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सुल्तानगंज में गंगा किनारे बनेगा राज्य का पहला टूरिस्ट पार्क

जिला प्रशासन ने पर्यटन निदेशालय को भेजा है प्रस्ताव असरगंज रोड में 100 एकड़

Newswrap हिन्दुस्तान, भागलपुरTue, 7 Jan 2025 01:59 AM
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हिन्दुस्तान विशेष भागलपुर, वरीय संवाददाता। भागलपुर के सुल्तानगंज में गंगा नदी के किनारे राज्य का पहला टूरिस्ट पार्क बनेगा। इसको लेकर जिला प्रशासन ने पर्यटन निदेशालय को प्रस्ताव भेजा है। प्रशासन ने करीब एक सौ एकड़ जमीन के अधिग्रहण की योजना बनाई है। ताकि टूरिस्ट पार्क में प्रतिदिन करीब 25 हजार श्रद्धालुओं का आवासन हो सके। इसके लिए सुल्तानगंज-असरगंज रोड में कांवरिया पथ से सटे पूरब या पश्चिम में अधिग्रहण करने की जरूरत बताई गई है।

यहां मल्टी स्टोरीज बिल्डिंग भी बनाए जाएंगे। ताकि श्रावणी मेला जैसे बड़े आयोजन के वक्त सैकड़ों की संख्या में मेला ड्यूटी करने आए पुलिस और अन्य अफसरों को ठहरने की व्यवस्था की जा सके। मल्टी स्टोरीज बिल्डिंग में कई कमरे बनेंगे। जहां वीवीआईपी अतिथियों के लिए रहने की भी व्यवस्था की जा सके। दरअसल, वर्ष 2024 में श्रावणी मेला में कांवरियों के आगमन ने तमाम रिकार्ड तोड़ दिए। वर्ष 2024 में करीब 1.25 करोड़ कांवरिया सुल्तानगंज आए थे।

प्रस्ताव में अजगैवीनाथ व जाह्नवी की धार्मिक महत्ता बताई गई

जिला पर्यटन पदाधिकारी कुमार मिथिलेश प्रसाद सिंह ने बताया कि सुल्तानगंज में पर्यटकीय दृष्टिकोण से विकास कार्य एवं आवासीय सुविधा वगैरह के लिए एक सौ एकड़ भूमि के अधिग्रहण करने की अधियाचना पर्यटन निदेशालय से की गई है। संभवत: यह राज्य का पहला टूरिस्ट पार्क भी होगा। सुल्तानगंज का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व रहा है। गंगा के जाह्नवी के रूप में नामकरण की कथा राम-रावण द्वारा कांवर यात्रा के प्रारंभ करने की कथा और अजगैवीनाथ के बाबाधाम के तुल्य महात्म्य स्थापित करने की कथा पौराणिक एवं ऐतिहासिक है। स्थापित धार्मिक और ऐतिहासिक परंपरा के अनुसार विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला का आयोजन सावन में होता है। जिसमें सुल्तानगंज की उत्तरायणी गंगा से जल भरकर तीर्थयात्री और श्रद्धालु कांवर यात्रा कर करीब 105 किमी पैदल चलते हुए बाबाधाम स्थित शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं।

पार्क निर्मित होने पर जर्मन हैंगर टेंट लगाने की नहीं होगी जरूरत

जिला पर्यटन पदाधिकारी ने बताया कि श्रावणी मेला में पूरे एक माह तक तीर्थ यात्रियों की सेवा के लिए पुलिस, प्रशासन और अन्य सभी विभाग के लोग भक्तिभाव से लगे रहते हैं। इतनी लंबी अवधि तक लगातार प्रतिनियुक्ति और सावन की वर्षा-गर्मी के प्रभाव के कारण पुलिस, विभागीय सेवाकर्मियों, दंडाधिकारियों आदि के ठहराव संबंधी समस्या बनी रहती है। सावन में श्रद्धालुओं की जरूरत को देखते हुए जर्मन हैंगर टेंट लगाया गया था। इसके अलावा भी आवासन के कई मदों में बड़ी राशि खर्च हुई है। ऐसे में पुलिस पदाधिकारी, कर्मी, दंडाधिकारी (महिला-पुरुष), अतिविशिष्ट, विशिष्ट और सामान्य सेवाकर्मियों, विभागीय लोगों के आवासन की स्थायी व्यवस्था करने के साथ ही बड़ी राशि की बचत हो सकेगी। अगुवानी-सुल्तानगंज फोरलेन पुल बन जाने और सुल्तानगंज में रीवर साइड को विकसित होने के बाद सुल्तानगंज का महत्व और बढ़ जाएगा।

टूरिस्ट पार्क कैंपस में सुविधाएं भी होंगी

- विधि-व्यवस्था के लिए स्थायी पुलिस केंद्र।

- बाढ़-आपदा से बचाव को स्थायी बचाव केंद्र।

- कांवरियों के भीड़ नियंत्रण के लिए कमांड सेंटर।

- कांवरियों के लिए आधुनिक सुविधायुक्त भवन।

- शुद्ध और किफायती भोजनालय या कैफैटेरिया।

- कार और बाइकों की पार्किंग की होगी सुविधा।

- कांवरियों के सामान की सुरक्षा के लिए लॉकर।

- निर्धारित दर पर पूजन सामग्रियों की बिक्री।

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