प्रेम तत्व से बढ़कर कुछ नहीं : सुबोधानंद
सुल्तानगंज, निज संवाददाता। मानव जीवन में प्रेम से बढ़कर और कुछ भी नहीं है।
मानव जीवन में प्रेम से बढ़कर और कुछ भी नहीं है। प्रेम ही जगत में सार तत्व है। प्रेम ही भक्त और भगवान का वास्तविक स्वरूप है। प्रेम साक्षात परमात्मा है और परमात्मा प्राप्ति का साधन भी प्रेम ही है। उक्त बातें हरिद्वार से पधारे स्वामी सुबोधानंद जी महाराज ने चौक बाजार स्थित नई दुर्गा स्थान के प्रांगण में चल रही संगीतमय श्रीमद्भागवत सप्ताह कथा के छठे दिन श्रोताओं के बीच कही। उन्होंने कहा कि प्रेम के कारण भगवान अपने भक्तों के अधीन होकर अनेकों प्रकार की लीला करते हुए भक्तजनों को आनंद प्रदान करते हैं। इस अवसर पर श्रीकृष्ण-रुक्मणी विवाह की झांकी प्रस्तुत की गई। जिसे देखकर सभी श्रोता आनंदमग्न होकर नाचने को विवश हो गए। आयोजक ने बताया कि मंगलवार को भागवत कथा का अंतिम दिन है। जबकि बुधवार की सुबह हवन का कार्यक्रम होगा। कार्यक्रम को सफल बनाने में त्रिवेणी शर्मा, अरुण कुमार चौधरी, कपिल कांड, विजय सिंह इत्यादि कार्यकर्ता उपस्थित थे।
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