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बोले मुंगेर : सड़क पर बहता है घरों का गंदा पानी, रोशनी के बगैर परेशानी

संग्रामपुर नगर पंचायत की स्थिति विकास की उम्मीदों के विपरीत है। यहां की जनसंख्या 35,000 है, जिसमें 11,000 मतदाता और 20,000 पिछड़ा वर्ग के लोग शामिल हैं। गंदे पानी की निकासी, पेयजल, बिजली, खेल मैदान और...

Newswrap हिन्दुस्तान, भागलपुरFri, 9 May 2025 11:08 PM
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बोले मुंगेर : सड़क पर बहता है घरों का गंदा पानी, रोशनी के बगैर परेशानी

नगर पंचायत बनने के बाद आम जनता को उम्मीद होती है कि अब विकास की रफ्तार तेज होगी। आधारभूत सुविधाएं सुदृढ़ होंगी और समाज के अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचेगा। मुंगेर जिला में स्थित संग्रामपुर नगर पंचायत की स्थिति इस उम्मीद के उलट है। यहां की समस्याएं न केवल आधारभूत संरचना के अभाव को उजागर करती हैं, बल्कि यह दर्शाती हैं कि पिछड़ा वर्ग आज भी शासन-प्रशासन की उपेक्षा का शिकार है। हिन्दुस्तान के साथ संवाद के दौरान संग्रामपुर के पिछड़े वर्ग के लोगों ने अपनी परेशानी बताई। साथ ही इसके समाधान की मांग की।

35 हजार है संग्रामपुर नगर पंचायत की आबादी

11 हजार मतदाता हैं संग्रामपुर नगर पंचायत में

12 वार्डों में पिछड़े वर्ग के 20 हजार लोग रहते हैं

संग्रामपुर नगर पंचायत के पिछड़े वर्ग के लोगों ने संवाद में बताया कि नगर पंचायत की आबादी लगभग 35000 है, जिसमें करीब 11000 मतदाता हैं। यहां कुल 12 वार्ड हैं, जिसमें लगभग 20000 पिछड़ा वर्ग के लोग रहते हैं। पूरे नगर पंचायत में कहीं भी समुचित नाला निर्माण नहीं हुआ है। पिछड़ा वर्ग के लोगों के क्षेत्र में तो स्थिति और भी गंभीर है। पानी के निकासी के अभाव में गंदा पानी सड़कों पर ही बहता है, जिससे कीचड़, दुर्गंध और संक्रमण का खतरा बना रहता है। गर्मियों में यह समस्या और विकराल हो जाती है। खुले में बहते गंदे पानी से लोग बार-बार बीमार पड़ते हैं। इससे गरीब परिवारों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ता है।

पेयजल और रोशनी का है अभाव :

उन्होंने कहा कि हमारे वर्ग के लोग जहां रहते हैं उस क्षेत्र में मुख्यमंत्री नल-जल योजना की स्थिति काफी गंभीर है। अधिकांश जगह घरों में नल का जल नहीं पहुंच रहा है। वार्ड नंबर 9 में ही इस योजना का हस्र देखा जा सकता है। इतना ही नहीं, की गलियों में न तो सोलर लाइट है और ना ही न ही पोल पर बिजली की समुचित व्यवस्था। इससे कई जगहों पर अंधेरा छाया रहता है और रात के समय बुजुर्ग एवं बच्चों को चलने में काफी परेशानी होती है। कई बार वे गिरकर घायल हो जाते हैं, खासकर खुले में शौच जाने वालों के लिए यह खतरा और भी बढ़ जाता है।

युवाओं के लिए न खेल मैदान है न सामुदायिक भवन :

लोगों ने बताया कि राशन कार्ड जैसी योजनाओं के लाभ से भी यहां के दर्जनों गरीब परिवार वंचित हैं। यहां कई पात्र परिवारों को अब तक प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिला है। सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटते हुए गरीबों की उम्मीदें टूट चुकी हैं। नगर पंचायत और प्रखंड कार्यालय के बीच समन्वय की कमी का खामियाजा पिछड़े वर्ग के आम जनता को उठाना पड़ रहा है। उनका कहना था कि, यहां युवाओं के लिए न तो कोई खेल मैदान है और न ही कोई सामुदायिक स्थल। वे ब्लॉक परिसर के शिव मंदिर परिसर में ही पढ़ाई या प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करते हैं। इससे उनके समग्र विकास में बाधा आती है।

प्याऊ और सामुदायिक शौचालय की है जरूरत :

उन्होंने कहा कि गर्मी अपने चरम पर है, लेकिन गर्मी के मद्देनजर यहां के लोगों के लिए अथवा राहगीरों के लिए प्याऊ या पीने के पानी की समुचित व्यवस्था नहीं है। इसके साथ ही राहगीरों और स्थानीय नागरिकों के लिए सुलभ शौचालय की आवश्यकता भी लंबे समय से बनी हुई है। इन तमाम समस्याओं के बावजूद प्रशासन की निष्क्रियता और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता ने संग्रामपुर नगर पंचायत के पिछड़े वर्ग के लोगों को विकास से दूर रखा है।

