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हमें अटल बिहारी वाजपेयी जी मुख्यमंत्री बनाया: नीतीश

शुरू से ही समय-समय पर करते रहे है गांव-शहरों का दौरा शुरू से ही समय-समय पर करते रहे है गांव-शहरों का दौरा बिहारशरीफ, निज प्रतिनिध। प्रगति यात्रा के क्रम में सीएम नीतीश कुमार ने अधिकारियों के साथ...

Newswrap हिन्दुस्तान, बिहारशरीफThu, 20 Feb 2025 11:02 PM
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हमें अटल बिहारी वाजपेयी जी मुख्यमंत्री  बनाया: नीतीश

शुरू से ही समय-समय पर करते रहे है गांव-शहरों का दौरा बिहारशरीफ, निज प्रतिनिध। प्रगति यात्रा के क्रम में सीएम नीतीश कुमार ने अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में कहा कि प्रगति यात्रा के दौरान जिन जिलों का दौरा किया गया है। और इस दौरान जो घोषणाएं की गई हैं उन सबको मंत्रिपरिषद् के द्वारा स्वीकृति दी गई है। जो घोषणाएं की जा रही हैं, उन सबको भी मंत्रिपरिषद् द्वारा स्वीकृति प्रदान की जाएगी। हमारा उद्देश्य है कि हर प्रकार से बिहार की तरक्की हो। वर्ष 2005 के बाद हमलोगों ने बिहार में विकास के जो काम किये हैं, उसे याद रखियेगा। हम प्रारंभ से ही पूरे बिहार का दौरा समय-समय पर करते रहे हैं। सीएम ने कहा कि 24 नवंबर, 2005 से हम लोगों ने बिहार के विकास के लिए काम करना शुरू किया, तब से निरंतर हमलोग बिहार को आगे बढ़ाने में लगे हैं। हमें अटल बिहारी वाजपेयी जी ने ही बिहार का मुख्यमंत्री बनाया। वर्ष 2005 से पहले बिहार की क्या स्थिति थी, आप सभी इससे अवगत हैं। शाम के बाद लोग अपने घरों से बाहर निकलने से डरते थे। हिन्दू-मुस्लिम के बीच प्रायः झगड़े होते थे, जिसे हमने खत्म किया। अस्पतालों में इलाज का इंतजाम नहीं था, सड़कें जर्जर थीं। शिक्षा की हालत ठीक नहीं थी। सड़कों का काफी अभाव था। अस्पतालों में मरीजों को दवा नहीं मिलती थी। 2006 से हम लोगों ने कब्रिस्तानों की घेराबंदी का काम शुरू कराया। अब तक 8 हजार से अधिक कब्रिस्तानों की घेराबंदी करा दी गई है, 1273 और कब्रिस्तानों को चिह्नित किया गया है, जिसमें से 746 कब्रिस्तानों की घेराबंदी करा दी गई है और शेष बचे कब्रिस्तानों की घेराबंदी कराई जा रही है। हम लोगों ने देखा कि मंदिरों से मूर्ति चोरी की घटनाएं हो रही हैं, इसे देखते हुए 60 वर्ष से पुराने मंदिरों की चहारदीवारी के निर्माण का निर्णय लिया ताकि मंदिरों में चोरी की घटनाएं न हो। हम लोगों ने कोई काम नहीं छोड़ा है। केंद्र सरकार से भी काफी सहयोग मिल रहा है। केंद्र सरकार के सहयोग से भी कई विकास कार्य किए जा रहे हैं। पूरे बिहार में विकास का काम हमलोग करा रहे हैं। बिहार का कोई भी इलाका विकास से अछूता नहीं है। मदरसों को भी सरकारी मान्यता प्रदान की गई और वहां पढ़ाने वाले शिक्षकों को सरकारी शिक्षक के अनुरूप वेतन दिया जा रहा है। तीन हजार बेड का बनाया जा आईजीआईएएस: सीएम ने यह भी कहा कि 2005 से पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक माह में सिर्फ 39 मरीज इलाज कराने आते थे। अब एक माह में औसतन 11 हजार से अधिक मरीज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज कराने पहुंच रहे हैं। पहले बिहार में सिर्फ 6 सरकारी मेडिकल कॉलेज थे, अब उनकी संख्या बढ़कर 12 हो गई है। बिहार का सबसे पुराना अस्पताल पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (पी०एम०सी०एच०) को 5400 बेड की क्षमता का बनाया जा रहा है। बाकी 5 पुराने मेडिकल कॉलेज एवं अस्पतालों का भी विस्तार कर 2500 बेड की क्षमता का अस्पताल बनाया जा रहा है। आईजीआईएएस, पटना का भी विस्तार कर उसे 3000 बेड की क्षमता का अस्पताल बनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2006 से पंचायती राज संस्थाओं तथा वर्ष 2007 से नगर निकायों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया। इसके बाद अब तक कुल 4 चुनाव संपन्न हो चुके हैं। बड़ी संख्या में महिलाएं चुनकर आई हैं। पहले बिहार में स्वयं सहायता समूह की संख्या काफी कम थी। जब हम लोगों की सरकार बिहार में बनी तो हम लोगों ने वर्ष 2006 में विश्व बैंक से कर्ज लेकर स्वयं सहायता समूह की संख्या को बढ़ाया। बिहार में अब स्वयं सहायता समूह की संख्या 10 लाख 61 हजार हो गई है जिनसे 1 करोड़ 35 लाख जीविका दीदियां जुड़ी हैं। हम लोगों ने विश्व बैंक से कर्ज लेकर स्वयं सहायता समूहों की संख्या बढ़ानी शुरू की। हमने ही स्वयं सहायता समूह का नाम जीविका दिया, जिससे प्रेरित होकर उस समय की केंद्र सरकार ने भी इसे अपनाया और इसका नाम आजीविका दिया। हमने जीविका से जुड़ी महिलाओं को जीविका दीदी नाम दिया। हम लोगों ने अब बिहार के शहरी क्षेत्रों में भी स्वयं सहायता समूह का गठन शुरू कराया है। अब तक शहरी इलाकों में 34 हजार स्वयं सहायता समूह का गठन हो चुका है, जिससे 3 लाख 60 हजार जीविका दीदियां जुड़ चुकी हैं। हम लोगों ने वर्ष 2013 से पुलिस की बहाली में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला लिया, जिसका नतीजा है कि बिहार पुलिस बल में महिलाओं की संख्या देश में सबसे अधिक है। बिहार पुलिस में जितनी महिलाएं हैं, देश के किसी भी दूसरे राज्य के पुलिस बल में महिलाओं की संख्या उतनी नहीं है। 2025 तक 12 लाख नौकरी और लाख को रोजगार: वर्ष 2016 से हम लोगों ने सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया है। 2005 से वर्ष 2020 के बीच में 8 लाख लोगों को सरकारी नौकरी दी गई। हमलोगों ने वर्ष 2020 में 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने का लक्ष्य निर्धारित किया था, जिसे बढ़ाकर 12 लाख किया गया है। अब तक 9 लाख से अधिक लोगों को सरकारी नौकरी दे दी गई है। इसके अलावा 10 लाख लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। अब तक 24 लाख लोगों को रोजगार मुहैया कराया जा चुका है। वर्ष 2025 में निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप 12 लाख लोगों को सरकारी नौकरी तथा 34 लाख लोगों को रोजगार मुहैया करा दिया जाएगा।

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