श्रद्धालुओं ने किया उत्पन्ना एकादशी व्रत, की पूजा-अर्चना
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श्रद्धालुओं ने किया उत्पन्ना एकादशी व्रत, की पूजा-अर्चना पावापुरी, निज संवाददाता। देशभर में श्रद्धालुओं ने बड़ी आस्था और उत्साह के साथ मंगलवार को उत्पन्ना एकादशी का व्रत किया। इस खास दिन को भगवान विष्णु की पूजा और व्रत के लिए जाना जाता है। हिंदू धर्म में उत्पन्ना एकादशी का विशेष महत्व है, क्योंकि इसे पापों के नाश और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग माना जाता है। पंडित सूर्यमणि पांडेय ने बताया कि उत्पन्ना एकादशी का उल्लेख पुराणों में मिलता है। यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति को जीवन में शांति, सुख और समृद्धि मिलती है। साथ ही पापों से मुक्ति और मोक्ष मिलती है। पौराणिक कथा के अनुसार इसी दिन एकादशी देवी का जन्म हुआ था। ये पापों के नाश और धर्म की रक्षा के लिए भगवान विष्णु द्वारा प्रकट की गई थीं। इसलिए इन्हें उत्पन्ना एकादशी कहा जाता है। श्रद्धालुओं ने मंगलवार को सूर्योदय से पहले स्नान करके व्रत का संकल्प लिया। दिनभर भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप कर मंदिरों में पूजा-अर्चना की। कई स्थानों पर भजन-कीर्तन और कथा वाचन हुआ। व्रतधारियों ने रातभर जागरण किया और भगवान विष्णु के लिए विशेष भोग तैयार किया। गांवों और टोलों में घर-घर में भगवान विष्णु की पूजा की गई। मंदिरों में भक्तों की भीड़ लगी रही। आचार्य पप्पू पांडेय कहते हैं कि उत्पन्ना एकादशी का व्रत न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह मानसिक शांति और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी करता है। श्रद्धालुओं ने इस दिन को पूरे भक्ति भाव से मनाते हुए समाज में एकता और सद्भाव का संदेश दिया।
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