रेल राजस्व में सहरसा स्टेशन का राजस्व दो करोड़ के पार, पूर्व मध्य रेलवे जोन में टॉप पर
यात्री सुविधा में पिछड़ा सहरसा स्टेशन ने रेल राजस्व के मामले में रिकॉर्ड बनाया है। बड़े स्टेशनों को आमदनी के मामले में पीछे छोड़ कर पूर्व मध्य रेलवे हाजीपुर जोन में सहरसा टॉप पर पहुंच गया है। सहरसा...
यात्री सुविधा में पिछड़ा सहरसा स्टेशन ने रेल राजस्व के मामले में रिकॉर्ड बनाया है। बड़े स्टेशनों को आमदनी के मामले में पीछे छोड़ कर पूर्व मध्य रेलवे हाजीपुर जोन में सहरसा टॉप पर पहुंच गया है।
सहरसा स्टेशन ने आमदनी के मामले में पटना, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर और मुगलसराय सरीखे बड़े स्टेशनों को पीछे छोड़ कर पूर्व मध्य रेलवे हाजीपुर जोन में टॉप पर पहुंच गया है।
13 से 17 जून महज पांच दिनों में सहरसा स्टेशन का राजस्व 80 हजार 210 टिकट बिक्री से 2 करोड़ 18 लाख के पार पहुंच गया है। वहीं इन पांच दिनों में पटना स्टेशन का राजस्व सिर्फ 1 करोड़ 83 लाख 32 हजार 900 रुपये और दरभंगा का 1 करोड़ 86 लाख 40 हजार 100 रुपये ही रहा। मुजफ्फरपुर स्टेशन का राजस्व जहां 1 करोड़ 18 लाख 42 हजार 300 रुपये वहीं मुगलसराय जंक्शन का मात्र 83 लाख 43 हजार 780 रुपये रहा। सहरसा स्टेशन जिस रेल डिवीजन के अंतर्गत आता है उस समस्तीपुर जंक्शन का पांच दिनों का राजस्व मात्र 64 लाख 67 हजार 900 रुपये रहा।
मजदूरों की भीड़ ने बढ़ाया सहरसा स्टेशन का राजस्व
हजारों की संख्या में पहुंचने वाली मजदूर यात्रियों की भीड़ ने सहरसा स्टेशन के राजस्व में इजाफा ला दिया है। अभी धान रौपनी के लिए रोज हजारों की संख्या में सहरसा स्टेशन से मजदूर यात्रियों का पंजाब और हरियाणा राज्य पलायन होता है। इसके अलावा फैक्ट्री और भवन निर्माण का काम करने दिल्ली भी मजदूर यात्री जा रहे हैं। भीड़ को देखकर कई स्पेशल ट्रेनें भी चलाई गई है। हालांकि टिकट बिक्री का यह आंकड़ा मजदूर के साथ-साथ आम व दैनिक यात्रियों का मिलाकर है। वैसे बिना भीड़भाड़ के सामान्य दिनों में सहरसा स्टेशन का रोज का राजस्व 15 से 16 लाख रुपये रहता है।
अधिकारियों की कुशल मॉनिटरिंग का नतीजा नहीं हुआ हंगामा
10 जून का नाम सुनकर सहरसा स्टेशन के टिकट काउंटर और अन्य कार्यालयों में काम करने वाले कर्मियों और दैनिक यात्रियों का शरीर सिहर उठता है। कारण स्पेशल ट्रेन नहीं मिलने और टिकट किराया दर अधिक लेने के कारण होने वाली हंगामा के कारण इस दिन स्टेशन पर अराजक स्थिति बन आती थी। लेकिन डीआरएम आर. के. जैन और सीनियर डीसीएम वीरेन्द्र कुमार की कुशल मॉनिटरिंग तथा डीसीआई राजेश रंजन श्रीवास्तव की मुस्तेदी के कारण शांतिपूर्वक यह दिन गुजर गया। यात्रियों से अधिक किराया लेने की बात संज्ञान में आते शहर के चांदनी चौक स्थित दो जनसाधारण टिकट बुकिंग काउंटरों का लाइसेंस रद्द करते बंद करा दिया गया।
समस्तीपुर रेल डिवीजन के सीनियर डीसीएम वीरेन्द्र कुमार ने कहा कि यात्रियों की बढ़ी भीड़ के कारण सहरसा स्टेशन पर टिकट बिक्री से रेलवे के राजस्व में जोन में सबसे अधिक इजाफा हुआ है। यात्रियों से टिकट किराया राशि अधिक नहीं लिया जाय इसपर नजर रखते कार्रवाई की जा रही है।
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