27 वर्ष पहले बना महद्दीपुर प्राथमिक विद्यालय में अब तक शुरू नहीं हुई पढ़ाई
27 वर्ष पहले बना महद्दीपुर प्राथमिक विद्यालय में अब तक शुरू नहीं हुई पढ़ाई27 वर्ष पहले बना महद्दीपुर प्राथमिक विद्यालय में अब तक शुरू नहीं हुई पढ़ाई27 वर्ष पहले बना महद्दीपुर प्राथमिक विद्यालय में अब तक...
27 वर्ष पहले बना महद्दीपुर प्राथमिक विद्यालय में अब तक शुरू नहीं हुई पढ़ाई गांव के छोटे-छोटे नौनिहाल बच्चे दूसरे गांव में जा रहे पढ़ने विधायक के प्रयास से गांव में 1998 में बनाया गया था दो कमरों का स्कूल ग्रामीणों में आक्रोश, कहा छोटे बच्चे खराब मौसम में नहीं जा पाते हैं स्कूल घर लौटने तक सताती है बच्चों की चिंता, लोगों ने इस स्कूल में पढ़ाई शुरू करवाने की लगायी गुहार फोटो : महद्दीपुर स्कूल भवन : सरमेरा प्रखंड का महद्दीपुर प्राथमिक विद्यालय भवन का हाल। सरमेरा, निज संवाददाता। शिक्षा विभाग गांव के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए कितना गंभीर है। इसकी बानगी सरमेरा प्रखंड की मीरनगर पंचायत के महद्दीपुर गांव का स्कूल भवन है। 27 वर्ष पहले ही महद्दीपुर प्राथमिक विद्यालय का भवन बन गया है। लेकिन, उसमें अब तक पढ़ाई शुरू नहीं हुई है। एक तरफ कई स्कूलों में कमरों की किल्लत है। यहां बना स्कूल भवन 27 साल से शुरू होने का इंतजार कर रहा है। इस कारण इस गांव के छोटे-छोटे नौनिहाल बच्चों को दूसरे गांव में पढ़ने के लिए जाना पड़ रहा है। तत्कालिन विधायक सतीश कुमार व ग्रामीणों के अथक प्रयास से गांव में 1998 में दो कमरों का स्कूल बनाया गया था। ताकि, नौनिहालों को पढ़ने के लिए भटकना न पड़े। इसके शुरू नहीं होने से ग्रामीणों में काफी आक्रोश है। ग्रामीणों ने कहा कि छोटे बच्चे खराब मौसम में स्कूल तक नहीं जा पाते हैं। स्कूल भेजने के बाद उनके घर लौटने तक चिंता सताती रहती है। ग्रामीणों ने अविलंब इस स्कूल में पढ़ाई शुरू करवाने की अधिकारियों से गुहार लगायी है। उद्घाटन के बाद किसी ने नहीं ली इसकी सुध : इसका विधिवत् उद्घाटन तत्कालीन विधायक सतीश कुमार व बीडीओ ने 27 सितम्बर 1998 को किया था। लेकिन, उद्घाटन के बाद से इस विद्यालय की किसी ने सुध तक नहीं ली। इस स्कूल में पढ़ाई शुरू करवाने को लेकर लोग कई बार बीडीओ से लेकर डीएम और सीएम तक से गुहार लगा चुके हैं। अधिकारी हर बार कोरा अश्वासन ही दे रहे हैं। छोटे बच्चे पढ़ने के लिए जाते हैं दूसरे गांव : महद्दीपुर गांव में अधिकांश अबादी मल्लाह जाति की है। ये लोग गरीब एवं मजदूर तबके के हैं। इनके छोटे-छोटे बच्चों को बगल के गांव के स्कूल में पढ़ने के लिए जाना पड़ रहा है। बरसात व गर्मी के दिनों में बच्चों की परेशानी बढ़ जाती है। वार्ड सदस्य रामप्रवेश केवट, ग्रामीण रोहन केवट, रामगुलेल केवट, भोला केवट, सदन केवट, बिन्दे केवट व अन्य ग्रामीणों ने बताया कि विधायक डॉ. जितेन्द्र कुमार और सांसद कौशलेन्द्र कुमार से भी यहां पढ़ाई शुरू करवाने को लेकर कईबार गुहार लगा चुके हैं। पर किसी ने इसपर ध्यान नहीं दिया। अब तो विद्यालय भवन भी जर्जर होता जा रहा है। कई जगह से दिवारों पर प्लास्टर तक उखड़ चुके हैं। हद तो यह कि दिवारों में दरारें तक आ चुकी है। बिना यूनिट स्वीकृत हुए आखिर कैसे बना भवन : सरकारी नियामनुसार किसी भी प्राथमिक विद्यालय भवन निर्माण के पहले वहां स्कूल की यूनिट की स्वीकृति अनिवार्य है। पर महद्दीपुर गांव में बिना यूनिट स्वीकृत किये ही भवन बना दिया गया। इसके चलते सरकार की एक बड़ी राशि खर्च होने के बावजूद ग्रामीणों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। यह जांच का भी विषय है कि आखिर इस गांव में बगैर यूनिट की स्वीकृति के स्कूल भवन कैसे बन गया। सरकार की इतनी बड़ी राशि के दुरुपयोग के लिए कौन दोषी है। कहते हैं अधिकारी : महद्दीपुर प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाई शुरू कराने के लिए विभाग के वरीय अधिकारियों को लिखा जाएगा। यूनिट की स्वीकृति कर पढ़ाई शुरू करने का अनुरोध किया जाएगा। दिलीप कुमार सिंह, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, सरमेरा
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।