बुद्ध की कर्मभूमि होने के कारण राज्य का नाम पड़ा बिहार
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बुद्ध की कर्मभूमि होने के कारण राज्य का नाम पड़ा बिहार महाबोधि महाविहार बोधगया से अधिनियम 1949 निरस्त करने के लिए प्रगति मिशन की बैठक में हुई चर्चा फोटो : बुद्ध : राजगीर में बैठक में शामिल प्रगति मिशन के प्रतिनिधि। राजगीर, निज प्रतिनिधि। शहर में चौथे दिन रविवार को अखिल भारतीय अनार्य प्रगति मिशन की बैठक हुई। प्रगति मिशन के प्रतिनिधि आशुतोष कुमार ने बताया कि बुद्ध की कर्मभूमि होने के कारण ही इस राज्य का नाम पड़ा। उन्होंने कहा बैठक का मुख्य उद्देश्य महाबोधि महाविहार बोधगया से अधिनियम 1949 को निरस्त करने के लिए चल रही आंदोलन में राजगीर से अधिक से अधिक संख्या में भाग लेने का था।
इसके लिए राजगीर में रह रहे बुद्ध के अनुयाइयों एवं विचारकों के लिए यह बैठक बुलाई गई। इस बैठक में यह भी तय किया गया है कि राजगरी बस स्टैंड में एकत्रीकरण के बाद हम सभी यहां से बुद्ध के विचार बोधगया के लिए कुछ करेंगे एवं इस आंदोलन में एक जड़ता के साथ भाग लेंगे। अनार्य धीरेंद्र कुमार व विश्वनाथ प्रसाद ने कहा कि बौद्ध धर्म के ट्रस्ट में गैर बौद्धावलंबियों का 1949 अधिनियम के तहत ट्रस्ट का सदस्य बनाना अन्य धर्म नियमों के विरुद्ध है। हम इसका पुरजोर विरोध करते हैं। आज हमारा समाज पहले की अपेक्षा ज्यादा जागृत हो रहा है एवं बाबा साहब के विचारों पर चलकर आगे बढ़ रहा है। विश्व शांति के प्रतीक माने जाने वाले महात्मा बुद्ध के मंदिरों में इन दिनों अनैतिक कार्यों को रोकने के लिए जहां तक संभव होगा, हम अपनी जंग जारी रखेंगे एवं हर मठ से गैर बौद्धावलंबियों को हटाकर ही दम लेंगे। बैठक में शिव विलास कुमार, अवधेश कुमार, दिलीप कुमार, रोशन कुमार, अमर कुमार, रवि कुमार, रेमंड टोपे, अशोक पासवान व अन्य शामिल थे।
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