जमुई। श्रीमद्भागवत मानव जाति के मोक्ष के लिए वरदान: उद्धव दास
झाझा। नगर संवाददाता श्रीमद् भागवत मानव जाति के कल्याण एवं मोक्ष प्राप्ति के लिए
झाझा। नगर संवाददाता श्रीमद् भागवत मानव जाति के कल्याण एवं मोक्ष प्राप्ति के लिए वरदान है। उक्त कथन झाझा नगर के मुख्य बाजार में जारी सात दिवसीय श्री श्री 1008 श्रीमद् भागवत महापुराण संगीतमय कथा वाचन करते हुए मध्य प्रदेश से झाझा पधारे विद्वान पंडित आचार्य मानस पियुश उद्धव दास गर्ग ने कही। श्री उद्धव दास ने श्रीमद् भागवत का अर्थ बतलाते हुए कहा कि 'भ' का अर्थ है भक्ति। हमारे जीवन में भक्ति तो है परंतु ज्ञान मिश्रित भक्ति नहीं है। यदि भक्ति है और भक्ति में ज्ञान नहीं है तो वह भक्ति शून्यता की ओर जाती है। 'ग' का अर्थ हुआ ज्ञान। अतः यदि भक्ति को ज्ञान के साथ जोड़ा जाए तो जीवन में आनंद की अनुभूति अवश्य होगी। इसी प्रकार से 'व' अर्थात वैराग्य। वैराग्य का यह अर्थ कदापि नहीं कि आप घर गृहस्ती का त्याग कर दें संसार का त्याग कर दें। संसार की आसक्तियां यथा काम क्रोध लोभ मोह मद मत्सर इनका त्याग कर देना ही वैराग्य कहलाता है। कपड़े रंग लेना जंगल में जाकर तपस्या करना यह बैराग्य नहीं है। मन के विकारों को जीवन से दूर कर देना, इसे वैराग्य कहते हैं। 'त' का अर्थ होता है त्याग। संसार की किसी भी मूल्यवान वस्तु के प्रति हमारी आसक्ति नहीं हो तो उसे त्याग कहते हैं। यदि ये चार बातें अर्थात भागवत के ये चारों शब्द हमारे जीवन में उतर जाएं तो मानव का कल्याण हो जाए। पंडित उद्धव दास ने कहा कि पितृपक्ष में पितरों के उद्धार के लिए पितरों का तर्पण करना चाहिए एवं जिनको पित्र दोष चल रहा है उन्हें श्रीमद् भागवत कथा श्रवण करना चाहिए, ऐसा श्रीमद् भागवत में ही कहा गया है। श्रीमद् भागवत में गोकर्ण ऋषि ने धुंधकारी नाम के प्रेत को श्रीमद् भागवत की कथा सुना कर प्रेत योनि से मुक्त कराया था। उन्होंने आगे कहा कि आम जन सत्य वचन एवं धर्म-कर्म की शरण में अवश्य रहें। कटनी जिले के श्री भरभरा आश्रम के संत श्री श्री 1008 श्री बनवारी दास जी महाराज के विद्वान शिष्य पंडित श्री गर्ग ने कहा कि धर्म से बढ़कर कुछ नहीं, सत्य वचन से बढ़कर कुछ नहीं। कभी भी असत्य एवं अधर्म का मार्ग नहीं अपनाने का उन्होंने श्रद्धालुओं से अनुरोध किया। इस कार्यक्रम के दौरान पंडितों में अन्य के अलावे कुलदीप गर्ग तेज प्रकाश गर्ग वेद प्रकाश गर्ग दिलिप गर्ग संदीप तिवारी के अलावा संगीतमय प्रस्तुति में उत्तम सिंह रिंकू एवं राजेश शामिल हुए। कार्यक्रम के समापन के उपरांत मंटू गुप्ता संटु गुप्ता प्रदीप साह श्रीमती वीणा देवी ने उपस्थित श्रद्धालुओं को श्रीमद् भागवत कथा श्रवण करने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
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