अखाड़ा बने निगम में तनातनी की भेंट चढ़ रहा शहर का विकास
करीब एक साल से नगर निगम में चल रही खींचतान की वजह से विकास कार्य
भागलपुर, वरीय संवाददाता। पिछले एक साल से अखाड़ा बने नगर निगम में शहर के विकास कार्य अहम और तनातनी की भेंट चढ़े हुए हैं। पहले जहां मेयर डॉ. बसुंधरा लाल और तत्कालीन नगर आयुक्त नितिन कुमार सिंह के बीच तनातनी से शहर का विकास कार्य थमा हुआ था। वहीं निगम में एक बार फिर से वैसी ही स्थिति पैदा हो गई है। पार्षद और कार्यपालक अभियंता के बीच विवाद की वजह से शहर के विकास संबंधी निर्माण कार्यों के एक बार फिर अधर में लटकने की आशंका है। दरअसल लंबे अरसे से नगर निगम में कार्यपालक अभियंता के नहीं रहने की वजह से निगम क्षेत्र के विभिन्न वार्डों में निर्माण संबंधी कार्य नहीं हो पा रहे थे। सामान्य बोर्ड और सशक्त स्थायी समिति की स्वीकृति के बावजूद निगम की आय बढ़ाने संबंधी विभिन्न प्रस्ताव से लेकर विकास संबंधी कार्य कार्यपालक अभियंता के हस्ताक्षर नहीं होने के कारण शुरू नहीं हो पा रहे थे। इनमें नगर निगम की नई बिल्डिंग, शहर के विभिन्न इलाकों में विवाह भवन, मार्केटिंग कॉम्प्लेक्स, पार्किंग, जलजमाव की समस्या के निजात के लिए हथिया नालों का पक्कीकरण, सैंडिस कंपाउंड में सिंथेटिक ट्रैक, करीब नौ करोड़ की लागत से चार पार्कों का निर्माण समेत कई सारे काम शामिल हैं। स्वीकृति के करीब छह महीने के बाद भी कई कामों की शुरुआत तक नहीं हो सकी। पिछले महीने नगर विकास विभाग की ओर से निगम में राजीव कुमार सिंह को कार्यपालक अभियंता के रूप में तैनात किया गया है।
वहीं अब कार्यपालक अभियंता की कार्यप्रणाली से आहत पार्षदों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। यहां तक कि कार्यपालक अभियंता को शहर के विकास में बाधक बताते हुए उन्हें हटाने के लिए मेयर, नगर आयुक्त से लेकर विभागीय मंत्री तक गुहार लगा चुके हैं। इस संबंध में केंद्रीय मंत्री ललन सिंह को भी पार्षदों ने ज्ञापन दिया है।
स्थायी समिति सदस्य संजय सिन्हा, निकेश कुमार, रंजीत कुमार के अलावा पार्षद अनिल कुमार पासवान, अभिषेक आनंद मिश्रा, पंकज कुमार आदि का कहना है कि वर्तमान कार्यपालक अभियंता की कार्यशैली शहर के विकास में बाधक है। आचरण और भाषा अमर्यादित है। ऐसे में उनका नगर निगम से हटना जरूरी है। उनके द्वारा हरेक काम में अड़चन लगाया जा रहा है।
वहीं, कार्यपालक अभियंता राजीव कुमार सिंह का कहना है कि विभाग ने उन्हें नगर निगम में नियमानुसार गुणवत्तापूर्वक काम कराने के लिए भेजा है। विभागीय काम से लेकर निविदा तक के सारे काम पीडब्लूडी कोड के अनुसार ही होंगे।
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