बिहार की वैज्ञानिक डॉ. रचना ने रचा इतिहास; अमेरिकी यूनिवर्सिटी के हॉल ऑफ फेम में शामिल, सबसे युवा साइंटिस्ट
छपरा की युवा वैज्ञानिक डॉ रचना विधि ने विज्ञान और शोध की दुनिया में इतिहास रचते हुए अमेरिकी विश्वविद्यालय के हॉल ऑफ फेम में जगह बनायी है। यह उपलब्धि हासिल करने वाली सबसे कम उम्र की वैज्ञानिक हैं। डॉ रचना ने आईआईटी खडगपुर से डिग्री लेने के बाद 2014 में केमिकल इंजनियरिंग में PHD की है।
बिहार के छपरा जिले की युवा वैज्ञानिक डॉ रचना विधि ने विज्ञान और शोध की दुनिया में नया आयाम गढ़ते हुए अमेरिकी विश्वविद्यालय के हॉल ऑफ फेम में जगह बनायी है। पिछले 25 अक्टूबर को दुनिया भर के चयनित 24 वैज्ञानिकों के साथ फ्लोरिडा के टेम्पा स्थित हॉल ऑफ फेम के यूएसएफ (यूनिवर्सिटी ऑफ फ्लोरिडा) रिसर्च पार्क में उनकी तस्वीर लगी तो उनके पिता-माता व परिजनों की आंखों में गर्व, उल्लास व खुशी के आंसू छलक पड़े।
दुनिया भर के 24 वैज्ञानिकों के साथ इस वर्ष डॉ रचना यह उपलब्धि हासिल करने वाली सबसे कम उम्र की वैज्ञानिक हैं। शहर के गुदरी बाजार निवासी डॉ अशोक कुमार और जेपीयू की पूर्व हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ सुधाबाला की पुत्री डॉ रचना ने आईआईटी खडगपुर से डिग्री लेने के बाद वर्ष 2014 में केमिकल इंजनियरिंग के क्षेत्र में पीएचडी की डिग्री हासिल की।
डॉ रचना विधि को यह सम्मान अक्षय ऊर्जा, सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, भूतापीय व जलविद्युत शक्ति के नवीनीकरण, विकास स्थायित्व, बैटरी टेक्नोलॉजी व स्टोरेज के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए दिया गया है। रचना की उम्र 35 साल है। इतनी कम उम्र में भी विभिन्न आविष्कारों से संबंधित उनके नौ यूएस पेटेंट हैं।