प्रतिनियुक्ति दर प्रतिनियुक्ति कर खींची जा रही है प्रशासनिक महकमों की गाड़ी
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प्रतिनियुक्ति दर प्रतिनियुक्ति कर खींची जा रही है प्रशासनिक महकमों की गाड़ी जिले में बड़े अधिकारियों के 15 पद हैं रिक्त, एक अधिकारी के जिम्मे कई विभाग राजस्व वसूली के साथ ही विकास कार्यों पर पड़ रहा प्रतिकुल असर सरकार से अधिकारियों की तैनाती के लिए किया गया है पत्राचार फोटो 15 शेखपुरा 01 - शेखपुरा का कलेक्ट्रेट, जहां अधिकारियों की है कमी। शेखपुरा, हिन्दुस्तान संवाददाता। जिले में प्रशासनिक महकमों में अधिकारियों का इस कदर टोटा है कि प्रतिनियुक्ति दर प्रतिनियुक्ति कर जिला प्रशासन की गाड़ी को खींची जा रही है। जिले में 15 बड़े पद ऐसे हैं, जिसमें अधिकारियों की तैनाती सरकार की ओर से नहीं की गई है। कई पद तो राजस्व वसूली से भी संबंधित है। परंतु, डीएम आरिफ अहसन इन रिक्त पदों पर दूसरे विभागों के अधिकारियों को प्रतिनियुक्त कर किसी तरह काम चला रहे हैं। जिला में करीब छह माह से जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी का पद रिक्त है। सरकार की ओर से पड़ोस के लखीसराय जिला के अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी खिलाफत अंसारी को शेखपुरा का भी अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। पिछले माह जिला के सहकारिता पदाधिकारी ने वीआरएस ले लिया था। इस कारण से जिला सहकारिता पदाधिकारी का पद भी रिक्त हो गया। अब प्रतिनियुक्ति कर अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी को ही जिला सहकारिता पदाधिकारी का भी अतिरिक्त प्रभार दे दिया गया है। वहीं, जिला परिवहन पदाधिकारी का पद तो पिछले एक साल से खाली पड़ा हुआ है। वह भी तब, जब राज्य सरकार की परिवहन मंत्री शीला मंडल स्वयं इस जिला की प्रभारी मंत्री हैं। मीडिया के लोगों ने मंत्री से कई दफा पदाधिकारी की तैनाती की बात पूछी है। हर दफा मंत्री ने जिला परिवहन पदाधिकारी के पद पर जल्द अधिकारी की तैनाती की बात कही है। लेकिन, अबतक तैनाती नहीं की गयी है। इसी तरह जिला माइनिंग अफसर का पद भी रिक्त है। नालंदा के माइनिंग अफसर को अतिरिक्त प्रभार देकर काम चलाया जा रहा है। अन्य रिक्त पदों की बात की जाय तो उत्पाद अधीक्षक, जिला सूचना जनसंपर्क पदाधिकारी, अल्पसंख्यक जिला कल्याण पदाधिकारी, जिला उद्यान पदाधिकारी, अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, आत्मा के निदेशक, सहायक निदेशक रसायन, शिक्षा विभाग में डीपीओ के तीन पद और एसीएमओ के पद भी रिक्त हैं। जिला के अन्य विभागों में कई पद खाली पड़े हैं। विकास एवं राजस्व वसूली में परेशानी: जिला में अधिकारियों की कमी रहने के कारण विकास और राजस्व वसूली में परेशानी हो रही है। राजस्व वसूली वाले दो विभागों में अधिकारी नहीं रहने के कारण जिला को राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है। माइनिंग विभाग प्रत्येक साल लक्ष्य का अधिक राजस्व वसूली करता था तो अब लक्ष्य पूरा करना विभाग के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। इसी तरह परिवहन का भी हाल है। अधिकारियों की कमी के कारण विकास को जो गति मिलनी चाहिए, उसमें भी बाधा आ रही है। अधिकारियों की तैनाती के लिए पत्राचार: जिला प्रशासन की ओर से रिक्त पदों पर अधिकारियों की तैनाती के लिए कई दफा पत्राचार किया गया है। परंतु, अबतक अधिकारियों की तैनाती नहीं हो पाई है। एडीएम सियारात सिंह ने बताया कि पूर्व के जिलाधिकारियों के माध्यम से भी पत्राचार किया गया था और अभी भी पत्राचार किया गया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में जितने भी अधिकारी हैं वे अतिरिक्त मेहनत कर विकास और राजस्व वसूली का काम कर रहे हैं।
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