एमफिल के लिए पीआरटी और रिसर्च मेथोडालॉजी जरूरी नहीं
तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय स्थित कुलपति कार्यालय में शनिवार को शोध की गुणवत्ता और शोध को बढ़ावा देने के लिए शोध कमेटी की बैठक आयोजित हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि अब एमफिल किए अभ्यर्थी को...
तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय स्थित कुलपति कार्यालय में शनिवार को शोध की गुणवत्ता और शोध को बढ़ावा देने के लिए शोध कमेटी की बैठक आयोजित हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि अब एमफिल किए अभ्यर्थी को पीआरटी और रिसर्च मेथोडोलॉजी नहीं करना होगा। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि जिस विषय में रिसर्च मेथोडोलॉजी के लिए जितनी सीट होगी उतने ही छात्र-छात्राओं का नामांकन होगा। चाहे जितने छात्र-छात्राएं पीआरटी में पास क्यों नहीं हो जाएं। यह भी कहा गया कि अब मेथोडोलॉजी के दौरान लड़कों को सिनौप्सिस की तैयारी करनी होगी। जबकि पहले यह रिसर्च मेथोडोलॉजी के बाद तैयारी की जाती थी। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि अब प्री सबमिशन सेमिनार के दौरान थिसिस की जांच 'टर्म इट ऑन' सॉफ्टवेयर से कराई जाएगी। इससे नकल करके लिखी गई थिसिस को पकड़ा जा सकेगा। इस दौरान शोध को बढ़ावा देने और उसकी गुणवत्ता को सुधारने के लिए और भी चर्चा की गई। इस बैठक में कुलपति, प्रतिकुलपति, जेएनयू के प्रो. जेएन झा, विभिन्न संकायों के डीन, मनोविज्ञान विभाग के सेवानिवृत डा. हरदेव ओझा, बॉटनी के हेड डा. सुनील कुमार चौधरी आदि उपस्थित थे।
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