अस्ताचलगामी सूर्य को श्रद्धालुओं ने दिया अर्घ्य
अस्ताचलगामी सूर्य को श्रद्धालुओं ने दिया अर्घ्य अस्ताचलगामी सूर्य को श्रद्धालुओं ने दिया अर्घ्य अस्ताचलगामी सूर्य को श्रद्धालुओं ने दिया...
अस्ताचलगामी सूर्य को श्रद्धालुओं ने दिया अर्घ्य
आज उगते सूर्य को अर्घ्य दे व्रती तोड़ेंगे 36 घंटे का उपवास
कुछ घाटों पर कम तो कुछ पर दिखी भीड़
फोटो :
छठ01 - औंगारीधाम तालाब में भगवान भास्कर को अर्घ्य देते श्रद्धालु।
छठ02 - ऐतिहासिक बड़गांव धाम में सूर्योपासना करते श्रद्धालु।
तुंगी -बिहारशरीफ के तुंगी छठ घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़।
छठ03 - हिलसा में अर्घ्य देते व्रती।
छठ04 - बिहारशरीफ के धनेश्वरघाट में घर के आगे डब बनाकर अर्घ्य देते श्रद्धालु।
छठ05 - करायपरसुराय में अर्घ्य देते छठव्रती।
नालंदा/शेखपुरा। हिन्दुस्तान टीम
लोक आस्था का चार दिवसीय छठ महापर्व के तीसरे दिन रविवार को व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्यदेव को अर्घ्य दिया। कोरोना के कारण लगायी गयीं पाबंदियों के बावजूद जिले कुछ छठ घाटों पर काफी कम संख्या में छठव्रती अर्घ्य देते दिखे तो कुछ पर श्रद्धालुओं की भीड़ भी दिखी। कोरोना पर आस्था भारी पड़ा। जबकि, कई व्रती अपने घर की छतों पर ही सूर्योपासना में लीन दिखे।
सोमवार की अहले सुबह उगते भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया जाएगा। इसके साथ ही व्रतियों का 36 घंटों का निर्जला उपवास भी खत्म हो गया। द्वापरकालीन सूर्यपीठ बड़गांव और ऐतिहासिक औंगारीधाम तालाब में अर्ध्य देने के लिए श्रद्धालु पहुंचे। तुंगी तालाब घाट पर भी काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। व्रतियों ने अर्ध्य प्रदान कर छठी मइया से सुख समृद्धि का आशीर्वाद मांगा। इसके अलावा बिहारशरीफ के मणिबाबा अखाड़ा तालाब, शिवपुरी सूर्य मंदिर, मोरा तालाब, हिलसा सूर्य, करायपरसुराय, परवलपुर, इस्लामपुर के घाटों पर भी अर्घ्य दिया गया। छठी मइया के गीतों के बीच लोगों ने भगवान भास्कर को अर्घ्य देकर सुखमय जीवन की कामना की।
अर्घ्य भगवान सूर्य को और गीत छठी मईया के
ज्योतिष के जानकार पं. मोहन कुमार दत्त मिश्र कहते हैं कि 33 करोड़ देवी-देवताओं और पर्वों के देश भारत में छठ इकलौता पर्व है, जिसमें मूर्त रूप से दिखने वाले भगवान सूर्य की आराधना की जाती है। छठी मईया इन्हीं भगवान सूर्य की बहन हैं। सूर्य की शक्तियों का मुख्य स्रोत उनकी पत्नियां ‘ऊषा और ‘प्रत्युषा हैं। इसलिए छठ में सूर्य के साथ दोनों शक्तियों की भी आराधना की जाती है। प्रात:काल सूर्य की पहली किरण ‘ऊषा और सांयकाल सूर्य की अंतिम किरण ‘प्रत्युषा को अर्घ्य दिया जाता है।
सौर ऊर्जा की प्राप्ति का कठोर विधान है छठ महापर्व
सूर्योपासना का चार दिवसीय महापर्व का आध्यात्मिक के साथ वैज्ञानिक आधार भी है। पं. मोहन कुमार दत्त मिश्र कहते हैं कि छठ का शाब्दिक अर्थ -छ: और हठ है। यह हठ योग का ही एक रूप है। इसमें छह चरणों में सौर ऊर्जा की सीधी प्राप्ति का कठोर विधान किया जाता है। उपवास, पूजा, अर्घ्यदान, जल में खड़े होकर याचना, सूर्य की स्तुति और नमन ये छह विधान हैं।
कुछ व्रती घर में तो कुछ घाट पर दिया अर्ध्य
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चेवाड़ा- चेवाड़ा में अर्घ्य देतीं व्रती।
चेवाड़ा । निज संवाददाता
महापर्व छठ के मौके पर प्रखंड मुख्यालय सहित आसपास के गांवों में छठ व्रतियों ने शाम में डूबते हुए सूर्य को अर्ध्य दिया गया। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग बनाये रखने और घाटों पर भीड़ भाड़ ना रहे, इसके लिये लोग अपने-अपने घरो में ही भास्कर भगवान को अर्ध्य दे सुख संपत्ति की कामना की। कुछ लोग घाट पर जाकर अर्घ्य दिया।
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