बोले जमुई : 22 हजार रुपये हो मानदेय, इंटरनेट के लिए मिले भत्ता
जमुई जिले की एएनएम स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं को ग्रामीण स्तर तक पहुंचाने में जुटी हैं, लेकिन उन्हें केवल 11,000 रुपये का मानदेय मिलता है। वे बेहतर मानदेय की मांग कर रही हैं। एएनएम को कई समस्याओं का...
स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं को ग्रामीण स्तर तक घर-घर पहुंचाने वाली एएनएम कई समस्याओं से जूझ रही हैं। प्रति दिन गांव के स्वास्थ्य केंद्र पहुंचती हैं। लोगों के उपचार में सहयोग करती हैं। गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण हो या बच्चों को टीका लगाना, इसकी जिम्मेदारी एएनएम पर होती है। इसके अलावा अस्पताल में रहते हुई यह लोगों का समुचित उपचार करती हैं। इनकी भी अपनी समस्याएं, जिसका निदान नहीं किया जा रहा। आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान के साथ संवाद के दौरान जिले की एएनएम ने अपनी समस्याएं साझा कीं।
05 सौ एएनएम तैनात हैं जमुई जिले के विभिन्न प्रखंडों में
11 हजार रुपये ही मानदेय मिलता है एएनएम को
22 हजार रुपये मानदेय करने की एएनएम ने की मांग
जमुई जिले विभिन्न प्रखंडों में अनुबंध लगभग पांच सौ एएनएम तैनात हैं। ये शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य कर रही हैं। प्रतिदिन अपने-अपने कार्य क्षेत्रों पर पहुंच कर लोगों को इलाज कराना, बच्चों का टीकाकरण, गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य जांच या टीकाकरण की जिम्मेदारी एएनएम पर रहती है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग द्वारा इन एएनएम को मानदेय के रूप में मात्र 11 हजार रुपए ही दिये जा रहे हैं। इससे इनके परिवार को गुजर-बसर करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इससे अनुबंध पर कार्यरत एएनएम काफी परेशान रहती हैं। साथ ही विभाग के काम का भी दबाव रहता है। विभिन्न कार्यक्रमों को सफल बनाने के लिए अधिकारियों का दबाव लगातार बना रहता है। इससे मानसिक परेशानी होती है। जहां-तहां नियुक्ति से आवाजाही की समस्या होती है। शारीरिक परेशानी भी झेलनी पड़ती है।
केंद्र पर जाने के लिए नहीं है उचित यातायात सुविधा :
एएनएम बताती हैं कि शहरी क्षेत्रों में कार्यरत एएनएम तो किसी तरह अपने केंद्र पर पहुंच ही जाती हैं लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत एएनएम को केंद्र पर पहुंचने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। कई बार तो घंटों वाहन का इंतजार सड़क पर खड़े होकर कराना पड़ जाता है। अपने केंद्र पर ससमय नहीं पहुंच पाती हैं। केंद्र पर मौजूद मरीज, गर्भवती महिला या फिर बच्चों के अभिभावकों का तंज सुनने को मिलता है। विभाग की डांट-फटकार अलग होती है। एएनएम कहती हैं कि अगर हमलोगों को भी यातायात की सुविधा मिल जाए तो हमलोग भी समय पर केंद्र पर पहुंच कर अपने कार्य समय पर निबटा सकेंगी। सबसे खराब स्थिति बरसात के दिनों में होती है। बारिश में भींगने के कारण बीमार भी पड़ जाती हैं।
केंद्रों पर नहीं है शौचालय और पानी की सुविधा :
अनुबंध पर कार्यरत एएनएम बताती हैं कि हमलोग सुबध 8 बजे ही कार्य क्षेत्र पर जाने के लिए घर से निकल पड़ती हैं। डयूटी शाम 5 बजे तक होती है। इस दौरान अगर हमलोगों को कई प्रकार की परेशानी का सामना भी करना पड़ जाता है। अधिकांश आंगनबाड़ी केंद्रों पर शौचालय और पानी तक की सुविधा नहीं है। हमलोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। सरकार केंद्रों पर शौचालय और पानी मुहैया कराए ,ताकि हमलोगों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।
मानदेय में नहीं हुई है वृद्धि :
एएनएम बताती है कि सरकार हमलोगों से लगातार कार्य ले रही है। लेकिन जिस हिसाब से हमलोग कार्य कर रहे है, हमलोगों का मानदेय नहीं है। मात्र 11 हजार रुपए मानदेय में हमलोग कार्य कर रहे हैं। जबकि हमलोगों का मानदेय कम से कम हजार रुपए होना चाहिए था। सभी विभागों में लगातार मानदेय की बढ़ोतरी होती है लेकिन हमलोगों का मानदेय नहीं बढ़ना परेशानी का कारण है। सरकार हमलोगों का भी मानदेय बढ़ाए ताकि हमलोग भी अपने परिवार का भरण-पोषण सही ढंग से कर पाएं।
बायोमेट्रिक हाजिरी से होती है परेशानी :
एएनएम बताती हैं कि जब से बायोमैट्रिक हाजिरी शुरू हुई है तब से हमें और अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है। घर से सुबह निकलकर सुबह 8 बजे ही बायोमैट्रिक हाजिरी बनाना पड़ती है, तब ही हमलोग अपने-अपने कार्य क्षेत्र पर जाने के लिए निकलते हैं। अगर गाड़ी मिलने में देर हो गई और समय पर नहीं पहुंच पाते हैं तो वैसे हमलोगों की हाजिरी उस दिन की नहीं बन पाती है। हमलोग काम भी कर विभाग की नजर में अबसेंट हो जाते है। काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
