यहां आंदोलन, वहां तेजी से काम; अब स्मार्ट मीटर का ऐप भी डाउनलोड करवाएगी सरकार
- बिहार में एक तरफ बिजली के प्रीपेड स्मार्ट मीटर के खिलाफ राजनीतिक दल आंदोलन कर रहे हैं तो दूसरी तरफ सरकार इसे बचे हुए घरों में लगाने के अभियान में तेजी से जुटी है। सरकार ने अब बिजली कंपनियों को ग्राहकों से ऐप डाउनलोड कराने कहा है जिससे कम बैलेंस का नोटिफिकेशन सात दिन पहले भेजा सके।
बिजली के प्रीपेड स्मार्ट मीटर को लेकर आम लोगों की शिकायत और विपक्षी दलों के आंदोलन और बयान के बीच सरकार पूरी तेजी से बचे हुए घरों में पुराने मीटर को बदलकर नया लगाने में जुटी हुई है। ऊर्जा विभाग के सचिव और बिहार राज्य पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक पंकज कुमार पाल की अध्यक्षता में बुधवार को स्मार्ट मीटर के काम की समीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक हुई। इसमें राज्य में चल रहे स्मार्ट प्रीपेड मीटरिंग के काम का हिसाब-किताब हुआ। मीटिंग में राज्य भर में स्मार्ट मीटर लगाने की योजना की प्रगति पर चर्चा की गई और उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं देने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए।
सीएमडी पंकज कुमार पाल ने निर्देश दिया कि उपभोक्ताओं के बीच स्मार्ट प्रीपेड मीटर को लेकर जनजागरण के लिए सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) गतिविधियों को तेजी से क्रियान्वित किया जाए। इसके तहत सभी अंचलों के वरीय प्रबंधक (राजस्व) को अपने-अपने क्षेत्र के लिए आईईसी की योजना का प्रस्ताव देने कहा गया है। संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि प्रत्येक पंचायत में पर्चे बंटवाकर उपभोक्ताओं को प्रीपेड स्मार्ट मीटर के उपयोग और लाभ के बारे में पूरी जानकारी दी जाएगी।
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बैठक में अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है कि बिजली कंपनियों के स्टाफ प्रत्येक उपभोक्ता के घर जाकर उन्हें प्रीपेड स्मार्ट मीटर ऐप डाउनलोड करवाएंगे और समय पर मीटर रिचार्ज करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। समय पर रिचार्ज करने से उपभोक्ताओं के बिजली कनेक्शन में किसी भी तरह की दिक्कत नहीं होगी। दोनों बिजली वितरण कंपनियों को निर्देश दिया गया है कि जब किसी बिजली उपभोक्ता का प्रीपेड स्मार्ट मीटर बैलेंस सात दिनों की औसत खपत से नीचे चला जाए तो उसे सात दिन पहले से ही उसके मोबाइल फोन पर कम बैलेंस का नोटिफिकेशन भेजा जाए।