जीवन जीने की कला सिखाता है रंगमंच: चैतन्य
भागलपुर में विश्व रंगमंच दिवस के अवसर पर सांस्कृतिक संस्था आलय द्वारा एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें रंगमंच की महत्ता, इसकी शिक्षाप्रद भूमिका और आधुनिक समाज में इसकी आवश्यकता पर चर्चा की गई।...

भागलपुर हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। कलाकेंद्र में गुरुवार को सांस्कृतिक संस्था आलय के द्वारा विश्व रंगमंच दिवस के मौके पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर रंगमंच की महत्ता, इसकी शिक्षाप्रद भूमिका और आधुनिक दौर में इसकी आवश्यकता पर चर्चा हुई। संस्था के सचिव शशि शंकर ने कहा कि अभिनय मनुष्य में नैसर्गिक रूप से मौजूद रहता है। डॉ. चैतन्य प्रकाश ने कहा कि रंगमंच हमें जीवन जीने और सहजता से आगे बढ़ने की कला सिखाता है। कार्यक्रम में विपुल, राहुल राजीव, मंगलम, मोनाल, शीतलम, सागर, शिवम, महेंद्र, गौरव सिंह राठौर, विक्रम, अमित, कोमल, बजरंगी, सोनी कुमारी, प्रीति, रागिनी, सूरज, साहिल, आर्यन, शिवम, राजकुमार समेत कई कलाकार और रंगमंच प्रेमी मौजूद रहे।
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