कोर्ट परिसर में होनी चाहिए निशुल्क वाई-फाई की व्यवस्था :
कोर्ट परिसर में होनी चाहिए निशुल्क वाई-फाई की व्यवस्था : कोर्ट परिसर में होनी चाहिए निशुल्क वाई-फाई की व्यवस्था :
कोर्ट परिसर में होनी चाहिए निशुल्क वाई-फाई की व्यवस्था : कोर्ट के लगभग सभी काम काज ऑनलाइन होते जा रहे हैं। मामलों को डिजिटल तौर पर संग्रह किया जाता है। वहां जाकर कोई भी वकील या पक्षकार अपने मामलों की स्थिति की जानकारी लेते हैं। ऐसे में कई पक्षकार या नए वकीलों के पास इंटनेट जैसी सेवाएं नहीं होती है। जैसे स्कूल या कॉलेजों में निशुल्क वाई फाई की व्यवस्था होती है। उसी तरह से कोर्ट परिसर में भी वाई फाई की व्यवस्था होनी चाहिए। इससे काम काज की जानकारी लेने में आसानी होगी। वकीलों को इसके लिए भागदौड़ नहीं करना पड़ेगा। पहले से बने वकालतखाना में पर्याप्त जगह नहीं है। कई बार तो जगह नहीं रहने के कारण वकीलों को कुर्सी खाली होने तक का इंतजार करना पड़ता है। वकील बृजनंदन सिंह ने बताया के वे यहां 1981 से ही वकालत कर रहे हैं। जब वे इस पेशा में यहां आए थे। तब यहां की आबादी व काम करने वाले वकीलों के लिए पर्याप्त जगह थी। लेकिन, अब वकीलों की संख्या उसकी तुलना में चारगुनी बढ़ चुकी है। कोर्ट की भी संख्या बढ़ी है। विभिन्न 32 कोर्ट में अलग अलग मामलों की सुनवाई होती है। रोजाना 800 वकील यहां अपने पक्षकारों की पैरवी के लिए काम करते हैं। इससे भीड़ जैसी स्थिति बनी रहती है। इसके अलावा एफिडेविट, बयाना, एकरारनामा जैसे काम भी होते हैं। इस कारण वकीलों को भीड़ के बीच ही काम करने की विवशता है। पर्याप्त जगह मिलने से सहजता के साथ काम निपटाने में आसानी होगी। साथ ही सुरक्षा के लिए भी यह आवश्यक है
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