मेरी सुनें: पहली लहर में ही मैंने चुना होम आइसोलेशन का रास्ता
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मेरी सुनें: पहली लहर में ही मैंने चुना होम आइसोलेशन का रास्ता
फोटो :
सर्वेश कुमार: सर्वेश कुमार, प्रधानाध्यापक, प्राथमिक विद्यालय महमदपुर बेलदरिया टोला, अस्थावां।
अस्थावां। निज संवाददाता
प्रखंड के महमदपुर बेलदरिया टोला स्थित प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक सर्वेश कुमार कोरोना की पहली लहर में ही संक्रमित हो गए। उस समय लोगों के संक्रमित मिलने पर तुरंत अस्पताल या आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर दिया जाता था। पर, मैंने खुद ही अपने दम पर होम आइसोलेशन का रास्ता चुना। काम के दौरान संक्रमित होने की आशंका थी। इसके बाद पावापुरी विम्स में 16 जुलाई 2020 को कोरोना जांच के लिए सैंपल देने गया। उस दिन मेरा सैंपल नहीं लिय गया। फिर मैंने 17 जुलाई को सैंपल दिया। 19 जुलाई को मेंरी रिपोर्ट पॉजिटिव आयी। पॉजिटिव रिपोर्ट से परिवार और दोस्त काफी डर गए। उस समय तक कुछ लक्षण दिखने लगे थे। तब मैंने विम्स के डॉक्टरों से आग्रह करके मैं घर में ही होम आइसोलेशन में चला गया। चिकित्सीय सलाह के साथ आवश्यक दवाएं लेता रहा। सुबह शाम भाप लेने के साथ हल्दी दूध, तुलसी, दाल चीनी व लौंग का काढ़ा प्रतिदिन लेता रहा। उस समय कोरोना का डर भी चरम पर था। घर पर आने से आस पास के लोग परेशान व भयभीत थे। लोगों के मन में था कि कहीं आस पास के लोग संक्रमित न हो जाएं। लेकिन, पत्नी रंजु कुमारी व बच्चों ने साथ निभाया। कभी भी किसी तरह की परेशानी नहीं होने दी। जब पत्नी व बच्चे घर से बाहर कोई सामान लेने जाते, तो लोग दुर भागते थे। दोस्त प्रतिदिन फोन से हाल चाल लेते रहे।
11 दिनों बाद मेरी तबियत अच्छी लगने लगी। तब 28 जुलाई को जांच करायी। उसमें रिपोर्ट निगेटिव आयी। बापजुद 10 अगस्त तक होम आइसोलेशन में ही रहा। अगर कोई लक्षण न हो, तो होम आइसोलेशन ही इसका सबसे कारगर उपाय है। संक्रमित हो जाएं, तो घबराएं नहीं। बल्कि इससे लड़ें। प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले भोजन अवश्य करें।
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