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सदमे में परिजन गंवाने लगे जान, उजड़ने लगे घर

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Newswrap हिन्दुस्तान, बिहारशरीफSun, 2 May 2021 08:40 PM
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सदमे में परिजन गंवाने लगे जान, उजड़ने लगे घर

कोरोना लील रहा परिवार के सदस्यों की जान

बिंद में बेटे के बाद पिता तो हरनौत में भाई के बाद बहन की हुई मौत

कोरोना ने उजाड़ दिया परिवार, बेटे के बाद पिता की मौत

बिंद के कथराही गांव में मातमी सन्नाटा, घर में मचा कोहराम

एक ही परिवार के दो की मौत, एक की हालत गंभीर, चल रहा इलाज

हरनौत में एक पखवारे में ही उठीं भाई-बहन की अर्थियां

फोटो:

कोरोना कहर: बिंद के कथराही गांव में शुक्रवार को फैला मातमी सन्नाटा।

बिंद/हरनौत। निज संवाददाता/चंद्रभूषण पाण्डेय/मुकेश कुमार

कोरोना का कहर अब संक्रमित लोगों के परिजनों पर भी बरपने लगा है। परिजनों की मौत से पहले ही लोग सदमे में जी रहे हैं। अब तो सदमे में मृतकों के अन्य नजदीकी रिश्तेदार भी जान गंवाने लगे हैं। इससे लोगों के घर उजड़ने लगे हैं। बिंद के कथराही गांव में बैंककर्मी बेटे के बाद उनके पिता तो हरनौत में शिक्षक भाई के बाद बहन की कोरोना से मौत हो गयी। इनके अन्य परिजनों की भी हालत गंभीर बनी हुई है। इससे इन गांवों में मातमी सन्नाटा छाया हुआ है। कथराही में तो बेटे की मौत की खबर सुनते ही माता-पिता की तबीयत खराब हो गयी थी। इससे पिता की शुक्रवार को मौत हो गयी। जबकि, माता गंभीर रूप से बीमार हैं।

बिन्द के कथराही गांव मे कोरोना के कहर से एक परिवार का घर उजड़ गया। दो दिनों के अंतराल में एक ही परिवार के दो लोगों की मौत हो गई। दो दिन पहले बेटे की मौत हुई थी। शुक्रवार को पिता की मौत हो गयी। जबकि, इस परिवार के एक महिला सदस्य की हालत गंभीर है। परिजनों के क्रंदन से घर में कोहराम मचा है। गांव में मातमी सन्नाटा पसर गया है। लोगों की आंखें नम हैं।

भाई बहन दोनों की शुक्रवार को ही उठी अर्थी:

कोरोना कहर के काल के गाल में भाई बहन समा गए। इसने एक पखवारा के अंदर भाई बहन की जीवन लीला को समाप्त कर दिया। न राखी बंधवाने के लिए हाथ रहा, न ही राखी बांधने वाली का साथ रहा। भाई के श्राद्ध कर्म खत्म होने के दो दिन बाद बहन का श्राद्ध करना पड़ा। इसे संयोग ही कहेंगे कि दोनों भाई बहन की अर्थी भी शुक्रवार को कही उठी। जिसने भी इस घटना को सुना, उसका ह्रदय जार जार कर रो उठा।

16 अप्रैल को भाई व 30 अप्रैल को बहन की अर्थी उठने पर इन दोनों परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया। कहा जाता है कि भाई बहन का अटूट बंधन है। बावजूद कोरोना से भाई के मरने के बाद ठीक से अंतिम दर्शन नहीं हो पाना मन में एक टीस पैदा करती है। एक बहन के लिए यह आसान नहीं है। जिसे बचपन में गोद में खेलाया। खिलौना देकर बहलाया। हर साल राखी बांधकर एक दूसरे का साथ निभाया। उसी लाडले भाई को मरने के बाद गले से नहीं लग सकी। एक बहन के लिए भाई का खोने का गम सहन नहीं हो पाया। भाई के मरने के एक पखवारा के अंदर दुनिया छोड़ कर चली गई।

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