शिक्षा का केन्द्र नालंदा के 106 विद्यालयों में 30 से कम बच्चे हैं नामांकित
शिक्षा का केन्द्र नालंदा के 106 विद्यालयों में 30 से कम बच्चे हैं नामांकितशिक्षा का केन्द्र नालंदा के 106 विद्यालयों में 30 से कम बच्चे हैं नामांकितशिक्षा का केन्द्र नालंदा के 106 विद्यालयों में 30 से...
हिन्दुस्तान एक्सक्लूसिव : शिक्षा का केन्द्र नालंदा के 106 विद्यालयों में 30 से कम बच्चे हैं नामांकित कई विद्यालयों में 8 बच्चों को पढ़ाने के लिए चार-चार शिक्षक हैं तैनात 2 स्कूलों में एक भी बच्चा नामांकित नहीं, फिर भी पढ़ाने को तीन शिक्षक हैं तैनात एक स्कूल में महज 7 बच्चों को पढ़ाने को दो, तो दूसरे में 6 बच्चे को पढ़ाने के 3 शिक्षक हैं कार्यरत फोटो : डीईओ ऑफिस : जिला शिक्षा कार्यालय का भवन। बिहारशरीफ, हिन्दुस्तान संवाददाता/अभिषेक कुमार। शिक्षा के केन्द्र नालंदा में दो हजार 446 सरकारी स्कूल संचालित हैं। इनमें 106 ऐसे विद्यालय हैं, जिनमें 30 से भी कम बच्चे नामांकित हैं। जबकि, इन स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने के लिए मानक से काफी अधिक शिक्षक कार्यरत हैं। कई विद्यालय ऐसे हैं, जहां महज आठ बच्चे ही नामांकित हैं। जबकि, इन्हें पढ़ाने के लिए चार-चार शिक्षक तैनात हैं। एक स्कूल ऐसा भी है, जहां केवल सात बच्चे नामांकित हैं। इन्हें पढ़ाने के लिए दो शिक्षक कार्यरत हैं। हद तो यह कि जिले में दो ऐसे भी विद्यालय हैं, जहां एक भी बच्चा नामांकित नहीं है। लेकिन, एक स्कूल में दो और दूसरे स्कूल में एक शिक्षिका कार्यरत हैं। इन दोनों स्कूलों के शिक्षक बच्चों को बिना पढ़ाई कराए ही शिक्षा विभाग से वेतन का भुगतान पा रहे हैं। जानकारों ने बताया कि इनमें इन शिक्षकों की गलती नहीं हैं। बल्कि, विभागीय अधिकारियों की अनदेखी की वजह से ही ऐसा हो रहा है। हालांकि, प्रारंभिक विद्यालय में एमडीएम पर भी विभाग नकेल कसनी शुरू की है। ऐसे में फर्जीवाड़ा करने वाले शिक्षकों पर भी कार्रवाई होना तय है। विभागीय प्रावधान के अनुसार स्कूलों में नामांकित शत-प्रतिशत छात्रों का आधार समेत ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर डाटा इंट्री करना भी अनिवार्य है। रहुई के मिर्जापुर मध्य विद्यालय समेत कई ऐसे विद्यालय भी हैं, जहां शिक्षकों की घोर कमी हैं। नामांकित बच्चे महज 6 और 3 शिक्षक तैनात : एकंगरसराय प्रखण्ड के फगुनीपर प्राथमिक विद्यालय में महज छह बच्चे नामांकित हैं। आश्चर्य की बात यह है की इन बच्चों को पढ़ाने के लिए तीन शिक्षक तैनात हैं। इसी, तरह पारथुमठ प्राथमिक विद्यालय में महज सात बच्चे नामांकित हैं। जबकि, इन्हें पढ़ाने के लिए दो शिक्षक कार्यरत हैं। हरनौत प्रखण्ड के चिंतामनचक और अमैतरा में 8-8 बच्चे नामांकित हैं। चिंतामनचक में दो और अमैतरा में चार शिक्षक कार्यरत हैं। हद तो यह की इस्लामपुर के गंगटी प्राथमिक विद्यालय में एक भी बच्चे नामांकित नहीं हैं पर यहां एक शिक्षिका तैनात हैं। इसी तरह, हरनौत के महवाचक प्राथमिक विद्यालय में भी एक भी बच्चे नामांकित नहीं है। जबकि, इस विद्यालय में भी दो शिक्षक कार्यरत हैं। बुद्धिजीवियों का कहना है की शिक्षा विभाग की अनदेखी की वजह से इन दोनों स्कूलों में बेवजह शिक्षकों की तैनाती है। बच्चों की बिना पढ़ाई कराए ही बैठे-बैठे विभाग द्वारा वेतन भुगतान किया जा रहा है। इन स्कूलों के शिक्षकों को दूसरे अन्य स्कूलों में प्रतिनियुक्ति की जानी चाहिए। बोले अधिकारी : जिन स्कूलों में 30 से भी कम बच्चे नामांकित हैं और मानक से अधिक शिक्षक कार्यरत हैं, उन स्कूलों की स्थलीय जांच कराई जाएगी। मानक के अनुसार ही शिक्षकों को स्कूलों में तैनाती की जाएगी। राजकुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।