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नहीं खुला मुहाने नदी का मुंह, फिर आंदोलन के मूड में हिलसा के किसान

नहीं खुला मुहाने नदी का मुंह, फिर आंदोलन के मूड में हिलसा के किसाननहीं खुला मुहाने नदी का मुंह, फिर आंदोलन के मूड में हिलसा के किसाननहीं खुला मुहाने नदी का मुंह, फिर आंदोलन के मूड में हिलसा के...

Newswrap हिन्दुस्तान, बिहारशरीफSun, 12 Jan 2025 07:09 PM
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नहीं खुला मुहाने नदी का मुंह, फिर आंदोलन के मूड में हिलसा के किसान मुहाने नदी का मुंह खोलने के लिए वर्ष 2002 में 73 दिनों तक चला था सत्याग्रह आंदोलन फोटो 12हिलसा01 : फल्गु बराज का सर्वेक्षण करते समाजसेवी साधु शरण सिंह व अन्य किसान नेता। हिलसा, निज प्रतिनिधि। मुहाने नदी बराज का मुंह बन्द हो जाना हिलसा प्रखंड के किसानों के लिए बहुत बड़ी समस्या बन चुकी है। मुंह खोलने के लिए लगभग 22 साल पहले समाजसेवी सह भूतपूर्व मुखिया साधु शरण सिंह के नेतृत्व में 73 दिनों तक चला सत्याग्रह आंदोलन चला था। उच्च न्यायालय में रिट दायर में किसानों के हित मे फैसले भी आये थे। बावजूदे आजतक मानग पूरी नहीं की जा सकी है। मुहाने नदी खुदाई संघर्ष समिति के अध्यक्ष साधु शरण सिंह, किसान नेता मुन्नीलाल यादव, दिनेश यादव व अरुण यादव ने नोनाई और मुहाने नदियों की स्थिति का जायजा लेते हुए रविवार को एक बार फिर से किसान आंदोलन का बिगुल फूंक दिया है। इसके लिए 17 जनवरी को अनुमंण्डल मुख्यालय पर धरना के साथ आंदोलन शुरू करने का ऐलान किया। कहा कि हिलसा प्रखंड की अरपा पंचायत अंतर्गत कालियाचक के निकट अग्नू बिगहा मुहाने नदी के तट से होते हुए निश्चलगंज बियर से लेकर फल्गु बराज तक पहुंचा है। अखिल भारतीय किसान महासभा के जिला अध्यक्ष मुनिलाल यादव और उपाध्यक्ष दिनेश कुमार यादव ने कहा कि इस मुहाने नदी का मुंह बंद रहने के कारण फल्गु नदी का समानांतर जल बंटवारा नहीं हो पाता है। इसकी वजह से हिलसा अनुमंडल का पश्चिमी भाग कभी भयंकर बाढ़ की तो पूर्वी भाग लगातार सुखाड की चपेट में रहता है। सुखाड़ की वजह से भूजल स्तर इतना नीचे गिर जाता है कि खेतों की सिंचाई की बात तो छोड़ दीजिए पानी पीने के लिए गर्मी के मौसम में मवेशी से लेकर मानव, पशु-पक्षी तक त्राहिमाम रहते हैं। नोनाई और मुहाने नदियों की संपूर्ण खुदाई हो चुकी है। सरकार की घोर लापरवाही के चलते मुहाने नदी का मुंह पर एक-दो किलोमीटर की खुदाई बाकी है। किसान की हित को देखते हुए अखिल भारतीय किसान महासभा नालंदा इकाई की ओर से पुनः मुहाने नदी का मुंह खोलने का अनवरत संघर्ष चलाने की रूपरेखा तैयार की है। इसके आलोक में 17 जनवरी को किसानों के विभिन्न मांगों सहित एक विराट धरना का आयोजन अनुमंडल मुख्यालय पर रखा गया है।

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