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बिहार के नए DGP विनय कुमार ने संभाला कार्यभार; अपराधियों की संपत्ति जब्ती, स्पीडी ट्रायल को बताया प्राथमिकता

बिहार के नए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) विनय कुमार ने शनिवार को कार्यभार संभाल लिया है। इस मौके पर उन्होने अपनी प्राथमिकताओं को गिनाते हुए कहा कि अपराधियों की संपत्ति जब्ती और स्पीडी ट्रायल उनकी प्रियोरिटी है। राज्य के पूर्व डीजीपी आलोक राज ने उन्हें प्रभार सौंपा।

sandeep हिन्दुस्तान, पटनाSat, 14 Dec 2024 06:10 PM
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बिहार के नए DGP विनय कुमार ने संभाला कार्यभार; अपराधियों की संपत्ति जब्ती, स्पीडी ट्रायल को बताया प्राथमिकता

बिहार के नए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) विनय कुमार ने शनिवार को पदभार संभाल लिया। उन्होंने कहा कि अपराध नियंत्रण और विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए स्पीडी ट्रायल और अपराधियों की संपत्ति जब्ती उनकी प्राथमिकता होगी। डीजीपी ने कहा कि सक्षम न्यायालय के साथ समन्वय बनाकर अपराध के मामलों की तेजी से सुनवाई करायी जाएगी और अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजा जाएगा। नए कानून के तहत अपराधियों की संपत्ति का अधिकार पुलिस के पास है। 10 दिनों के अंदर नामजद अभियुक्तों की संपत्ति जांच कर जब्त की जाएगी। थानेदारों को टास्क दिया जाएगा। इसके पहले उनसे संपत्ति का ब्योरा मांगा जाएगा, संतोषजनक जवाब नहीं मिलने और अपराध के माध्यम से अर्जित संपत्ति के सत्यापन होने के बाद उसे जब्त कर लिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि इसके पूर्व भी विभिन्न कानूनों के तहत पुलिस को अपराधियों की संपत्ति जब्त करने का अधिकार मिल चुका है और कार्रवाई करने का अनुभव प्राप्त है। उन्होंने पटना उच्च न्यायालय से अपराध मुक्त किए गए गंभीर अपराध में शामिल अपराधियों के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील करने पर भी जोर दिया। कहा कि ईडी के साथ समन्वय बना रहेगा।

स्पीडी ट्रायल को लेकर एफएसएल को समृद्ध किया जाएगा। राज्य में चार लैब कार्यरत हैं, अतिरिक्त एफएसएल लैब भवन बनकर तैयार हैं, जहां नई लैब स्थापित की जाएगी। साइबर अपराध रोकने के लिए सभी जिलों में पृथक रूप से साइबर थाना खुल गए हैं। उन्होंने शराब एवं नशे के कारोबार पर लगाम लगाने के लिए कार्रवाई करने पर बल दिया। उन्होंने एक सवाल पर कहा कि एनकाउंटर एक नैसर्गिक प्रक्रिया है, अपराधियों को सजा दिलाने पर जोर दिया जाएगा।

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शुक्रगुजार हूं, मुझे कार्यवाहक का जिम्मा मिला

इसके पूर्व कार्यवाहक डीजीपी आलोक राज ने डीजीपी विनय कुमार को पद का प्रभार सौंपा। उन्होंने डीजीपी के रूल को सौंपा और उनका पुलिस मुख्यालय में स्वागत किया। इस मौके पर उन्होंने मुख्यालय से लेकर जिलास्तर तक के पुलिस पदाधिकारियों को बेहतर कार्य करने के लिए धन्यवाद दिया।

उन्होंने कहा कि मेरे 105 दिनों के कार्यकाल को लेकर कोई मलाल नहीं है। शुक्रगुजार हूं कि बिहार सरकार ने मुझे कार्यवाहक डीजीपी के रूप में काम करने का मौका दिया। इस दौरान कई बेहतर कार्य हुए जो पहले नहीं हुए थे। सारण कांड में फास्ट ट्रैक कोर्ट से 50 दिनों के अंदर सजा दिलाने का काम हुआ। एसटीएफ सख्ती से काम कर रही है और बिहार पुलिस ने सबमें बेहतर प्रदर्शन किया है।

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