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कई विभाग नियम से नहीं, अधिकारियों के आदेश व निर्देश पर कर रहे काम: रामबली

कई विभाग नियम से नहीं, अधिकारियों के आदेश व निर्देश पर कर रहे काम: रामबली कई विभाग नियम से नहीं, अधिकारियों के आदेश व निर्देश पर कर रहे काम: रामबली

Newswrap हिन्दुस्तान, बिहारशरीफWed, 25 Dec 2024 08:52 PM
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कई विभाग नियम से नहीं, अधिकारियों के आदेश व निर्देश पर कर रहे काम: रामबली विधानसभा की प्रत्यायुक्त समिति के उपाध्यक्ष ने बैठक कर कार्य संस्कृति की समीक्षा की कहा, समिति सभी विभागों को नियमावली देने की करेगी सिफारिश फोटो 25 शेखपुरा 01 - शहर के सर्किट हाउस में अधिकारियों के साथ बैठक करते विधानसभा की प्रत्यायुक्त समिति के उपाध्यक्ष रामबली सिंह यादव। शेखपुरा, हिन्दुस्तान संवाददाता। बिहार सरकार के अधिकांश विभाग बड़े अधिकारियों के निर्देश और आदेश के आधार पर काम कर रहे हैं। जबकि, विभागों को बिहार सरकार की नियमावली के तहत चलना चाहिए। ये बातें विधानसभा की प्रत्यायुक्त समिति के उपाध्यक्ष व घोसी विधानसभा के माले विधायक रामबली सिंह यादव ने शेखपुरा में पत्रकारों से कहीं। इससे पहले शहर के सर्किट हाउस में जिला प्रशासन के सभी विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर उन्होंने कार्य संस्कृति की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान अधिकारियों ने कई कार्यों में बताया कि इसका कोई नियमावली तो नहीं है। परंतु, बड़े अधिकारियों के आदेश पर काम कर रहे हैं। मीडिया से बात करते हुए उपाध्यक्ष ने कहा कि बिहार सरकार के 75 फीसदी विभागों में सरकार की कोई नियमावली नहीं है। बड़े अधिकारियों के आदेश-निर्देश पर काम करने की संस्कृति के कारण बिहार में अफसरशाही चरम पर है। यदि नियमावली के आधार काम होगा तो बड़े अधिकारियों के गलत कामों को छोटे अधिकारी नकार सकते हैं। उन्होंने कहा कि समिति की दो अलग-अलग टीमें अन्य जिलों में जाकर कामकाज का जायजा ले रही है। बैठक में एडीएम सियाराम सिंह, डीडीसी संजय कुमार सहित सभी विभागों के विभागाध्यक्ष मौजूद थे। 65 फीसदी आरक्षण संविधान के दायरे में : घोसी विधायक ने कहा कि बिहार में सामाजिक और आर्थिक सर्वेक्षण के बाद जाति की आबादी की जानकारी मिली। विधानसभा में सभी दलों ने आबादी के अनुसार 65 फीसदी आरक्षण पर मुहर लगायी और एक साल तक आरक्षण का लाभ भी मिला। परंतु, संविधान की नौवीं सूची में शामिल नहीं किये जाने के कारण और भाजपा की साजिश के कारण बिहार के लोगों को 65 फीसदी आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा है। जबकि, तमिलनाडु में 50 फीसदी से अधिक आरक्षण की व्यवस्था लागू है। उन्होंने कहा कि जनगणना के बाद पता चला कि बिहार में छह हजार महीना की आमदनी पर जीवन गुजर-बसर करने वाले 94.5 लाख परिवार हैं। सरकार ने इन परिवारों को दो-दो लाख रुपया देने का एलान किया है। परंतु, एक लाख से कम का आय प्रमाणपत्र नहीं देने के कारण सरकार की घोषणा भी जुमलेबाजी साबित हो रही है। माले की नौ मार्च को पटना में रैली: माले विधायक ने कहा कि पार्टी की ओर से पटना के गांधी मैदान में नौ मार्च को बदलो बिहार रैली होगी। उन्होंने कहा कि छह हजार की आमदनी वाले गरीब परिवारों के घर पर भी सरकार स्मार्ट मीटर लगाकर दोहन कर रही है।

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