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नशा की दवा बेचने की शिकायत पर कई मेडिकल दुकानों में छापा

नशा की दवा बेचने की शिकायत पर कई मेडिकल दुकानों में छापा नशा की दवा बेचने की शिकायत पर कई मेडिकल दुकानों में छापा

Newswrap हिन्दुस्तान, बिहारशरीफFri, 31 Jan 2025 10:17 PM
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नशा की दवा बेचने की शिकायत पर कई मेडिकल दुकानों में छापा

नशा की दवा बेचने की शिकायत पर कई मेडिकल दुकानों में छापा बिना लाइसेंस संचालित एक दुकान को किया सील, सारी दवाइयां जब्त ड्रग इंसपेक्टर ने कहा, आगे भी जारी रहेगा छापेमारी अभियान शराबबंदी के बाद युवा वर्ग नशे की दवा का करने लगे हैं सेवन फोटो 31 शेखपुरा 03 - शहर के कटरा चौक के पास शुक्रवार मेडिकल दुकान में छापेमारी करती औषधी नियंत्रण विभाग की टीम। शेखपुरा, हिन्दुस्तान संवाददाता। बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद नशे के आदि लोग अब प्रतिबंधित दवाइयों का सेवन करने लगे हैं। मेडिकल दुकानों में नशे की दवा बेचे जाने की शिकायत पर राज्य स्वास्थ्य महकमा हरकत में आ गया है। राज्य स्वास्थ्य विभाग के आदेश पर जिले में नशे की दवा के खिलाफ कार्रवाई का आगाज शुक्रवार को किया गया है। जिला औषधी नियंत्रण विभाग की टीम ने पुलिस की मदद से शहरी क्षेत्र की आधा दर्जन दवा दुकानों में छापेमारी की। ड्रग इंस्पेक्टर रंजन कुमार ने बताया कि बंगाली पर के वर्मा मेडिकल हॉल, जमालुपर के शेखपुरा हेल्थ केयर, गिरिहिंडा के तारा मेडिकल हॉल, संदीप मेडिकल हॉल सहित अन्य दुकानों में छापेमारी की गई है। उन्होंने बताया कि शहर के किसी भी दुकान में प्रतिबंधित दवा तो नहीं मिली। परंतु, बिना लाइसेंस जमालपुर की शेखपुरा हेल्थ केयर दुकान चलायी जा रही थी। दुकान को सील कर सभी दवाइयों को जब्त कर लिया गया है। साथ ही दुकान मालिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। ड्रग इंस्पेक्टर ने कहा कि छापेमारी अभियान आगे भी जारी रहेगा। बिना लाइसेंस की दवा दुकान चलाने और प्रतिबंधित दवा बेचे जाने पर संचालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। छापेमारी अभियान में ड्रग इंस्पेक्टर वर्षा किशोर एवं सदर थाने की पुलिस शामिल थी। दवा दुकानों में की गयी छापेामरी के बाद दुकानदारों में हड़कंप मच गया। कई दुकानों का शटर गिर गया। नशा के लिए इंजेक्शन, दवा व सीरप का इस्तेमाल: इंजेक्शन, दवा और सीरप का इस्तेमाल कर नशेड़ी नशे की भूख मिटा रहे है। ड्रग इंस्पेक्टर ने बताया कि दवा दुकानों में नशे के रूप में इस्तेमाल के लिए फार्टबीन की दवा और इंजेक्शन, कोडीन सीरप और नींद की दवा नाइट्रोजेपम टैबलेट का इस्तेमाल किया जा रहा है। जबकि, ये सभी दवाइयां मानसिक रोग के लिए इस्तेमाल होती है। बिना एमबीबीएस डॉक्टर की पर्ची का ये सारी दवाइयां बेचना जुर्म है। अबतक तीन दुकानदारों के खिलाफ मुकदमा: बगैर लाइसेंस की दवा दुकान चलाये जाने के मामले में अबतक तीन दुकानदारों के खिलाफ संबंधित थानों में मुकदमा दर्ज किया गया है। ड्रग इंस्पेक्टर ने बताया कि पहले घाटकोसुम्भा और शेखपुरा के दो संचालकों पर कार्रवाई की गयी थी। अब तीसरा जमालपुर का शेखपुरा हेल्थ केयर दुकान पर कार्रवाई की गाज गिरायी गयी है।

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