परमात्मा एक निराकार ज्योति बिंदु स्वरूप
नवगछिया, निज संवाददाता। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय, नवगछिया शाखा की ओर से महाशिवरात्रि के

नवगछिया, निज संवाददाता। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय, नवगछिया शाखा की ओर से महाशिवरात्रि के पूर्व आध्यात्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। शाखा संचालिका बीके निर्मला ने अतिथियों का स्वागत किया। मुख्य वक्ता राजयोगिनी अनीता दीदी ने कहा कि परमात्मा एक है। वह निराकार ज्योति बिंदु स्वरूप है। परमात्मा का नाम शिव है। शिव का अर्थ है कल्याणकारी। जन्म- मरण के चक्र से न्यारा होने के कारण परमात्मा का अपना साकार या आकार शरीर किया नहीं होता। इसलिए वे न तो स्त्रीलिंग में आते हैं और ना ही पुल्लिंग में। उन्हें शिवलिंग के रूप में याद किया जाता है। लिंग का अर्थ या प्रतीक यानी चिह्न से है। बीके बबीता ने बताया कि राज का अर्थ है रहस्य, योग का अर्थ है जोर। अर्थात आत्मा का रहस्य, परमात्मा का रहस्य, संसार के सृष्टि चक्र का रहस्य, अपने कर्मों के रहस्य को जानकर, अपनी स्मरण शक्ति को बढ़ाकर उनके शक्ति प्राप्त कर सकते हैं। इस दौरान गायत्री देवी, प्रखंड प्रमुख नवगछिया, मनकेश्वर सिंह, मुखिया, पवन सर्राफ आदि उपस्थित रहे।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।