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डॉक्टर से सवाल जवाब : वैक्सीनेशन व सतर्कता ही उपाय हैं कोरोना से बचाव के

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Newswrap हिन्दुस्तान, बिहारशरीफFri, 14 May 2021 08:50 PM
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डॉक्टर से सवाल जवाब : वैक्सीनेशन व सतर्कता ही उपाय हैं कोरोना से बचाव के

फोटो :

डॉ. पुष्कल यादव: डॉ. पुष्कल यादव, सीनियर रेसिडेंट, पावापुरी विम्स।

नूरसराय। निज प्रतिनिधि

कोरोना संक्रमण से बचने के लिए पूरे देश में लोगों को वैक्सlनेट किया जा रहा है। अधिक से अधिक लोगों को वैक्सीनेट करके ही हम हर्ड इम्यूनिटी बना सकते हैं। कोरोना संक्रमण से बचने के लिए वैक्सीनेशन व सतर्कता ही फिलहाल एकमात्र उपाय है। ऐसे ही कुछ उलझे सवालों के जवाब जानें पावापुरी मेडिकल कॉलेज के सीनियर रेसिडेंट एनेस्थेसियोलॉजिस्ट डॉ. पुष्कल यादव से।

सवाल - कोविड 19 से संक्रमित होने के बाद कितने दिनों तक मरीज के खून में एंटीबॉडीज रहते हैं।

जवाब - कोविड 19 से संक्रमित होने के 6 से 8 माह तक मरीज के खून में कोरोना के लिए एंटीबॉडीज रहते हैं।

सवाल - वैक्सीन का असर कब शुरू होता है।

जवाब - दूसरी डोज लगने के 14 दिन बाद वायरस से बचाने में वैक्सीन पूरी तरह प्रभावी हो जाता है।

सवाल - वैक्सीन की पहली डोज के बाद इंफेक्शन हुआ तो दूसरी डोज कब लेनी चाहिए।

जवाब - आरटीपीसीआर जांच में निगेटिव आने के 14 दिनों तक व्यक्ति को वेट एंड वॉच करना चाहिए। 14 दिनों तक कोई लक्षण नहीं दिखे। तभी वैक्सीन की दूसरी डोज लगवानी चाहिए।

सवाल - कोवैक्सीन की दूसरी डोज कितने दिनों बाद लगवानी चाहिए।

जवाब - पहली डोज लेने के बाद 28 से 42 दिन के बीच दूसरी डोज लगवानी चाहिए।

सवाल - कोविशिल्ड वैक्सीन की दूसरी डोज कब लें।

जवाब - 42 से 56 दिन के बीच ले सकते हैं।

सवाल - वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद भी मास्क पहनना आवश्यक है या नहीं।

जवाब - वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद भी संक्रमित होने की आशंका बनी रहती है। पर गंभीर तरीके से रोग प्रभावित नहीं करेगा। इसलिए दोनों डोज लेने के बाद भी कोरोना गाइड लाइन का पालन करना आवश्यक है।

सवाल - वैक्सीन की पहली डोज लेने बाद इफेक्ट होने पर प्लाजमा थेरैपी ली है, तो अगली डोज कब लें।

जवाब - अगर व्यक्ति पहली डोज के बाद इफेक्ट हुआ हो और उसे इलाज में प्लाजमा थेरैपी या मोनोक्लोनल एंटीबॉडी दिया गया हो, तो ऐसे में दूसरी डोज के लिए इंतजार करना होगा। ऐसी किसी थेरैपी के कम से कम तीन माह बाद ही दूसरी डोज लगवानी चाहिए।

सवाल - वैक्सीन लेने के बाद शरीर में एंटीबॉडी बना की नहीं। इसके लिए कौन सी जांच करानी चाहिए।

जवाब - एंटीबॉडी खून की जांच करानी चाहिए। इस जांच से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता का स्तर का पता चलता है।

सवाल - वीओसी (वैरिएंट्स ऑफ कंसर्न) क्या है।

जवाब - वीओसी यानी वह वैरिएंट्स जो तेजी से ट्रांसमिट होते हैं। गंभीर लक्षण देने के साथ एंटीबॉडी को चकमा दे सकते हैं। इन तीन में से एक या अधिक गुण वाले वैरियंट्स वीओसी में रखे जाते हैं।

सवाल - वैक्सीन का साइड इफेक्ट क्या है।

जवाब - इंजेक्शन की जगह पर दर्द, सूजन होना बेहद आम है। इसी तरह हल्का बुखार, सिरदर्द, हाथ पैर में दर्द हो सकता है। ऐसे में डॉक्टर को लक्षण बताकर परामर्श लेकर दवा लेनी चाहिए। इस तरह के दर्द को लेकर घबराने की आवश्यकता नहीं है। अधिकतम 72 घंटे तक इसके साइड इफेक्टस हो सकते हैं।

सवाल - वैक्सीन लेने के बाद क्या करना चाहिए।

जवाब - वैक्सीन लेने के बाद टीकाकरण केंद्र पर बने अवलोकन कक्ष में बैठकर आधा घंटा तक इंतजार करना चाहिए। ऐसे कुछ लोगों में टीका लेने के बाद एलर्जी हो सकती है। वैसे यह आम है। एलर्जी होनी होगी, तो आधा घंटे में दिख जाएगी। ऐसी हालत में अवलोकन कक्ष में तैनात चिकित्सक को तुरंत बताएं।

सवाल - क्या वैक्सीन कोरोना के नए वैरिएंट्स पर भी प्रभावी है।

जवाब - वैक्सीन कोरोना के सभी वैरिएंट्स के गंभीर लक्षणों से बचाने में प्रभावी है।

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