प्रशासन और प्रतिनिधि करें पहल :

यदि जल्द ही इन समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, तो लोगों की नाराजगी और बढ़ेगी। नगर पंचायत एवं यहां के पिछड़े वर्ग की स्थिति स्थानीय प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करती है और दर्शाती है कि योजनाओं की घोषणा भर से जमीनी बदलाव नहीं आता, जब तक कि उनका समयबद्ध क्रियान्वयन न हो। नगर पंचायत एवं यहां के पिछड़े वर्ग की दुर्दशा एक चेतावनी है कि यदि शासन की योजनाएं गरीब और पिछड़े वर्ग तक नहीं पहुंचतीं, तो समावेशी विकास एक कोरी कल्पना मात्र रह जाएगी। जरूरत है पारदर्शिता, जवाबदेही और संवेदनशील प्रशासन की, जो वास्तव में आम जन की आवाज सुन सके।

शिकायत

1. यहां की गलियों में नाला नहीं है, जिससे गंदा पानी सड़कों पर बहता है। संक्रमण फैलने की आशंका रहती है।

2. मुख्यमंत्री नल-जल योजना की स्थिति काफी दयनीय है। सभी घरों में नल का जल नहीं पहुंच रहा है।

3. गलियों में बिजली या सोलर लाइट की समुचित सुविधा नहीं है, जिससे रात में काफी परेशानी होती हैं।

4. दर्जनों परिवार राशन कार्ड और प्रधानमंत्री आवास योजना से वंचित हैं।

5. युवाओं के लिए खेल मैदान नहीं है और इस क्षेत्र में आने वाले राहगीरों के लिए न तो सुलभ शौचालय है और न ही प्याऊ की व्यवस्था।

सुझाव:

1. नगर पंचायत के पिछड़ा वर्ग के लोगों से संबंधित क्षेत्र की गलियों में पक्के नाले का निर्माण प्राथमिकता से कराया जाए।

2. सभी जल परियोजनाओं को चालू किया जाए और नियमित रखरखाव सुनिश्चित किया जाए।

3. बिजली रहित गलियों में सोलर लाइट लगाए जाएं ताकि रात में सुरक्षित आवागमन हो सके।

4. वंचित परिवारों को चिह्नित कर राशन कार्ड और आवास योजना का लाभ जल्द दिलाया जाए।

5. पिछड़ा वर्ग युवाओं के लिए खेल मैदान एवं आम लोगों के लिए सुलभ शौचालय और प्याऊ जैसी सार्वजनिक सुविधाओं का निर्माण शीघ्र कराया जाए।

इनकी भी सुनिए

गरीब परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना से अब तक वंचित रखा गया है। जिनके पास पहले से पक्का मकान है, उन्हें ही आवास योजना का लाभ मिल रहा है।

-गौरव कुमार

इस वार्ड में घरों से निकलने वाले पानी की निकासी की कोई समुचित व्यवस्था नहीं है। नाला निर्माण की अत्यधिक आवश्यकता है। जैसे-तैसे बहता पानी बीमारी फैलने का खतरा पैदा करता है।

-संजय कुमार

यहां पक्की सड़क नहीं है। हर घर तक जाने वाली गली और नालियों का पक्कीकरण होना चाहिए। आने-जाने में बहुत परेशानी होती है।

-निशु कुमार

मजदूरों के बच्चों की शिक्षा के लिए विशेष योजनाएं लागू की जानी चाहिए और श्रमिकों को पेंशन, बीमा व अन्य सामाजिक सुरक्षा लाभ दिए जाएं।

-शिवम कुमार

ब्लॉक में जन्म प्रमाण पत्र बनवाने जाते हैं, तो सिर्फ परेशान किया जाता है। साथ ही जलमीनार भी बंद पड़ी है, जिससे पानी की दिक्कत है।

-ज्ञानराज

आज तक आयुष्मान कार्ड नहीं बना है। सरकारी योजनाओं से वंचित हैं। जिला प्रशासन को चाहिए कि कैंप लगाकर राशन कार्ड और आयुष्मान कार्ड बनाए जाएं ताकि राहत मिल सके।

-आशुतोष कुमार

नगर पंचायत का दर्जा मिले ढाई साल हो चुके हैं, लेकिन आज भी यहां बुनियादी सुविधाओं का अभाव है।

-राजीव कुमार

यहां बहुत से जरूरतमंद लोग आज भी प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभ से वंचित हैं। गरीब मजदूरों की तकलीफ सुनने वाला कोई नहीं है।

