बिहार के कार्यकारी DGP आलोक राज ने संभाला पदभार, बताया कैसी होगी पुलिसिंग, क्या होगी प्राथमिकता?
बिहार के नवनियुक्त डीजीपी आलोक राज ने पदभार संभाल लिया है। पूर्व DGP आरएस भट्टी ने उन्हें प्रभार सौंपा। इस मौके पर आलोक राज ने कहा कि उनका लक्ष्य आम जनता का विश्वास जीतना है। और डीजीपी ऑफिस आम लोगों के लिए हमेशा खुला रहेगा।
बिहार के नए कार्यकारी डीजीपी आलोक राज ने पदभार ग्रहण कर लिया है। पूर्व डीजीपी आरएस भट्टी ने पुलिस मुख्यालय जाकर उन्हें पदभार सौंपा। गृह विभाग की अधिसूचना के मुताबिक निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के डीजी आलोक राज अपने दायित्वों के अतिरिक्त अगले आदेश तक बिहार के पुलिस महानिदेशक का प्रभार संभालेंगे।
इस मौके पर पूर्व डीजीपी आरएस भट्टी से उन्होने प्रभार लिया। इस दौरान मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होने कहा कि मैं सरकार का आभारी हूं, कि सरकार ने मुझे इस दायित्व के लिए चुना है। मेरी पुलिसिंग का लक्ष्य आम जनता का विश्वास जीतना है इसी पर आगे बढ़ना है, सभी जनता और सभी के सहयोग से आगे बढ़ना है।
आलोक राज ने कहा कि डीजीपी का कार्यालय आम जनता के लिए हमेशा खुला रहेगा। किसी भी वैधानिक औ लीगल समस्या के लिए आप आ सकते हैं। मेरा उद्देश्य होगा कि बिहारवासियों का डीजीपी बनूं। बिहार के लोग अपनी किसी भी वैधानिक समस्या के लिए मेरे पास आ सकते हैं। मेरे पदाधिकारियों के पास जा सकते हैं। यह उद्देश्य होगा कि हम आम जनता की सेवा करें।
आलोक राज 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। पश्चिम बंगाल और झारखंड के नक्सली इलाके में सात साल तक केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के साथ काम करने का अनुभव है। डीजी (ट्रेनिंग) समेत तमाम पदों पर उनका राज्य में लंबा कार्यकाल रहा है। इससे पहले आईजी (मुख्यालय), आईजी (कमजोर वर्ग), विशेष सचिव (गृह), एडीजी (कानून व्यवस्था), विशेष शाखा, सीआईडी, रेल, डीजी (प्रशिक्षण), बिहार पुलिस अकादमी, बीएसएपी, डीजी-सह- के रूप में काम किया। आलोक राज दिसंबर 2025 में रिटायर होंगे।
आईपीएस अधिकारी आलोक राज मूल रूप से मुजफ्फरपुर के सरैंया प्रखंड के नेउरा गांव के निवासी हैं। वर्तमान में वे पटना के कंकड़बाग में अपने पिता के बनाए आवास में रहते हैं। इनकी प्रारंभिक शिक्षा पटना में ही हुई है। उनके श्वसुर स्व. डीएन सहाय भी बिहार के डीजीपी और छत्तीसगढ़ के पहले राज्यपाल रह चुके हैं। आलोक राज संगीत के शौकीन हैं तथा छह साल प्रशिक्षण भी लिया है। कई नामचीन मंचों पर भजन-गजल गायन की प्रस्तुति कर चुके हैं और इनके कई एलबम रिलीज हो चुके हैं।
डीजीपी के तौर पर ऐसे वक्त कमान संभाली है। जब बिहार में लॉ एंड ऑर्डर को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं। साथ ही अगले साल बिहार विधानसभा चुनाव भी होना है। आलोक राय के सामने ऐसे में कई चुनौतियां हैं।