Hindi NewsBihar NewsBhagalpur NewsSangrampur Bus Depot Once Bustling Transport Hub Now Abandoned and Overrun

बोले मुंगेर : 15 वर्षों से बंद है डिपो, मुंगेर के लिए हो सरकारी बस सेवा

बिहार के संग्रामपुर बस डिपो, जो कभी यात्रियों का प्रमुख केंद्र था, अब वीरान पड़ा है। 15 वर्षों से बंद पड़े इस डिपो के आसपास असामाजिक गतिविधियाँ बढ़ गई हैं। स्थानीय लोग परिवहन की कमी से परेशान हैं और...

Newswrap हिन्दुस्तान, भागलपुरSat, 10 May 2025 10:16 PM
share Share
Follow Us on
बोले मुंगेर : 15 वर्षों से बंद है डिपो, मुंगेर के लिए हो सरकारी बस सेवा

बिहार राज्य पथ परिवहन विभाग के अधीन संग्रामपुर बस डिपो कभी एक प्रमुख यात्री केंद्र था, जहां से बिहार और झारखंड के विभिन्न जिलों के लिए बसों का नियमित परिचालन होता था। लेकिन विभागीय उदासीनता और प्रशासनिक उपेक्षा के कारण यह डिपो आज वीरान हो चुका है। एक समय यात्री बसों की सीटियों से गूंजने वाला यह स्थल अब पशुओं का तबेला और असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गया है। सार्वजनिक परिवहन के अभाव के कारण यहां के लोग स्वयं को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं और परेशान हैं। हिन्दुस्तान के साथ संवाद के दौरान संग्राम के आम लोगों और यात्रियों ने अपनी परेशानी बताई।

04 एकड़ फैला है संग्रामपुर का सरकारी बस स्टैंड

45 वर्ष पूर्व वर्ष 1980 में शुरू हुआ था यह बस स्टैंड

15 वर्षों से बंद पड़ा बस स्टैंड बना उचक्कों का अड्डा

संग्रामपुर प्रखंड मुंगेर जिला मुख्यालय से लगभग 70 किलोमीटर की दूरी है। यह बांका तथा जमुई की सीमा पर स्थित है। एक समय बिहार राज्य पथ परिवहन विभाग का सक्रिय केंद्र था। 45 वर्ष पूर्व वर्ष 1980 में यात्रियों की सुविधा के मद्देनजर इसका निर्माण किया गया था। इस बस डिपो से भागलपुर, पूर्णिया, कटिहार, रांची, धनबाद, बोकारो, देवघर, जमुई और मुंगेर जैसे शहरों के लिए बसें चला करती थीं। लेकिन, पिछले 15 वर्षों से यह बस डिपो पूरी तरह बंद पड़ा है। स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों के अनुसार, जिले के अन्य प्रखंडों, तारापुर, असरगंज, टेटिया बंबर एवं हवेली खड़गपुर से आज भी सरकारी बसें मुंगेर के लिए चलती हैं, लेकिन संग्रामपुर से एक भी बस सेवा उपलब्ध नहीं है। इससे लोगों में आक्रोश व्याप्त है और परिवहन विभाग पर सौतेले व्यवहार का आरोप लगा रहे हैं।

परती पड़ी है चार एकड़ जमीन :

संवाद में स्थानीय नेता सुरेन्द्र यादव (रालोसपा), दशरथ राम (कांग्रेस), सुनील कुमार सिंह (राजद) और जदयू प्रखंड अध्यक्ष कमल नयन सिंह सहित अनेक जनप्रतिनिधियों ने बताया कि, संग्रामपुर डिपो की चार एकड़ जमीन आज परती पड़ी है। चहारदीवारी के अभाव और सुरक्षा की अनदेखी के कारण इस पर अतिक्रमण होने लगा है और कई दबंगों ने पक्के मकान तक बना लिए हैं। लोगों ने कहा कि एक समय यह स्थल स्थानीय अर्थव्यवस्था और रोजगार का केंद्र था, लेकिन बस सेवा बंद होते ही दुकानदारों ने पलायन कर लिया। मुंगेर के पूर्व जिलाधिकारी राजेश मीणा के प्रयास से थोड़े समय के लिए दो बसें चलाई गई थीं और शौचालय का भी निर्माण हुआ था, परंतु वह प्रयास भी स्थायी रूप न ले सका।

