गौरव : हरनौत की बेटी गोल्डी को राष्ट्रपति ने वीर बाल सम्मान से किया सम्मानित
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गौरव : हरनौत की बेटी गोल्डी को राष्ट्रपति ने वीर बाल सम्मान से किया सम्मानित थाइलैंड में शॉट पुट में गोल्ड समेत तीन पदक जीतने पर हुई पुरस्कृत विश्व एबिलिटी पैरा यूथ गेम में भारत का लहराया था परचम फोटो : हरनौत गोल्डी : बुधवार को दिल्ली में सम्मानित होने के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु हरनौत के सरथा संत पॉल इंग्लिश स्कूल की छात्रा गोल्ड मेडलिस्ट गोल्डेन गर्ल गोल्डी कुमारी, शेखोपुरसराय के सौरव कुमार व अन्य। हरनौत गोल्डी 02 : दिल्ली में वीर बाला पुरस्कान से सम्मानित गोल्डी व सौरव से मिलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। बिहारशरीफ, निज संवाददाता। हरनौत की बेटी गोल्डेन गर्ल गोल्डी कुमारी को बुधवार को दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने वीर बाल सम्मान से सम्मानित किया। एक से सात दिसंबर तक थाइलैंड में हुए विश्व एबिलिटी पैरा यूथ गेम में उन्होंने भारत का परचम लहराया था। इसमें गोल्डी ने शॉट पुट में गोल्ड समेत तीन पदक अपने नाम किया था। इसके लिए उन्हें इस सम्मान से पुरस्कृत किया गया। हरनौत के सरथा संत पॉल इंग्लिश स्कूल की छात्रा गोल्ड मेडलिस्ट गोल्डेन गर्ल गोल्डी कुमारी को दिल्ली में सम्मानित होने पर लोगों ने वीर बाला को बधाई दी है। इन वीर बालकों से पीएम नरेंद्र कुमार ने भी मिलकर उन्हें सम्मानित किया। प्राचार्य बीजू थॉमस ने कहा कि गोल्डी हरनौत या बिहार की नहीं, बल्कि भारत की बेटी बन चुकी है। इस पर हमें नाज है। इसने स्कूल से जीत का सफर शुरू किया था। आज इस मुकाम पर देखकर स्कूल प्रशासन गौरवान्वित है। आज वह किसी नाम की मोहताज नहीं है। पूरे विश्व में गोल्डी का डंका बज रहा है। उन्होंने पैरा यूथ गेम में शॉट पुट में स्वर्ण, भाला फेंक व डिस्कस थ्रो में एक-एक कांस्य पदक लाकर तीन पदक भारत की झोली में डालकर देश का मान बढ़ाया है। उन्होंने बताया कि गोल्डी जब 10 माह की थी, तब वह अपने मां व दादी के साथ बख्तियारपुर रेलवे जंक्शन से खुसरूपुर जा रही थी। इसी दौरान बख्तियारपुर जंक्शन पर गिरने से रेल की चपेट में आ गयी थी। इसमें दायां हाथ खो दिया था। बावजूद उसने अपनी परेशानी को एक अवसर में बदल दिया है। उन्हें सम्मानित होने पर कोच कुंदन कुमार पांडेय, आरपीएस कॉलेज के प्राचार्य प्रो. डॉ. उपेंद्र कुमार सिन्हा, डॉ. अनुज कुमार, रवि कुमार, संतोष कुमार, विनोद कुमार, विनय कुमार व अन्य ने गोल्डी को शुभकामनाएं व बधाई दी है। सरथा से दिल्ली तक का किया सफर तय : गोल्डी का यह सफर हरनौत जैसे छोटे से शहर से शुरू हुआ था। जहां स्कूल स्तर के खेल प्रतियोगिता में उन्होंने कई मेडल जीते। वहां व सामान्य खिलाड़ियों के साथ ही अभ्यास कर प्रतियोगिता में शामिल होती थी। बावजूद वह विजेता बनती थी। सातवीं वर्ग आते आते शॉट पुट व भाला फेंक ओर डिस्कस थ्रो में उनकी पकड़ बढ़ती गयी। वर्ष 2019 से हरनौत खेल स्टेडियम में उन्होंने अभ्यास किया। इसके बाद वे गत 10 माह से कोलकाता में प्रशिक्षण ले रही थीं। इसके बाद उन्होंने थाइलैंड में अपने खेल का जलवा बिखेरा था। उन्होंने वहां तीन प्रतिस्पर्धा में शिरकत किया था। तीनों प्रतियोगिता में वे विजेता बनी थीं। महज 17 साल की उम्र में उन्होंने हरनौत से दिल्ली तक का सफर तय किया है।
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