शिकायतें
बायोमेट्रिक हाजिरी बनाने में देर होने पर कई बार अनुपस्थित कर दिया जाता है।
आंगनबाड़ी केंद्रों पर शौचालय और पानी की कोई सुविधा नहीं है।
इंटरनेट की राशि विभाग द्वारा मुहैया नहीं कराई जाती है ।
कार्य क्षेत्र तक पहुंचने के लिए किराया भत्ता नहीं दिया जाता है।
विभाग द्वारा मानदेय में बढ़ोतरी नहीं होने से परेशानी हो रही है।
सुझाव
ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचने के लिए यातायात की सुविधा होनी चाहिए।
मानदेय ससमय दिया जाना चाहिए ताकि एएनएम को किसी तरह की कोई परेशानी ना हो।
सभी केंद्रों पर शौचालय और पानी की सुविधा होनी चाहिए।
सरकार द्वारा मानदेय में बढ़ोतरी की जानी चाहिए।
इंटरनेट की सुविधा के लिए विभाग को अलग से राशि मुहैया करानी चाहिए।
सुनें हमारी बात
यातायात की सुविधा नहीं होने के कारण हमलोगों का आधा से वेतन किराये में खर्च हो जाता है। हमलोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
-रिंकू कुमारी
आंगनबाड़ी केंद्रों पर शौचालय और पानी की सुविधा नहीं होने के कारण हमलोगों का काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। केंद्रों पर शौचालय और पानी की सुविधा होनी चाहिए।
-सुमति कुमारी
बायोमैट्रिक हाजिरी के कारण काफी परेशानी होती है। विभाग को बायोमैट्रिक सिस्टम को खत्म करना चाहिए ताकि हमलोगों का परेशानी कम हो सके।
-आभा कुमारी
हमलोगों का मानदेय बहुत ही कम है। सरकार मानदेय में वृद्धि करे ताकि हमलोगों का भी परिवार सभी ढंग से गुजर-बसर कर सके।
-छोटी कुमारी
इंटरनेट से विभाग के सभी कार्य होते हैं। विभाग द्वारा इंटरनेट के लिए अलग से राशि मुहैया करानी चाहिए ताकि हमलोगों को अलग से राशि नहीं लगानी पड़े।
-सरिता कुमारी
काफी कम मानदेय के कारण हमलोगों को घर चलाने में काफी परेशानी होती है। सरकार को चाहिए कि एक मुनासिब मानदेय हमलोगों को प्रदान करें।
-आभा कुमारी
इतना कम मानदेय मिलता है कि हमलोगों को आने-जाने में आधी राशि खत्म हो जाती है। घर-परिवार चलाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
-रूबी खातून
हमलोगों का मानदेय कम से कम 22 हजार रुपये होना चाहिए। सरकार इस ओर ध्यान दे ताकि हमलोग भी ठीक से अपना जीवन गुजार सकें।
-निशा कुमारी
सुबह 8 से शाम 5 बजे तक डयूटी करते हैं, लेकिन कई सुविधा, जो मिलनी चाहिए नहीं दी जाती है। विभाग को चाहिए कि हमलोगों को सभी सुविधाएं दे।
-अर्चना कुमारी
छुट्टी के लिए सहकर्मियों से मंजूरी लेनी पड़ती है। अगर मंजूरी नहीं मिलती, तो हमलोगों को छुट्टी मिलने में काफी परेशानी होती है।
- कुमारी सुनीता सिंह
ग्रामीण क्षेत्र की एएनएम के मानदेय में कुछ वृद्धि हुई है लेकिन शहरी क्षेत्र में कार्य करने वाली एएनएम के मानदेय में कोई वृद्धि नहीं हुई। परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
-प्रिया कुमारी
मानदेय कम होने के कारण हमलोगों को परिवार चलाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। सरकार मानदेय में वृद्धि करें ताकि परेशानी कम हो सके।
-प्रगति कुमारी
शहरी क्षेत्र के एएनएम को इंटरनेट चलाने के लिए विभाग द्वारा राशि मुहैया नहीं कराई जाती है। विभाग को चाहिए कि इंटरनेट के लिए राशि मुहैया कराए।
-आरती कुमारी
कार्य क्षेत्र तक आने-जाने के लिए सरकार को अलग से किराया भत्ता देना चाहिए। ताकि हमलोगों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।
-सुमित्रा कुमारी
समय पर मानदेय नहीं मिलने के कारण हमलोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। हमलोगों को घर चलाने में काफी परेशानी होती है। ससमय मानदेय का भुगतान होना चाहिए।
-उमा कुमारी
कार्य क्षेत्र के समय में बदलाव की जरूरत है। अहले सुबह हमलोग कार्य के लिए निकलते है और देर शाम तक घर पहुंचते हैं। परिवार को समय नहीं दे पाते।
-चांदनी कुमारी
बोले अधिकारी
अनुबंध में कार्यरत एएनएम की कुछ समस्याएं हैं। धीरे-धीरे सभी समस्याओं का समाधान किया जा रहा है। अन्य समस्याओं के बारे में वरीय पदाधिकारी को अवगत कराया भी गया है। वरीय अधिकारी के निर्देशानुसार आगे कार्य किया जाएगा।
डॉ. वीरेंद्र कुमार, पीएचसी प्रभारी, जमुई
बोले जिम्मेदार
अनुबंध पर कार्यरत एएनएम की कुछ समस्याएं स्थानीय स्तर पर जो भी हैं, उसे दूर किया जाएगा। बाकी अन्य समस्याओं के लिए विभाग को लिखा भी गया है। विभाग से जो भी आदेश आयेगा उसका पालन किया जाएगा।
-डॉ. अमृत किशोर, सीएस, जमुई
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