बिहार में मिट्टी-बालू निकालने पर रोक नहीं, छठ पर्व को लेकर सरकार का बड़ा फैसला
विभाग के मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने विशेष रूप से विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि अवैध खनन के नियंत्रण का हवाला देकर छठ से जुड़े कार्यों को अवरुद्ध करने का प्रयास नहीं किया जाएगा। बल्कि ऐसे महापर्व के मौके पर यथासंभव सहयोग का प्रयास सभी को करना चाहिए।
बिहार में छठ के मौके पर मिट्टी और बालू निकालने पर किसी तरह की रोक नहीं रहेगी। घाट के निर्माण, गड्ढों की भराई, घाट तक पहुंच पथ का निर्माण समेत ऐसे अन्य कार्यों में मिट्टी और बालू के उपयोग पर खान एवं भूतत्व विभाग के पदाधिकारियों के स्तर से किसी तरह की रोक-टोक नहीं रहेगी। इसे लेकर विभाग के मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने विशेष रूप से विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि अवैध खनन के नियंत्रण का हवाला देकर छठ से जुड़े कार्यों को अवरुद्ध करने का प्रयास नहीं किया जाएगा। बल्कि ऐसे महापर्व के मौके पर यथासंभव सहयोग का प्रयास सभी को करना चाहिए।
इसे लेकर सभी जिला प्रशासन को निर्देश जारी किया गया है। मंत्री ने कहा कि निजी कार्यों के लिए गैर-सरकारी जमीनों की मिट्टी के उपयोग पर सरकार की तरफ से कोई रोक नहीं है, जबकि व्यावसायिक, ठेका या ऐसे अन्य कार्यों या किसी कार्य विभाग के स्तर से उपयोग के लिए नियमानुसार लाइसेंस लेना होता है। इससे मिट्टी जैसे अनवीकरणीय संसाधन के साथ जनता के पैसों का युक्तिगत उपयोग भी हो सकेगा। उन्होंने कहा कि कई स्थानों पर निजी उपयोग के लिए मिट्टी लेने वाले लोगों को स्थानीय प्रशासन या विभाग से जुड़े पदाधिकारियों ने नियमों का हवाला देकर रोका जा रहा है। साथ ही कई स्थानों से इस बहाने वित्तीय कदाचार की खबरें भी मिल रही थीं। इन बातों का ध्यान रखते हुए विभाग के स्तर से यह व्यवस्था की गई है।
खान एवं भूतत्व विभाग की कार्यप्रणाली पारदर्शी बनेगा
खान एवं भूतत्व विभाग की कार्यप्रणाली को पारदर्शी बनाने की बात करते हुए उन्होंने कहा कि इससे आमजन को निरर्थक परेशानी नहीं हो और स्थानीय थानों या अधिकारियों के स्तर से होने वाले आर्थिक कदाचार पर भी रोक लगे। उन्होंने लोकआस्था के महापर्व छठ के शुभारंभ पर सभी राज्यवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह महापर्व हमारी आस्था और पवित्र परंपरा की पहचान से जुड़ा हुआ है। बिहार के लोग दुनिया के किसी भी हिस्से में रहें, वे महापर्व के मौके पर बिहार आते हैं या फिर उनकी चेतना बिहार से जुड़ी होती है।