जिले के 200 आंगनबाड़ी केन्द्रों में शौचालय निर्माण कराने की मिली स्वीकृति
बिहार में 200 आंगनबाड़ी केन्द्रों में शौचालय निर्माण की स्वीकृति मिली है। प्रति शौचालय 36 हजार रुपये खर्च होंगे। जिले में कुल 338 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर शौचालय बनाने की योजना है। वर्तमान में कई...
जिले के 200 आंगनबाड़ी केन्द्रों में शौचालय निर्माण कराने की मिली स्वीकृति आईसीडीएस डीपीओ ने कहा- प्रति शौचालय निर्माण पर 36 हजार रुपये होंगे खर्च जिले में 338 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर शौचालय निर्माण कराने की बनी हैं रणनीति 1379 आंगनबाड़ी केन्द्रों का हैं अपना भवन, 1275 चल रहा हैं किराए के भवन में 506 केन्द्र सरकारी स्कूल में तो 245 अन्य सरकारी भवन में हो रहे संचालित 3086 आंगनबाड़ी केन्द्रों में पेयजल की हैं सुविधा पर अन्य में हो रही हैं परेशानी फोटो : आंगनबाड़ी केन्द्र : बिहारशरीफ प्रखंड के आंगनबाड़ी केन्द्र में पढ़ाई करते बच्चे।(फाइल फोटो) बिहारशरीफ, हिन्दुस्तान संवाददाता। जिले में तीन हजार 405 आंगनबाड़ी केन्द्र चलाए जा रहे है। इन केन्द्रों में करीब सवा लाख बच्चे नामांकित है। लेकिन, कई आंगनबाड़ी केन्द्रों में मुलभूत सुविधाओं की घोर कमी रहने की वजह से आंगनबाड़ी सेविका-सहायिकाओं समेत छात्रों को भी काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। कई आंगनबाड़ी केन्द्र स्कूल के बरामदे में संचालित कराने की विवशता बनी हुई है। विभाग इन केन्द्रों पर मुलभूत सुविधाओं बहाल की दिशा में काम शुरु किया है। जिले में 338 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर शौचालय निर्माण कराने की रणनीति बनायी गयी है। आईसीडीएस डीपीओ अर्चना कुमारी ने बताया कि जिले के 200 आंगनबाड़ी केन्द्रों में शौचालय निर्माण कराने का आवंटन प्राप्त हुआ है। प्रति शौचालय निर्माण पर 36 हजार रुपये खर्च करने का प्रावधान है। आंगनबाड़ी केन्द्रों में शौचालय का निर्माण होने से नौनिहालों को काफी सहुलियत होगी। डीपीओ ने बताया कि भवनहीन आंगनबाड़ी केन्द्रों का भवन निर्माण कराने के लिए अंचल स्तर से जमीन की एनओसी लेने का प्रयास किया जा रहा है। 1275 किराए के मकान में संचालित : विभागीय आकड़े के अनुसार जिले में 1379 आंगनबाड़ी केन्द्रों का अपना भवन हैं। जबकि, 1275 केन्द्र किराए के भवन में चलाए जा रहे है। किराए के रुप में लाखों रुपये हर माह खर्च हो रहा है। जबकि, किराए के भवन में संचालित कई आंगनबाड़ी केन्द्र में केवल कमरा है। पेजयल व शौचालय की सुविधा नहीं है। हद तो यह कि रहुई के कुतुवपुरा गांव के आंगनबाड़ी केन्द्र स्कूल के बरामदे में चलाए रहे है। कई केन्द्र जर्जर भवन में संचालित है। 506 केन्द्र स्कूल में संचालित : जिले के 506 आंगनबाड़ी केन्द्र स्कूल में चलाए जा रहे है। जबकि, 245 अन्य सरकारी भवन में संचालित है। इन भवनों में भी मुलभूत सुविधाओं की कमी है। विभागीय आकड़े के अनुसार तीन हजार 86 आंगनबाड़ी केन्द्रों में ही पेयजल की सुविधा हैं। अन्य 317 आंगनबाड़ी केन्द्रों में पानी की सुविधा नहीं रहने की वजह से नौनिहालों के साथ आंगनबाड़ी सेविका व सहायिकाओं को भी परेशानी झेलनी पड़ रही है।
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