-गोलू कुमार

गर्मी बढ़ रही है और पानी की समस्या से लोग परेशान हैं। नल-जल योजना जनता की सुविधा के लिए नहीं, बल्कि ठेकेदारों की कमाई का साधन बनकर रह गई हैं।

- मुकेश कुमार, वार्ड पार्षद

गर्मी को देखते हुए जगह-जगह ठंडे पानी की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए। कम-से-कम नगर पंचायत द्वारा पीने के पानी का इंतजाम हो।

-संतोष साह

कई जगहों पर विकास से संबंधित योजनाएं पास हो चुकी हैं, तकनीकी और प्रशासनिक मंजूरी भी मिल चुकी है। फिर भी काम शुरू नहीं हुआ। अधिकारी रुचि नहीं लेते।

-विभूति मंडल

ऋण के लिए बैंकों के चक्कर काटने पड़ते हैं। ऋण मिल भी जाए तो 10 प्रतिशत रिश्वत देनी पड़ती है। सरकार को सस्ती दरों पर ऋण की व्यवस्था करनी चाहिए।

-शंभू कुमार

सरकार को चाहिए कि पलायन रोकने के लिए ठोस कदम उठाए और मजदूरों को उनके आसपास ही रोजगार उपलब्ध कराए।

-कुट्टू कुमार

ग्राम पंचायत के समय हालात थोड़े बेहतर थे। अब तो विकास कार्य पूरी तरह से ठप हो गए हैं। यदि जल्द समाधान नहीं हुआ तो लोगों का आक्रोश बढ़ेगा।

-छोटू कुमार

नगर पंचायत की स्थिति बहुत खराब है। टूटी नालियां, कीचड़ भरी सड़कें और खुले में बहता गंदा पानी लोगों की परेशानी बढ़ा रहा है।

-रोशन कुमार साह

घरों से निकलने वाला गंदा पानी सड़कों पर बहता है। इससे संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है। लोगों को उम्मीद थी कि नगर पंचायत बनने के बाद हालात सुधरेंगे।

-मोती भगत

बोले जिम्मेदार

जलजमाव और नाले की शिकायत आपके द्वारा मिली है। निश्चित रूप से नाले की सफाई का कार्य कल तक करवाया जाएगा। सफाईकर्मियों द्वारा नियमित साफ-सफाई और ब्लीचिंग का छिड़काव किया जाता है। रही बात पक्के नाले की तो यह भी जल्द करवा लिया जाएगा। नाले और सड़क के पक्कीकरण की योजना पास है। यह काम अब तक पूरा भी हो जाता, लेकिन जनप्रतिनिधियों के गतिरोध के कारण इसमें विलंब हुआ है।

-मनीला राज, कार्यपालक पदाधिकारी

बोले मुंगेर फॉलोअप

पंचायत सचिवों की मांगे नहीं हुईं पूरी

मुंगेर, एक संवाददाता। बिहार राज्य पंचायत सचिव संघ के आवाहन पर पंचायत सचिव अपनी 9 सूत्री मांगों को लेकर फिर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं और पटना में धरना पर बैठे हुए हैं। इस हड़ताल से मुंगेर जिला सहित राज्य के 8054 पंचायतों में विकास कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। वहीं, बीते गुरुवार को मुंगेर के विभिन्न पंचायतों के सचिवों का एक प्रतिनिधिमंडल मुंगेर विधायक प्रणव कुमार से मिला और उन्हें सामूहिक रूप से ज्ञापन सौंपा। पंचायत सचिवों ने ज्ञापन में मांग की है कि, विधायक सरकार तक उनकी समस्याएं पहुंचाएं और समाधान की दिशा में पहल करें। वहीं, विधायक प्रणव कुमार ने भी प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया कि, वे इस मांग को संबंधित मंत्री और सचिव के समक्ष उठाएंगे और जरूरत पड़ी तो विधानसभा में भी इस विषय को उठाएंगे। ज्ञात हो कि अपने समाचार पत्र हिंदुस्तान में भी बोले मुंगेर अभियान के तहत बीते 2 अप्रैल को पंचायत सचिवों की समस्याओं एवं मांगों को प्रमुखता से उठाया गया था। लेकिन, अभी तक नतीजा शून्य रहा है। सरकार अपनी गति से चल रही है, कोई कुछ मांगे और किसी भी तरह की समस्या में हो, उसे तो बस अपना आंख- कान बंद रखना है और अपने हिसाब से चलते जाना है। लेकिन, इस रवैया से किसी का कल्याण होने वाला नहीं है। यदि पंचायत सचिवों की मांग जल्दी पूरी नहीं की गई तो पंचायत में विकास कार्य पूरी तरह से ठप हो जाएगा और सारी महत्वाकांक्षी परियोजनाएं अधूरी रहेंगी।

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