सुपौल : संतों के आगमन से जगती है धर्म की भावना: साध्वी
प्रतापगंज में तेरापंथ धर्म संघ की साध्वी स्वर्ण रेखा ने चार दिवसीय प्रवास के दौरान प्रवचन दिया। उन्होंने पाप, ताप और संताप दूर करने वाले संतों की महिमा के बारे में बताया। साध्वी ने गुरू के महत्व पर भी...
प्रतापगंज । निज प्रतिनिधि तेरापंथ धर्म संघ के 11 वें आचार्य महाश्रमण की शिष्या साध्वी स्वर्ण रेखा अपने सहयोगी स्वास्तिका प्रभा, सुधांशु प्रभा और गौतम यशा के साथ चार दिवसीय प्रवास के क्रम में प्रतापगंज पहुंची। पारख जैन भवन में साध्वी स्वर्ण रेखा ने अपने प्रवचन में कहा कि पाप, ताप और संताप तीनों को दूर करने वाले संत होते हैं। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति छाता के नीचे रहता है वह चाहे मर्यादा का छाता हो, व्रत का छाता हो, संयम का हो, उस आज्ञा के नीचे रहने वाले साधु संत होते हैं। हम गुरू के प्रताप को जानते है। गुरू का प्रताप सूर्य का ताप है। उन्होंने कहा कि हमारी यात्रा सरिता की तरह है। कहा कि संतों के आगमन से हमारे भीतर धर्म की भावना जगती है। मौके पर नेपाल बिहार जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा के महामंत्री वीरेंद्र संचेती, शंकर नौलखा, मंत्री कालीचरण गोठी, मानमल पारख, महेंद्र वैद, जितेन्द्र सेठिया, राज कुमार सेठिया, मनोज छाजेड़, विजय नौलखा, पवन श्रीमाल, छत्रसिंह नौलखा, राजकुमार गंग, सावन गंग, मीत नौलखा, अक्षय सेठिया, राखी सेठिया, झंकार देवी घोडावत, प्रभा वैद, सरोज छाजेड़, अंजू छाजेड़, प्रभा नौलखा, पदमा नौलखा, कीर्ति गोठी आदि मौजूद थी।
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