नियोक्ता कर रहे कर्मचारियों के भविष्य से खिलवाड़
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नियोक्ता कर रहे कर्मचारियों के भविष्य से खिलवाड़ अधर में लटका है हजारों कर्मचारियों का भविष्य ईपीएफओ और ईएसआईसी के दायरे में अधिसंख्य कर्मचारी नहीं सबकुछ जानने के बाद भी चुप्पी साध रखे हैं सरकारी अधिकारी हिलसा, निज संवाददाता। देश के किसी भी कोने में काम करने वाले दैनिक व नियोजित कर्मचारियों के हितों के लिए सरकार कई लाभाकारी योजनाएं चला रही है। ऐसी ही योजनाओं में शामिल है कमर्चारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) व कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी)। कारखानों तथा सड़क परिवहन, होटलों, रेस्तरां, सिनेमा, दुकान, शैक्षिक और चिकित्सा जैसी अन्य संस्थाओं में कार्यरत कर्मचारी उक्त दोनों योजनाओं का लाभ ले सकते हैं। हिलसा शहर के अलावा जिले के कई इलाकों में सरकारी एवं गैर-सरकारी कार्यालय हैं। इनमें निजी तौर हजारों कर्मचारी कार्यरत हैं। ऐसे कर्मचारियों में कुछ को छोड़ अधिसंख्य कर्मचारी न तो ईपीएफओ और न ही ईएसआईसी में नामित हैं। ऐसी स्थिति में यह कहा जाना अनुचित नहीं होगा कि ऐसे कर्मचारियों के भविष्य के साथ नियोक्ता खिलवाड़ कर रहे हैं। कर्मचारियों को ईपीएफओ और ईएसआईसी के दायरे में नहीं लाने से नियोक्ता को हर माह एक बड़ी राशि की बचत है। नियोक्ता का यह कृत्य न केवल कर्मचारी विरोधी बल्कि विधि-सम्मत भी नहीं है। इसकी जानकारी सबों को है, बावजूद इसके काम लेने वाले सरकारी अधिकारी भी चुप्पी साधे हुए हैं। इसका जीता-जागता नमूना हिलसा तथा उसके आसपास इलाके में स्थापित सरकारी एवं गैरसकारी स्कूल, चिकित्सा संस्थान, नगर पंचायत, नगर परिषद, ग्राम पंचायत, होटल, बड़े दुकान व मॉल तथा वाहन संचालन आदि जगहों में काम करने वाले कर्मचारी हैं। कई ऐसे संस्थान हैं, जहां 20 से अधिक लोग काम करते हैं। नियमानुसार जिस सस्थान में 10 से अधिक लोग काम करते हैं वहां ईएसआईसी लागू किया जाना चाहिए। ऐसे संस्थानों में कुछेक को छोड़ दें तो अधिकतर संस्थानों के कर्मचारी को अबतक ईपीएफओ और ईएसआईसी के दायरे में नहीं लाया गया हैं। ऐसे कर्मचारी को ईपीएफओ और ईएसआईसी के दायरे में लाने के लिए निजी संस्थाओं में खुद के सर्वेसर्वा उनके मालिक न तो कोई रुचि ले रहे और न तो जबाबदेह ऑफिसर कोई कार्रवाई कर रहे। इतना ही नहीं, ऐसे कर्मचारियों से सरकारी कार्यालय में काम लेने वाले अधिकारी भी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे। इस लापरवाही का प्रतिकूल असर उन कर्मचारियों के भविष्य पर हो रहा जो रोजना खून-पसीना बहाकर अपनी सेवा दे रहा है। कहते हैं अधिकारी: ईएसआईसी का लाभ लेने के लिए अगर नियोक्ता चाहें तो कर्मचारी के हित में विभाग में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। इसके अलावा कोई कर्मचारी भी लाभ के लिए अपना पूर्ण ब्योरा उपलब्ध कराते हुए विभाग में दावा कर सकता है। ऐसे आवेदनों पर जांच के बाद विधि-सम्मत कार्रवाई की जाएगी। संतोष कुमार, शाखा निरीक्षक-सह-प्रबंधक, ईएसआईसी, बिहारशरीफ
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