असामाजिक गतिविधियों का केंद्र बना बस डिपो :

आज यह बस डिपो असामाजिक गतिविधियों का गढ़ बन चुका है। लोगों का कहना था कि, शाम ढलते ही यहां शराबियों और उपद्रवियों का जमावड़ा लगने लगता है। स्थानीय लोग जैसे अनिल भारती, बजरंगी सिन्हा, पप्पू यादव और महादेव भगत आदि ने स्पष्ट रूप से कहा कि, यदि सरकारी बसों का परिचालन निरंतर होता तो ना तो लोगों का रोजगार छिनता और ना ही यह डिपो पशुओं के तबेले में तब्दील होता। सरकारी बस सेवा की बहाली केवल यात्री सुविधाओं के लिए नहीं, बल्कि संग्रामपुर की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए भी आवश्यक है। सरकार को चाहिए कि, वह इस डिपो की उपेक्षा समाप्त कर, पुनः बसों का संचालन प्रारंभ करे और इसे फिर से एक जीवंत परिवहन केंद्र में बदले।

शिकायत

1. पिछले 15 वर्षों से संग्रामपुर से कोई भी सरकारी बस नहीं चल रही है, जिससे स्थानीय यात्रियों को भारी असुविधा हो रही है।

2. 4 एकड़ क्षेत्रफल में फैले डिपो की जमीन पर स्थानीय दबंगों द्वारा अतिक्रमण कर पक्के मकान बना लिए गए हैं।

3. डिपो पर शाम होते ही शराबियों और उपद्रवियों का जमावड़ा लगने लगता है, जिससे माहौल अशांत और असुरक्षित बना रहता है।

4. बस सेवा बंद होने के कारण आस-पास के दुकानदारों ने पलायन कर लिया, जिससे स्थानीय रोजगार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।

5. बार-बार की मांग और आवश्यकता के बावजूद भी परिवहन विभाग द्वारा संग्रामपुर के लिए कोई पहल नहीं की गई है।

सुझाव:

1. पूर्व की तरह संग्रामपुर से मुंगेर सहित अन्य प्रमुख शहरों के लिए नियमित सरकारी बस सेवा प्रारंभ की जाए।

2. बस डिपो को सुरक्षित करने हेतु चहारदीवारी तथा निगरानी प्रणाली लगाई जाए।

3. अतिक्रमित जमीन को चिन्हित कर प्रशासन द्वारा उसे मुक्त कराया जाए और सरकारी भूमि को संरक्षित किया जाए।

4. यात्रियों की सुविधा हेतु शौचालय, प्रतीक्षालय, पेयजल आदि की व्यवस्था की जाए और उनका नियमित रखरखाव हो।

5. डिपो के पुनर्जीवन हेतु जनप्रतिनिधियों, स्थानीय लोगों और प्रशासन के बीच समन्वय स्थापित कर एक ठोस कार्ययोजना बनाई जाए।

सुनें हमारी बात

पिछले 15 वर्षों से संग्रामपुर से मुंगेर के लिए कोई भी सरकारी बस सेवा उपलब्ध नहीं है, जिससे लोगों को काफी परेशानी होती है।

-नैंसी भगत

कभी बिहार राज्य पथ परिवहन के बस पड़ाव पर यात्री वाहनों की सीटियों और यात्रियों की भीड़ से गुलजार रहने वाला स्थल आज बदहाल हो गया है।

-मनोज भगत

बस स्टैंड अब पशुओं के तबेले और असामाजिक तत्वों का अड्डा बनकर रह गया है। अगर प्रशासन ने समय रहते ध्यान नहीं दिया, तो बस स्टैंड का नाम तक मिट जाएगा।

-डॉली भगत

सरकारी बसों का परिचालन बंद होने के कारण ही बस पड़ाव आज इस स्थिति में पहुँच गया है। अगर बस सेवा बंद नहीं होती, तो न तो लोगों का रोजगार जाता और न ही यह जगह पशुओं के तबेले में बदलती।

-मुकेश कुमार सिंह

सरकारी उदासीनता के कारण संग्रामपुर से झारखंड, भागलपुर, मुंगेर और जमुई जाने वाली गाड़ियों का परिचालन पूरी तरह से बंद हो चुका है। इस कारण बस स्टैंड के पास के दुकानदार भी पलायन कर गए हैं।

