिनभर ग्राहकों की भीड़ उमड़ती रही। बदलते ट्रेंड व लोगों की मांग के साथ तिल की कई वेरायटी बाजार में उतारी गयी है। तिलकतरी, तिल पापड़ी, तिल का लड्डू, बेदाम का लड्डू भी ग्राहकों को खूब पसंद आ रहा है। हिरण्य पर्वत पर उमड़ेगी लोगों की भीड़ बिहारशरीफ। मकर संक्रांति के मौके पर शहर के हिरण्य पर्वत पर हर साल मेला लगता है। स्नान-दान और दही-चूड़ा का स्वाद चखने के बाद पूरा शहर पर्व पर उमड़ पड़ता है। पर्वत पर चाट, पकौड़े, गुपचुप, खिलौने आदि के कई अस्थायी दुकानें सज जाती हैं। बच्चे, युवा और हर उम्र के लोग पर्वत पर आते हैं और मौज-मस्ती करते हैं। मेला को लेकर पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा का विशेष इंतजाम किया गया है। राजगीर के कुंडों में लोग लगाएंगे डुबकी राजगीर। मकर संक्रांति के मौके पर राजगीर के गर्म कुंडों में स्नान करने की वर्षों पुरानी परंपरा है। हर साल इस दिन अहले सुबह चार बजे से ही कुंडों में स्नान करने के लिए लोगों की कतारें लग जाती हैं। इस बार भी बड़ी संख्या में लोगों के राजगीर पहुंचने और कुंडों में स्नान करने की उम्मीद है। सुरक्षा को लेकर पुलिस प्रशासन द्वारा बेहतर इंतजाम किये गये हैं। कई श्रद्धालु इस दिन बख्तियारपुर और बाढ़ के उमानाथ गंगा घाट में स्नान करने जाते हैं। आज समाप्त होगा खरमास, मांगलिक कार्यों की हो जाएगी शुरूआत जनवरी, फरवरी और मार्च में विवाह के है 37 शुभ मुहूर्त पावापुरी, निज संवाददाता। खरमास का समापन मंगलवार 14 जनवरी को हो जाएगा। इसके साथ ही शुभ और मांगलिक कार्यों की शुरुआत होगी। पंडित सूर्यमणि पांडेय कहते हैं कि हिंदू पंचांग के अनुसार, खरमास वह समय होता है, जब सूर्य धनु और मीन राशि में रहता है। इस अवधि में किसी भी शुभ कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश, गृह निर्माण, मुंडन और अन्य मांगलिक कार्य वर्जित माने जाते हैं। खरमास 15 दिसंबर 2024 से शुरू हुआ था और 14 जनवरी 2025 को समाप्त हो रहा है। तीन माह में विवाह के 37 शुभ मुहूर्त हैं। 14 मार्च की रात्रि 8:54 बजे सूर्य मीन राशि में प्रवेश करेंगे। इसके बाद पुन: खरमास आरंभ हो जाएगा। एक बार फिर एक महीने के लिए शुभ कार्यों पर ब्रेक लग जाएगा। फिर 14 अप्रैल के बाद बैंड बाजा और बारात की शुरुआत होगी । मंगल कार्यों का शुभारंभ खरमास समाप्त होते ही मकर संक्रांति के साथ शुभ मुहूर्त की शुरुआत होगी। इसके बाद लोग विवाह, गृह प्रवेश, गृह निर्माण, नामकरण और अन्य मांगलिक कार्य करने के लिए तैयार हो जाएंगे। ज्योतिषियों के अनुसार, इस बार शुभ कार्यों के लिए कई शुभ मुहूर्त उपलब्ध हैं, जिससे लोग अपने रुके हुए कार्यों को पूरा कर सकेंगे। विवाह और गृह प्रवेश के शुभ मुहूर्त ज्योतिषियों की माने तो खरमास समाप्त होने के बाद 15 जनवरी से विवाह और गृह प्रवेश के लिए कई शुभ तिथियां हैं। इस बार फरवरी और मार्च में विशेष रूप से शुभ समय रहेगा। खरमास समाप्ति के साथ ही मंदिरों में धार्मिक आयोजनों की सक्रियता भी बढ़ेगी। मकर संक्रांति के अवसर पर गंगा स्नान और दान-पुण्य का विशेष महत्व है। इसके साथ ही पूजा-अर्चना और अनुष्ठानों का आयोजन होगा। खरमास का महत्व आचार्य पप्पू पांडेय के अनुसार, खरमास के दौरान सूर्य का संक्रमण शुभ कार्यों के लिए उचित नहीं माना जाता। यह समय आत्ममंथन, ध्यान और ईश्वर आराधना के लिए उपयुक्त होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस समय उपवास, दान और