बिहार के लाल ने अफ्रीका में गाड़ा हिंदी का झंडा, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का कविता से किया स्वागत
दिनेश सिंह ने ने राष्ट्रपति के सम्मान में अपनी पुस्कत रचना ‘बिखरे रिश्ते’ से एक कविता ‘भारत माता तेरी विजय, सदा विजय...’ का पाठ किया। तीन मिनट 30 सेंकेड तक राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मौजूदगी में उन्होंने भारतीय मूल के लोगों को संबोधित किया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बीते दिन अफ्रीका के दौड़े पर थी। इस दौरान 17 अक्तूबर की शाम को अफ्रीका के मालवी में एक कार्यक्रम के दौरान भारतीय मूल के करीब 600 से अधिक लोगों से रूबरू हुई। इस दौरान बिहार के मुजफ्फरपुर के अलकापुरी निवासी इंजीनियर सह साहित्यकार दिनेश प्रसाद सिन्हा भी मौजूद थे। वहां के हाई कमीशन की ओर से विशेष आमंत्रित अतिथि के तौर पर राष्ट्रपति के साथ मंच भी सांझा किया।
इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति के सम्मान में अपनी पुस्कत रचना ‘बिखरे रिश्ते’ से एक कविता ‘भारत माता तेरी विजय, सदा विजय...’ का पाठ किया। तीन मिनट 30 सेंकेड तक राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मौजूदगी में उन्होंने भारतीय मूल के लोगों को संबोधित किया। दिनेश प्रसाद सिन्हा ने हिन्दी के उत्थान की बात की। वहां मौजूद लोगों ने उनकी कविता पर जमकर तालियां बजाई।
मालवी में हिन्दी मेरी पहचान बना दी है : दिनेश
इधर, दिनेश ने बातचीत में बताया कि वह पेशे से इंजीनियर है। बीमा कंपनी में बीमा निदेशक है। अफ्रीका के मालवी में रहते है। उन्हें छात्र जीवन से ही हिन्दी से लगाव है जो अबतक बना हुआ है। मालवी में हिन्दी ने उन्हें एक नई पहचान भी दी है। यहां बीमा निदेशक से कम, साहित्यकार से बड़ी पहचान बनी है। अफ्रीका सरकार ने हिन्दी को लेकर बिहारी कवि दिनेश सिन्हा को कई सम्मान भी दिये है। उन्होंने बताया कि आगे भी हिन्दी के लिए काम करता रहेंगे और विदेश की धरती पर हिंदी पतिष्ठा बढ़ाने के लिए काम करते रहेंगे। उनकी उपलब्धि से दिनेश प्रसाद सिन्हा को उनके परिजन और दोस्त जमकर बधाई दे रहे हैं।