यूएमआईएस के बकाए से 40 हजार छात्रों के नामांकन में लगा अड़ंगा
अभी तक टीएमबीयू में स्नातक में नामांकन की प्रक्रिया भी नहीं हुई शुरू दो साल
भागलपुर, वरीय संवाददाता
तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) के स्नातक में ऑनलाइन नामांकन प्रक्रिया पर तलवार लटकने लगी है। नामांकन करने वाली एजेंसी ने पिछले दो साल से भुगतान नहीं होने के कारण हाथ खड़े कर दिए हैं। इस वजह से टीएमबीयू में अब तक स्नातक में दाखिले की प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है।
विवि में नामांकन की प्रक्रिया इस समय शुरू हो जानी चाहिए थी, लेकिन अभी तक इसपर कोई काम नहीं हुआ है। सूत्रों ने बताया कि एजेंसी ने आगे काम करने से मना कर दिया है। कहा है कि जबतक उसे भुगतान नहीं किया जाएगा, वह नामांकन की प्रक्रिया नहीं शुरू करेगा। जबकि सीसीडीसी डॉ. केएम सिंह ने कहा था कि अप्रैल के अंत में प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी जो कि अभी तक नहीं हुआ है। सूत्रों ने बताया कि यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट इन्फॉर्मेशन सिस्टम को ऑपरेट करने वाली एजेंसी ‘कैंपस ईएआई इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने कहा है कि उसे पिछले साल स्नातक और पीजी में नामांकन के लिए की गई प्रक्रिया का भुगतान अब तक नहीं हो सका है। इसलिए इस बार भुगतान होने के बाद ही स्नातक में नामांकन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। वह तो पीजी में नामांकन की प्रक्रिया शुरू करने को तैयार नहीं था, लेकिन बाद में किसी तरह उसे तैयार किया गया।
इधर-उधर घूम रही है फाइल
एजेंसी को भुगतान करने के लिए काफी समय से फाइल आगे बढ़ाई गई है, लेकिन वह इधर से उधर ही घूम रहिी है और एजेंसी को भुगतान नहीं हो पा रहा है। सूत्रों ने बताया कि एजेंसी ने उस बीच स्नातक पार्ट-3 के रिजल्ट का काम करने के एवज में स्टेशनरी के लगभग नौ लाख का बिल दिया था, लेकिन डाटा और डैशबोर्ड को लेकर एफए ने फाइल लौटा दी थी। उधर, लॉकडाउन के बाद से यह गति और धीमी हो गई है।
बाहर नहीं जा पा रहे छात्र
नामांकन में देरी होने के बावजूद कोरोना संक्रमण के कारण छात्र दूसरे विश्वविद्यालयों में नामांकन लेने नहीं जा सकते हैं। ऐसे में वे यहीं फंसे हुए हैं और उनकी पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। जानकारी हो कि विवि में स्नातक में करीब 60 हजार से अधिक सीटें हैं, जिनमें 40 हजार से अधिक सीटों पर नामांकन होता है।
जल्द हो जाएगा भुगतान
सीसीडीसी डा. केएम सिंह ने कहा कि एजेंसी को भुगतान करने के लिए तेजी से काम हो रहा है। फाइल को आगे बढ़ा दिया गया है। वित्तीय पदाधिकारी भी आइसोलेशन में चले गए हैं। लॉकडाउन समाप्त होने के बाद जल्द से जल्द एजेंसी को भुगतान करा दिया जाएगा, ताकि नामांकन की प्रक्रिया शुरू की जा सके। अभी तक अस्थाई कुलपति होते थे, इसलिए भुगतान में परेशानी होती थी, लेकिन अभी स्थाई कुलपति के आने से यह समस्या नहीं रहेगी।
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