-राकेश कुमार रोशन

जब विभिन्न प्रखंडों से सरकारी बस सेवाएं चल रही हैं, तो संग्रामपुर के साथ ऐसा सौतेला व्यवहार क्यों किया जा रहा है? यहां भी सरकारी बस सेवा शुरू होनी चाहिए।

-डॉ. चंदन कुमार

प्राइवेट बस चालक मनमानी करते हैं और जब तक ओवरलोड नहीं करते, तब तक बस नहीं चलाते। साथ ही, ज्यादा भाड़ा भी वसूला जाता है।

-नूतन कुमारी

पिछले साल मुंगेर के पूर्व जिला अधिकारी राजेश मीणा द्वारा यात्रियों की सुविधा के लिए शुलभ शौचालय और दो बसों की व्यवस्था की गई थी, लेकिन बाद में वह सेवा भी बंद हो गई।

-राहुल कुमार

संग्रामपुर बस डिपो की करीब चार बीघा जमीन है, जिस पर स्थानीय लोग अतिक्रमण कर रहे हैं। कई दबंगों ने तो इस जमीन पर पक्के मकान भी बना लिए हैं।

-राजा रंजन

तारापुर, अरगंज, टेटियाबंबर, हवेली खड़गपुर जैसे स्थानों से मुंगेर के लिए सरकारी बस सेवा चल रही है, लेकिन संग्रामपुर में स्थित सरकारी बस डिपो से एक भी बस नहीं चल रही है।

-संतोष कुमार सुमन

यात्रियों की सुविधा के लिए बिहार राज्य पथ परिवहन निगम द्वारा संचालित सरकारी बस स्टैंड आज असुविधा और उपेक्षा से कराह रहा है। सरकार द्वारा निर्धारित सुविधाएं भी यात्रियों को नहीं मिल पा रही हैं।

-दयानंद कुमार यादव

संग्रामपुर का सरकारी बस डिपो बिहार के सबसे पुराने बस डिपो में से एक है, लेकिन वर्षों से प्रशासनिक और सरकारी उपेक्षा का शिकार हो चुका है।

-बबलू भगत

संग्रामपुर नगर पंचायत के वासियों को परिवहन की समुचित सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं, जिससे लोग काफी परेशान हैं।

-सूरज कुमार

मुंगेर में भी पिंक बस की व्यवस्था होनी चाहिए, जिससे कामकाजी महिलाएं और छात्राओं को काफी सुविधा मिलेगी।

-साधना कुमारी

हमें अधिक भाड़ा देकर मुंगेर जाना पड़ता है, जिससे आर्थिक नुकसान होता है और अन्य कई समस्याएं भी उत्पन्न होती हैं। सरकारी बस डिपो फिर से शुरू किया जाना चाहिए।

-मोनी कुमारी

हम लोगों को अधिक भाड़ा देकर मुंगेर जाना पड़ता है, इससे आर्थिक नुकसान तो होता ही है साथ ही अन्य कई समस्याएं भी होती हैं। सरकारी बस डिपो फिर से शुरू हो।

-सीता रानी

बोले जिम्मेदार

संग्रामपुर बस स्टैंड की जमीन की मापी की गई है। जो मंदिर बनाए गए हैं, वे नदी की जमीन पर बनाए गए हैं। झारखंड में बिहार राज्य परिवहन को परमिट नहीं मिल रही है, इसलिए आगे बढ़ने का कोई सवाल नहीं उठता। संग्रामपुर से मुंगेर के लिए दो गाड़ियों की परमिट मिल चुकी है। जहां तक राज ट्रांसपोर्ट के भवन के अंदर पशु चारा रखे जाने की बात है, इस पर निश्चित रूप से थाना में लिखित शिकायत दी जाएगी और बहुत जल्द ही संबंधित कर्मचारी पदस्थापित कर दिए जाएंगे। सूर्यगढ़ा से संग्रामपुर और संग्रामपुर से मुंगेर के लिए बसें जल्द ही चलाई जाएंगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा जल्द ही इसका लोकार्पण किया जाएगा, जिसके बाद संग्रामपुर के लोगों को मुंगेर आने-जाने के लिए सोचने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

-विजय यादव, प्रतिष्ठान अधीक्षक, मुंगेर

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें