भागलपुर समेत पांच जिलों में बनेगा रीजनल ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर
सहरसा, दरभंगा, गया और छपरा जिला में भी बनाया जाएगा मंत्रालय से मंजूरी के

भागलपुर, वरीय संवाददाता। भागलपुर समेत राज्य के पांच जिलों में रीजनल ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर (आरडीटीसी) बनेगा। इसको लेकर राज्य सरकार के भेजे प्रस्ताव को सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (मॉर्थ) ने मंजूरी दे दी है। मॉर्थ की मंजूरी के बाद परिवहन सचिव ने भागलपुर, सहरसा, दरभंगा, गया और छपरा के समाहर्ता से जमीन ढूंढ़कर एक सप्ताह के अंदर प्रस्ताव देने को कहा है। रीजनल ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर के निर्माण के लिए तीन एकड़ जमीन मांगी गई है। परिवहन सचिव के पत्र के आधार पर समाहर्ता ने डीटीओ एवं राजस्व शाखा को अविलंब जमीन ढूंढ़कर प्रस्ताव देने का निर्देश दिया है।
अधिकारियों ने बताया कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा स्थापित रीजनल ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर (आरटीडीसी) देश में ड्राइविंग कौशल को बेहतर बनाने और अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप प्रशिक्षण देने के लिए महत्वपूर्ण हैं। इस केंद्र को अंतर्राष्ट्रीय ड्राइविंग टेस्ट सेंटर के रूप में भी मान्यता प्राप्त है। जो भारतीय ड्राइवरों को वैश्विक स्तर पर रोजगार के अवसर प्रदान करने में मदद करता है। सऊदी अरब में ड्राइविंग के लिए जाने वाले कुशल भारतीय व्यक्तियों को यहां अनिवार्य ड्राइविंग टेस्ट देना होता है।
सेंटर से ट्रेनिंग के बाद सऊदी में डीएल और वीजा पाने में आसानी
इस सेंटर में ड्राइवरों को आधुनिक तकनीक और अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार प्रशिक्षण दिया जाता है। इस टेस्ट को पास करने वाले उम्मीदवार ही सऊदी अरब सरकार से ड्राइविंग लाइसेंस और वीजा प्राप्त कर सकेंगे। देश का पहला रीजनल ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर सिंगावल अजमेर में है। अपर समाहर्ता दिनेश राम ने बताया कि आरटीडीसी के लिए जमीन ढूंढ़ने की जिम्मेदारी शहर से सटे अंचलों के सीओ को दी गई है। रिपोर्ट का इंतजार है।
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