धर्म-कर्म करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। विवाह के शुभ मुहूर्त : जनवरी : 16, 17, 18, 19, 20, 21,22, 23, 26, 27 फरवरी : 1,2,3,6,7,12,13, 14, 15, 16, 17, 18, 19, 20, 21, 22, 23, 24, 25 मार्च : 1,2, 3, 6, 7, 12, 13, 14 नालंदा डेयरी : मकर संक्राति में नहीं होगी दूध-दही की कमी नालंदा डेयरी : मकर संक्राति में नहीं होगी दूध-दही की कमी दूध- नालंदा डेयरी। बिहारशरीफ, निज प्रतिनिधि। मकर संक्रांति में दूध-दही की कमी नहीं होगी। नालंदा डेयरी ने साढ़े छह लाख लीटर दूध और 54 टन दही की व्यवस्था की है। सीओ मजीदउद्दीन ने बताया कि उपभोक्ताओं की दूध-दही की कमी नहीं हो इसके लिए नालंदा डेयरी ने पूरी तैयारी कर ली है। नौ जनवरी से ही सुधा डेयरी के काउंटरों पर पर्याप्त मात्रा में दूध-दही मिलना शुरू हो जायेगा। दही के साथ ही तिलकुट व अनरसा की भी उपभोक्ताओं के लिए व्यवस्था की गयी है। पिछले साल की तुलना में इस बार मांग में 20 प्रतिशत वृद्धि हुई है। डेयरी से प्रोडक्ट नालंदा, नवादा और शेखपुरा जिले में सप्लाई किया जाएगा। जिला प्रशासन द्वारा राजगीर में आयोजित मकर मेला में 14 जनवरी को दही खाओ-इनाम पाओ प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। तीन मिनट में सबसे ज्यादा दही खाने वाले प्रतिभागियों को प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार से पुरस्कृत किया जायेगा। प्रतियोगिता में प्रवेश निबंधन के आधार पर किया जायेगा। प्रतियोगिता में भाग लेने वाले व्यक्तियों का निबंधन पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर डेयरी द्वारा किया जायेगा। इच्छुक व्यक्ति नौ से 13 जनवरी की शाम पांच बजे तक संपर्क कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सुधा डेयरी के काउंटर पर पर्याप्त मात्रा में दूध-दही उपलब्ध होगा। इस वर्ष नालंदा डेयरी ने नया स्मार्ट दही लॉन्च किया है। यह उत्पाद प्रीमियम दही की तुलना में कम फैट वाला और अधिक किफायती है। स्मार्ट दही को उपभोक्ताओं की आवश्यकता और स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर बाजार में उतारा गया है। शुभ कार्य होंगे शुरू तो व्यापार और बाजारों में लौट आएगी रौनक बिहारशरीफ, कार्यालय प्रतिनिधि। खरमास 15 दिसंबर 2024 से शुरू हुआ था। इसका समापन 14 जनवरी 2025 को होगा। करीब 30 दिनों के विराम के बाद मंगलवार से शुभ और मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगी। इसी के साथ बाजारों की रौनक भी बढ़ जाएगी। विवाह, गृह प्रवेश व अन्य शुभ कार्यों के लिए लोग जरूरी सामान व सामग्रियों की खरीदारी प्रारंभ करेंगे। खासकर विवाह के शुभ मुहूर्त शुरू होने से कपड़े, आभूषण, सजावट, होटल और मैरेज हॉल कारोबार को एक बार फिर से गति मिल जाएगी। मिनी सूरत के नाम से मशहूर सोहसराय कपड़ा मंडी के कारोबारी राजू कुमार, कमलेश कुमार व अन्य कहते हैं कि लोकल के साथ ही बाहर के थोक कपड़ा कारोबारियों का आना अब शुरू होगा तो व्यापार की रौशन बढ़ जाएगी। पुलपर के इलेक्ट्रॉनिक्स दुकान के संचालक सुशील कुमार कहते हैं कि शुभ लग्न शुरू होने वाले हैं। टीवी, फ्रीज, वाशिंग मशीन, गिजर समेत अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स सामान की डिमांड बढ़ेगी। खरमास समाप्त होते ही खरीदार पहुंचने लगेंगे तो सुस्त पड़े व्यापार को फिर से नयी रफ्तार मिल जाएगी।
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