मुकेश सहनी मेरा... है, यहां खुद CM का रिश्तेदार बैठा है; गया के गालीबाज थानेदार का ऑडियो वायरल
आरोपी थानेदार खुद को मुख्यमंत्री का रिश्तेदार बताते हुए मुकेश सहनी को खुली चुनौती दे रहा है। कहता है कि वह अब मंत्री भी नहीं है। मेरा क्या बिगाड़ लेगा।
सोशल मीडिया पर बिहार के गया के एक पुलिस अधिकारी और एक व्यक्ति की बातचीत का ऑडियो वायरल हो रहा है। यह ऑडियो 2 मिनट 23 सेकंड का है। यह मामला आमस थाने का है। इसकी जांच करने का जिम्मा आइपीएस अफसर को दिया गया है। ( लाइव हिन्दुस्तानऑडियो की पुष्टि नहीं करता है।) ऑडियो में थानेदार पूर्व मंत्री मुकेश सहनी को जमकर गालियां दे रहा है और खुद को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का रिश्तेदार बता रहा है।
का है रे? जैसे रोब से भरे शब्दों के साथ शुरू हुई बातचीत का यह ऑडियो सुनने से साफ पता चलता है कि किसी आपराधिक घटना के पीड़ित से पुलिस अफसर की बातचीत हो रही है। यह ऑडियो पुलिस महकमा को शर्मसार करने वाला है। एसएसपी आशीष भारती के आदेश पर पूरे मामले की जांच की जा रही है। ऑडियो में बहुत निचले स्तर की गाली और अपशब्दों का प्रयोग किया गया है जिसे बताया नहीं जा सकता।
वारयल ऑडियो में किसकी है आवाज
कोठी थानाक्षेत्र के तेलवारी गांव के रहने वाले भगवान चौधरी के पुत्र अनिल कुमार (अध्यक्ष, विकासशील इंसान पार्टी, इमामगंज प्रखंड) ने दावा किया है कि बातचीत में याचक के रूप में वह खुद हैं, और दूसरी तरफ आमस के थानेदार इंद्रजीत कुमार हैं, जो बेहूदा बातें कर रहे हैं। ऑडियो 20 सितंबर का है। अलबत्ता थानेदार इंद्रजीत ने पत्रकारों के पूछे जाने पर इस तरह की बातचीत करने से इनकार किया है।
शेरघाटी के एएसपी को सौंपा गया है जांच का जिम्मा
पीड़ित अनिल कुमार ने बताया कि ऑडियो वायरल होने के बाद शेरघाटी के एएसपी शैलेंद्र सिंह ने उसे अपने दफ्तर में बुलाया था और उसके साथ थानेदार के बर्ताव को लेकर लिखित जानकारी मांगी थी। साथ में वह ऑडियो क्लिप भी पेनड्राइव में मांगी गई थी, जिसे उपलब्ध कराया गया है। बताया जाता है कि शर्मसार करने वाले इस ऑडियो के वायरल होने के बाद गया के एसएसपी आशीष भारती ने शेरघाटी के एएसपी शैलेंद्र सिंह (आइपीएस) को जांच का जिम्मा सौंपा है। एएसपी से इस मामले में बातचीत करने की कोशिश की गई, लेकिन वह उपलब्ध नहीं हो सके।
वायरल हो रहे ऑडियो में वीआईपी चीफ और बिहार के पूर्व मंत्री के बारे में जमकर अपशब्दों का प्रयोग किया गया है। कहा जा रहा है वह मेरा... है। वह तो अब मंत्री भी नहीं है, सिर्फ पूर्व मंत्री है। वह बतावेगा कि पुलिस कैसे काम करेगी। पुलिस के अनुसंधान में हस्तक्षेप करने वाला वह होता कौन है। वह मेरा एसपी है या डीएसपी जो उसकी बात मानेंगे। मंत्री भी रहता तो उसकी बात क्यों मान लें। वह मंत्री है तो यहां चौकिदार बैठा है। पता नहीं है कि यहां मु्ख्यमंत्री का रिश्तेदार बैठा है।
ऑडियो वायरल होने का क्या है पूरा मामला
पीड़ित अनिल का कहना था कि दरअसल वह 14 सितंबर को भूमि-सर्वे के पूर्व जमीन के कागजात तैयार करने अपनी पत्नी के साथ शेरघाटी कोर्ट आया था। कोर्ट कैंपस से ही उसकी बाइक चोरी कर ली गई, उसी दिन पत्नी के साथ वह थाना पहुंचा और मामले की रिपोर्ट लिखवाई। इसी मामले में पुलिस कार्रवाई की प्रगति जानने के लिए 19 सितंबर को वीआइपी के प्रदेश अध्यक्ष प्रद्युम्न बेलदार ने आमस के थानाध्यक्ष को फोन किया था। दरअसल इमामगंज में संभावित उपचुनाव को लेकर प्रद्युम्न इमामगंज दौरे पर आए थे, और उन्हें पार्टी नेता की बाइक चोरी का पता चला था। बाद में जब पीड़ित खुद थाने पहुंचा तो थानेदार ने उसकी ऐसी तैसी कर दी।