मनरेगा : परंपरागत कार्यों से अलग तरह के काम को प्राथमिकता
मनरेगा : परंपरागत कार्यों से अलग तरह के काम को प्राथमिकतामनरेगा : परंपरागत कार्यों से अलग तरह के काम को प्राथमिकतामनरेगा : परंपरागत कार्यों से अलग तरह के काम को प्राथमिकतामनरेगा : परंपरागत कार्यों से...
मनरेगा : परंपरागत कार्यों से अलग तरह के काम को प्राथमिकता जीविका कार्यालय भवन से लेकर खेल मैदान को किया जा रहा विकसित फोटो : मनरेगा : मनरेगा से निर्मित खेल मैदान। बिहारशरीफ, निज प्रतिनिधि। मनरेगा को रोजगार गारंटी योजना के नाम से भी जाना जाता है। मनरेगा से अधिक से अधिक लोगों को काम मिले व बेहतर काम हो इसकी तैयारी जारी है। मनरेगा के परंपरागत काम मिट्टी खुदाई, कच्चा काम, आहर-पईन की उड़ाही जैसे कामों से हटकर अन्य तरह के कामों को भी प्राथमिकता दी जा रही है। बैट्री चार्जिंग प्वाइंट, कंप्यूटर कवर निर्माण, ऑप्टिकल फाइबर संबंधित काम भी अब मनरेगा के तहत कारए जाएंगे। डीपीओ प्रवीण कुमार ने बताया कि अभी खेल मैदान को प्राथमिकता से काम कराया जा रहा है। विभागीय जानकारी के अनुसार इसमें कुछ और काम भी जोड़ा जाएगा। उनका यह भी कहना है कि अभी विभाग से किसी तरह का आदेश जारी नहीं हुई है। हर साल मनरेगा से कार्य योजना तैयार की जाती है। कार्य योजना तैयार होने से बुनियादी व आवश्यकताओं को ख्याल में रखकर धरातल पर काम को धरातल पर उतारने में सहूलियत होती है। चयनित योजनाओं पर प्राथमिकता के साथ काम कराये जाएंगे। मनरेगा मुलत: जॉब आधारित काम को प्राथमिकता देता है। ताकि अधिक से अधिक लोगों को गांव व पंचायत में ही काम मिल सके। मनरेगा से नालंदा में चेक डैम का निर्माण, आहर, पईन की उड़ाही, खेल मैदान को विकसित किया जा रहा है। पक्का काम में आंगनबाड़ी केंद्रों का भवन, विद्यालयों की घेराबंदी, प्रखंडों में जीविका भवन का भी निर्माण किया जा रहा है। मनरेगा से जिले में 4.65 लाख पौधे भी इस साल लगाए गए हैं। मिशन हरियाली के कई और काम भी कराए जा रहे हैं।
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