मनरेगा से नहीं शुरू हुई नदियों की उड़ाही
मनरेगा से नहीं शुरू हुई नदियों की उड़ाहीमनरेगा से नहीं शुरू हुई नदियों की उड़ाहीमनरेगा से नहीं शुरू हुई नदियों की उड़ाहीमनरेगा से नहीं शुरू हुई नदियों की उड़ाही
मनरेगा से नहीं शुरू हुई नदियों की उड़ाही बरसात के बाद नहीं होता पानी का ठहराव, सूख जाती हैं नदियां पानी के बहाव को रोकने के लिए की जानी थी नदियों की उड़ाही बिहारशरीफ, निज प्रतिनिधि। बरसात का मौसम समाप्त हो चुका है। जिले की अधिकतर नदियों का जलस्तर निरंतर घटता जा रहा है। कुछ दिनों में नदियां सूख जाएंगी। नदियों में पानी के बहाव को रोकने व जलस्तर को बरकरार रखने के लिए मनरेगा से नदियों की उड़ाही की जानी थी। बरसात के पहले मनरेगा से नदियों की उड़ाही शुरू नहीं की गयी। उड़ाही नहीं होने से नदियों में पानी का ठहराव नहीं होता है। इस वजह से नदियां सूख जाती हैं। जिले की नदियों में पानी का ठहराव ही नहीं हो रहा है। बिहारशरीफ के पास से गुजरने वाली पंचाने नदी में देवीसराय मोड़ के पास महज दो से ढाई फुट पानी है। कुछ दूर चलने के बाद वियावानी के पास तो नदी एकदम से सूख गयी है। किनारे पर ही कुछ पानी दिखता है। यही हाल जिले की शेष नदियों की है। प्रवेश व उद्गम की होनी थी उड़ाही : बारिश के पानी का बहाव रोकने के लिए जिले की नदियों के मुख्य प्रवेश व उद्गम स्थल की उड़ाही मनरेगा से की जानी थी। एक भी नदी की उड़ाही नहीं की गयी है। बारिश के पानी का ठहराव कर नदियों को जीवनदायिनी बनाने की मनरेगा की योजना नालंदा में फ्लॉप साबित हुई। अधिकारियों की माने तो आदेश के आलोक में जिले से होकर गुजरने वाली नदियों को चिन्हित भी किया गया था। सभी पीओ व तकनीकि अधिकारियों को नदियों की सूची तैयार करने को कहा गया है। सरमेरा, रहुई व बिहारशरीफ से होकर गुजरने वाली कुछ नदियों की सूची भी तैयार की गयी थी। मनरेगा डीपीओ प्रवीण कुमार का कहना है कि अभी प्राथमिकता से खेल मैदान को विकसित करने की आदेश आया हुआ है। बारिश के बाद मृत हो जाती है नदी: मनरेगा से नदियों की उड़ाही व गाद निकाले जाने से पानी का ठहराव होगा। बाद में खेतों के पटवन के लिए उपयोगी साबित होगा। नालंदा में दो दर्जन से अधिक नदियां है। नदी की उड़ाही नहीं होने से बारिश के पानी का ठहराव नहीं हो पाता है। बारिश के बाद पुन नदियां सूख जाती है। कुछ नदियां कई प्रखंडों से होकर गुरजती है तो कुछ क्षेत्रों में उप नदी भी है। साथ ही कुछ प्रखंडों में नदी से नहरें भी जुड़ी हुई है। नदी में पानी नहीं होने से जलस्तर भी निचे चला जाता है। जिले में प्रवाहित होने कुछ प्रमुख नदियां: गोईठवा, पंचाने, मुहाने, धोवा, जीराईन, सकरी, कुंभरी, सोईवा, धनायन, नोनिया, डोर, ककड़िया, भूतही, लोकाईन, पैमार, डोर, नोनाईन, नरहनना, चिरैया, सुंड, भूतही, फल्गु, सांसी
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