एथलेटिक्स और क्रिकेट में डिप्लोमा कोर्स शुरू करेगा खेल विश्वविद्यालय
एथलेटिक्स और क्रिकेट में डिप्लोमा कोर्स शुरू करेगा खेल विश्वविद्यालयएथलेटिक्स और क्रिकेट में डिप्लोमा कोर्स शुरू करेगा खेल विश्वविद्यालयएथलेटिक्स और क्रिकेट में डिप्लोमा कोर्स शुरू करेगा खेल...

एथलेटिक्स और क्रिकेट में डिप्लोमा कोर्स शुरू करेगा खेल विश्वविद्यालय प्रशिक्षण के लिए 2025-26 से शुरू होंगे दो नए स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम यूजीसी के नए नियम लागू, साल में दो बार होगा नामांकन छात्रों को मिलेगी मल्टीपल एंट्री-एग्जिट और क्रेडिट आधारित डिग्री राज्यभर के खेल शिक्षकों के लिए बनेगा प्रशिक्षण प्रकोष्ठ खेल में गुणवत्ता सुधार को ध्यान में रखकर विश्वविद्यालय करेगा पहल डिप्लोमा को राष्ट्रीय समकक्षता दिलाने का प्रस्ताव पारित बिहार खेल विश्वविद्यालय की पहली अकादमिक परिषद की बैठक में लिए लिये गये कई अहम निर्णय फोटो: खेल परिषद : बिहार खेल विश्वविद्यालय राजगीर में मंगलवार को हुई पहली अकादमिक परिषद की बैठक में शामिल कुलपति शिशिर सिन्हा, कुलसचिव रजनी कांत व अन्य। राजगीर, निज संवाददाता। बिहार खेल विश्वविद्यालय ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 से दो नए पाठ्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया है। इसमें एथलेटिक्स और क्रिकेट में खेल प्रशिक्षण के लिए स्नातकोत्तर डिप्लोमा शुरू किया जाएगा। इन दोनों पाठ्यक्रमों में 20-20 सीटें होंगी। विश्वविद्यालय में मंगलवार को हुई पहली एकेडमिक व एक्टिविटी परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया। विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद शैक्षणिक मामलों पर निर्णय लेने वाली सबसे महत्वपूर्ण बैठक थी। इसकी अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति सह एकेडमिक एवं एक्टिविटी परिषद के अध्यक्ष शिशिर सिन्हा ने की। संचालन कुलसचिव रजनी कांत ने किया। एथलेटिक्स और क्रिकेट पाठ्यक्रम का सिलेबस और परीक्षा योजना मार्च 2025 में आयोजित राष्ट्रीय कॉन्क्लेव में विषय विशेषज्ञों द्वारा तैयार किया गया था। डिप्लोमा में नामांकन के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता किसी भी विषय में स्नातक पास होना और संबंधित खेल में राज्य या राष्ट्रीय स्तर की भागीदारी का प्रमाण पत्र होना अनिवार्य होगा। परिषद ने पाठ्यक्रम से जुड़े ऑर्डिनेंस को भी मंजूरी दे दी है। अब विश्वविद्यालय साल में दो बार जुलाई-अगस्त और जनवरी-फरवरी में नामांकन ले सकेगा। छात्रों को मल्टीपल एंट्री और एग्जिट की सुविधा मिलेगी। 40 क्रेडिट मिलने पर स्नातक प्रमाणपत्र, 80 क्रेडिट पर स्नातक डिप्लोमा और 120 क्रेडिट मिलने पर स्नातक की डिग्री दी जाएगी। विश्वविद्यालय में बनेगा प्रशिक्षण प्रकोष्ठ: राज्य के शारीरिक शिक्षा शिक्षकों और अन्य खेल से जुड़े मानव संसाधनों को बेहतर प्रशिक्षण देने के लिए विश्वविद्यालय में एक प्रशिक्षण प्रकोष्ठ गठित किया जाएगा। यह प्रकोष्ठ विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक की अध्यक्षता में कार्य करेगा। इसका उद्देश्य शिक्षकों, कोच और अन्य कर्मियों को आधुनिक, वैज्ञानिक और गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण उपलब्ध कराना होगा। इससे खेल शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ेगी और राज्य में प्रशिक्षित मानव संसाधन तैयार होगा। डिप्लोमा की राष्ट्रीय मान्यता के लिए सरकार से अनुरोध: प्रस्ताव पारित कर राज्य सरकार से आग्रह किया गया कि विश्वविद्यालय के डिप्लोमा पाठ्यक्रमों को राष्ट्रीय खेल संस्थानों के समकक्ष मान्यता दी जाए। विशेष रूप से एनएसएनआईएस पटियाला जैसे संस्थानों द्वारा जारी डिप्लोमा के समकक्ष बिहार खेल विश्वविद्यालय द्वारा जारी डिप्लोमा को मान्यता दिलाने के लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा। इससे विश्वविद्यालय के डिप्लोमा धारकों को देशभर में करियर और शिक्षा के अवसर मिल सकेंगे। कुलपति शिशिर सिन्हा कहा कि विश्वविद्यालय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की परिकल्पना का साकार रूप है और इसे देश के प्रमुख खेल शिक्षा संस्थान के रूप में विकसित किया जाएगा। मुख्यमंत्री-सह-कुलाधिपति नीतीश कुमार के सहमति के परिषद का गठन खेल विभाग के अनुसार हुआ है। इसमें कुल नौ सदस्य शामिल हैं। इसमें विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के वर्ष 2025 के नए डिग्री नियमों को अपनाने का फैसला किया गया। बैठक में विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक सह डीन निशिकांत तिवारी ने अब तक की प्रमुख उपलब्धियों की जानकारी दी। बताया कि बिहार खेल विश्वविद्यालय को यूजीसी से मान्यता मिल चुकी है। इसके अलावा, इसे इंडियन यूनिवर्सिटी संघ की सदस्यता प्राप्त हो चुकी है। साथ ही, विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट https://bsur.bihar.gov.in भी शुरू की जा चुकी है। ये सभी कदम विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में अहम भूमिका निभाएंगे।
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