बीएनएमयू में पीजी विभाग और कॉलेजों में शिक्षकों की कमी, पढ़ाई बाधित
भूपेंद्र नारायण मंडल यूनिवर्सिटी में शैक्षणिक माहौल बनाने की पहल शिक्षकों की कमी के कारण पूरा नहीं हो पा रहा है। विश्वविद्यालय के पीजी विभागों सहित लगभग सभी कॉलेजों में विषयवार शिक्षकों की काफी कमी...
भूपेंद्र नारायण मंडल यूनिवर्सिटी में शैक्षणिक माहौल बनाने की पहल शिक्षकों की कमी के कारण पूरा नहीं हो पा रहा है। विश्वविद्यालय के पीजी विभागों सहित लगभग सभी कॉलेजों में विषयवार शिक्षकों की काफी कमी रहने से छात्रों की क्लास प्रभावित हो रही है। पीजी विभाग और कॉलेजों में स्वीकृत पद के अनुरूप शिक्षकों का पदस्थापन नहीं होने के कारण क्लास के नाम पर महज औपचारिकता हो रही है।
दो माह बाद भी अतिथि शिक्षकों की बहाली नहीं
शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए यूनिवर्सिटी ने अतिथि शिक्षकों के लिए वैकेंसी तो निकाला लेकिन अभ्यर्थियों का आवेदन जमा हुए दो महीने से अधिक बीत जाने के बाद भी इस पर कोई विशेष पहल नहीं हो पाया है। नियमानुसार पीजी के सभी विषयों में सभी सेमेस्टरों को मिलाकर औसतन प्रतिदिन 12 क्लास होनी चाहिए। लेकिन जमीनी हकीकत यूनिवर्सिटी की शैक्षणिक गतिविधि की बदहाली बयां कर रही है। बीएनएमयू से पूर्णिया यूनिवर्सिटी के अलग होने के बाद वैसे भी यहां शिक्षकों की संख्या में कमी आयी है।
इन विभागों में शिक्षकों की कमी
यूनिवर्सिटी के पीजीके अर्थशास्त्र, वाणिज्य, समाजशास्त्र, हिन्दी, इतिहास, गृह विज्ञान, भूगोल विभागों में शिक्षकों की काफी कमी है। अर्थशास्त्र विभाग में मात्र दो शिक्षक पदस्थापित हैं। जबकि एक शिक्षक को टीपी कॉलेज से सप्ताह में दो दिनों के लिए प्रतिनियुक्त किया गया है। वाणिज्य में शिक्षकों के सात पद सृजित हैं लेकिन शिक्षकों की संख्या मात्र दो है। इतिहास में चार शिक्षक पदस्थापित थे जिसमें प्रो. भवानंद झा को पीजी सेंटर सहरसा का एचओडी बनाकर भेज देने से यहां अब मात्र तीन शिक्षक हैं। राजनीति विज्ञान में पांच शिक्षक, भूगोल में पांच शिक्षक, वनस्पति विज्ञान में सृजित सात पदों के विरुद्ध मात्र तीन शिक्षक, समाज शास्त्र में दो शिक्षक मनोविज्ञान में चार शिक्षक, हिन्दी में एक शिक्षक पदस्थापित हैं। जबकि एक शिक्षक को सप्ताह में तीन दिन क्लास करने का आदेश दिया गया है। छात्रों की संख्या को देखते हुए हिन्दी सहित लगभग सभी विषयों में शिक्षकों की आवश्यकता है।
सभी सेमेस्टरों की कक्षाएं एक साथ चलाना संभव नहीं
पीजी में चार सेमेस्टर होने के कारण प्रति सेमेस्टर तीन क्लास के हिसाब से प्रतिदिन 12 क्लास होना चाहिए। लेकिन शिक्षकों की कमी के कारण सभी सेमेस्टरों की कक्षाएं एक साथ चलाना संभव नहीं हो पा रहा है। सभी सेमेस्टरों की कक्षाएं एक साथ नहीं हो पाती है। इससे छात्रों को परेशानी होती है।
कॉलेजों में भी शिक्षकों की कमी
मधेपुरा। बीएनएमयू के सभी अंगीभूत कॉलेजों में भी शिक्षकों की कमी से क्लास बाधित हो रही है। टीपी कॉलेज, पीएस कॉलेज, बीएनएमभी कॉलेज मधेपुरा, केपी कॉलेज मुरलीगंज, एचएस कॉलेज उदाकिशुनगंज, एमएचएम कॉलेज सोनवर्षा, एमएलटी कॉलेज, आरएम कॉलेज, आरजेएम कॉलेज, एसएनएसआरकेएस कॉलेज सहरसा, बीएसएस कॉलेज सुपौल, एचपीएस कॉलेज निर्मली सहित अन्य कॉलेजों में भी शिक्षकों को पद के अनुरुप पदस्थापन नहीं हुआ है।
अतिथि शिक्षक बहाली की प्रक्रिया धीमी
मधेपुरा। बीएनएमयू में शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए विवि प्रशासन ने अतिथि शिक्षकों की बहाली घोषणा की। इसके लिए आवेदन भी मंगाये गये हैं। आवेदन जमा करने की तिथि समाप्त हुए दो महीने से अधिक बीत जाने के बाद भी अभी तक इस दिशा में विशेष प्रगति नहीं हो पायी है। हालांकि आवेदन की छंटनी और जांचके लिए कमेटी गठित कर दी गयी है। अब देखना है विवि प्रशासन कब तक अतिथि शिक्षकों को बहाल कर शैक्षणिक माहौल बनाने में सफल हो पाती है।
प्रोवीसी प्रो. फारुक अली ने बताया कि शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए अतिथि शिक्षकों का चयन प्रक्रिया जारी है। जल्द ही इसे दूर कर लिया जाएगा।
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