मिलनसार और सज्जन थे सहायक कमांडेंट ओंकार
घटना के दूसरे दिन नहीं जले चूल्हे, छायी रही वीरानी अकबरनगर संवाददाता। नगर पंचायत अकबरनगर
नगर पंचायत अकबरनगर के श्रीरामपुर निवासी सीआरपीएफ 154 बटालियन के असिस्टेंट कमांडेंट ओंकार भारती का अचानक तबियत बिगड़ने के बाद आकस्मिक निधन हो गया। घटना के दूसरे दिन शनिवार को गांव में वीरानी छायी रही। मृतक के परिवार में कोई चूल्हा नहीं जला। असिस्टेंट कमांडेंट की बड़ी बेटी आसी ने अपने पिता को मुखाग्नि दी। परिवार के लोग इस दुखद घटना से मर्माहत हैं। पत्नी रंजीता और मां चंद्रकला देवी की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं, और वे बार-बार बेहोश हो जाती हैं। पत्नी बार-बार अपने पति को याद कर बदहवास हो रही हैं। गांव के ग्रामीणों, निशिकांत, अभय, रामप्रवेश और प्रवीण ने बताया कि मृतक काफी मिलनसार और मृदुभाषी थे। --------------------------
बेटी की पढ़ाई और शादी का सपना रह गया अधूरा
ओंकार ने कभी नहीं सोचा था कि वह अपनी दोनों बेटियों की पढ़ाई और शादी के पहले ही दुनिया से चले जाएंगे। उनकी पत्नी और दो बेटियां, आसी (12) और शिवांगी (07), अब अपने पिता के बिना जीवन जीने को मजबूर हैं। ओंकार की पत्नी रो-रोकर यही कहती रहती हैं, बाबू, आबे दोनों तुअर बच्चा कै की होते हो बाबू।
दो भाईयों में बड़े थे ओंकार
सहायक कमांडेंट ओंकार भारती दो भाईयों में बड़े थे। उन्होंने 2004 में सीआरपीएफ में योगदान दिया था, और बाद में उनका प्रमोशन कमांडेंट के पद पर हुआ। उनके छोटे भाई डीएसपी के पद पर कार्यरत हैं, जबकि उनके पिता श्यामदेव यादव और मां चंद्रकला देवी शिक्षक से सेवानिवृत्त हुए हैं। ओंकार दो दिन पूर्व ही गांव आए थे, और इस दुखद घटना ने परिवार को गहरे शोक में डुबो दिया।
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