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आप बीती: डर के बीच जीती कोरोना जंग, लोगों ने किया स्वागत

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Newswrap हिन्दुस्तान, बिहारशरीफThu, 20 May 2021 09:41 PM
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आप बीती: डर के बीच जीती कोरोना जंग, लोगों ने किया स्वागत

फोटो:

सच्चिदानंद कुमार : सच्चिदानंद कुमार, स्वास्थ्यकर्मी एंबुलेंस चालक, अस्थावां।

अस्थावां। निज संवाददाता

कोरोना की पहली लहर के शुरुआती दौर में कोरोना का आतंक इस कदर था कि नाम सुनते ही लोग अपने बेटे तक को घर पर नहीं चढ़ने देते थें। याद करें वर्ष 2020 के अप्रैल माह को। जब, गांव गिरांव में बाहर से आने वाले लोगों को प्रवेश तक नहीं करने दिया जाता था। उस दौर में अस्थावां प्रखंड क्षेत्र के ओंदा गावं निवासी स्वास्थ्यकर्मी एंबुलेंस चालक सच्चिदानंद कुमार ने न सिर्फ लोगों की सेवा की। बल्कि, कोरोना संक्रमितों को भी इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया। इस दौरान वे कोरोना की चपेट में आ गए थे। अस्थावां प्रखंड में कोरोना संक्रमण का यह पहला मामला था।

24 अप्रैल 2020 को अस्थावां रेफरल अस्पताल में एंबुलेंस में सेवा देने के समय सुरक्षा कारणों से उनकी जांच की गयी। इसमें उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आयी। पॉजिटिव रिपोर्ट आते ही परिवार से लेकर गांव गिरांव व अस्पताल में डर का माहौल बन गया। उन्हें तुरंत बिहारशरीफ के अजंता होटल में लाया गया। वहां आइसोलेट कर उनका इलाज किया गया। इसके बाद उनके संपर्क में आए पत्नी, बच्चों के साथ ही अन्य स्वास्थ्यकर्मियों की जांच की गयी। हालांकि, अन्य की रिपोर्ट निगेटिव आने से लोगों को राहत मिली।

उन्होंने बताया कि मन में डर तो बहुत लगता था। लेकिन, डॉक्टर समेत अन्य स्वास्थ्यकर्मी मेरा पूरा ख्याल रखते थे। सुबह खाने में हेल्दी नास्ता, चना गुड़ दिया जाता था। खाना के साथ साथ फल, हल्दी के साथ दूध, नींबू पानी, तुलसी, दाल चीनी, लौंग का काढ़ा बनाकर दिया जाता था। उससे बहुत लाभ हुआ। कोई विशेष लक्षण तो नहीं थे। हां अंत तक मन में डर जरूर बना रहा। मोबाइल से पत्नी पूजा कुमारी, मां व स्वास्थ्यकर्मी रोजाना मुझसे बात कर हाल चाल लेते थे। साथ ही हौसला देते थे। पांच मई को मेरी जांच हुई। इसमें रिपोर्ट निगेटिव आयी। रिकवर होने के बाद 6 मई को अस्पताल लाया गया। वहां कोरोना की जंग जीतकर लौटने के बाद स्वास्थ्यकर्मियों व आम लोगों ने मेरा स्वागत किया। पूरे सम्मान के साथ मुझे फूल माला के साथ ले जाया गया था। वो दिन आज भी जहन में कैद है। कोरोना से किसी को भी घबराना तो बिल्कुल नहीं चाहिए। बल्कि, हिम्मत और हौसले से काम लें। कोरोना अवश्य हारेगा, इसे हमेशा याद रखें।

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