विक्रमशिला एक्सप्रेस से सालाना 5.25 करोड़ बचाएगा रेलवे
विक्रमशिला एक्सप्रेस के तीनों रैक मिलाकर रेलवे को सालाना लगभग साढ़े पांच करोड़ की बचत होगी। क्योंकि अब तीनों रैक में एचओजी (हेड ऑन जेनरेशन) सिस्टम लगा दिया गया...
विक्रमशिला एक्सप्रेस के तीनों रैक मिलाकर रेलवे को सालाना लगभग साढ़े पांच करोड़ की बचत होगी। क्योंकि अब तीनों रैक में एचओजी (हेड ऑन जेनरेशन) सिस्टम लगा दिया गया है।
विक्रमशिला एक्सप्रेस मालदा डिविजन की पहली एचओजी (हेड ऑन जेनरेशन) एलएचबी रैक बन गई है। मसलन इस ट्रेन में अब एसी, पंखे और रोशनी ईंजन की बिजली से ही चलेगी।जोनल मुख्यालय के जनसंपर्क विभाग ने इस बारे में जानकारी दी है। पीआरओ ने बताया कि इससे ईंधन की खपत और प्रदूषण कम होने के साथ रेलवे के राजस्व की भी बचत होगी।
औसतन एक-एक रैक प्रति वर्ष 1.75 करोड़ रुपए के ईंधन की बचत करेगा। लिहाजा तीनों रैक में लगभग 5.25 करोड़ रुपए का ईंधन खपत कम हो जाएगा। एचओजी रैक का एक फायदा यह भी है कि अब हर रैक में एक अतिरिक्त कोच लगने की जगह बन गई है। संभावना है कि विक्रमशिला एक्सप्रेस के तीनों रैक में एक-एक जेनरल कोच या स्लीपर कोच बढ़ाये जाएंगे। क्योंकि बिजली व्यवस्था के लिए साथ में चलने वाले दो पावर कार में से एक को हटा दिया जाएगा।
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