सुपौल: विश्व बाल शोषण रोकथाम दिवस को लेकर संवाद कार्यक्रम आयोजित
सुपौल में विश्व बाल शोषण रोकथाम दिवस पर एक संवाद कार्यक्रम आयोजित हुआ। समाजसेवियों ने बच्चों के अधिकार और साइबर अपराधों के खिलाफ जागरूकता की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षा और संस्कार...
सुपौल, वरीय संवाददाता। सामाजिक समस्याओं के समाधान के लिए मानवीय मूल्य शिक्षा की अनिवार्यता को सुनिश्चित करने की मांग को लेकर जिला मुख्यालय स्थित ग्राम्यशील परिसर में क्रॉस बॉर्डर एंटी ट्रैफिकिंग नेटवर्क के संयुक्त तत्वावधान में बुधवार को विश्व बाल शोषण रोकथाम दिवस को लेकर एक दिवसीय संवाद कार्यक्रम आयोजित हुआ समाजसेवी केशव राज ने कहा कि बिना जागरूकता के किसी अपराध का उन्मूलन संभव नहीं है। बच्चों को शिक्षा के साथ संस्कार मिलना जरूरी है। पूर्व किशोर न्याय परिषद की सदस्य पूनम देवी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 20 नवम्बर 1989 को पारित प्रस्तावना में यह स्पष्ट उल्लेख है कि बच्चों के अधिकार को सुनिश्चित करने के लिए परिवार और समाज में अनुकूल वातावरण जरूरी है। इसके लिए बच्चों का संरक्षण, पोषण, सुरक्षा के साथ व्यक्तित्व के पूर्ण और सुसंगत विकास प्रत्येक राष्ट्र की परंपराओं तथा सांस्कृतिक मूल्यों का परिचय है। कहा कि वर्षों से भारतीय समाज में भी शिक्षा-संस्कार की उपेक्षा के कारण अनेक प्रकार के अमानवीय व्यवहार, कार्य और उन्माद बढ़ रहे हैं। ऐसे ही अपराध में एक आज साइबर अपराध लोगों के बीच मुख्य समस्या बन गई है। मैनेजमेंट की छात्रा श्रेया ठाकुर, दृष्टि मिश्रा, निशि सिंहा ने साइबर अपराधों के विभिन्न प्रकारों पर प्रकाश डालते हुए इसके रोकथाम के लिए आवश्यक सुझाव को रेखांकित किया है।
ग्राम्यशील के सहायक सचिव मुकुंद कुमार ने कहा कि हाल ही में गोरखपुर के चैरी-चैरा से एक परेशान करने वाला बाल पोर्नोग्राफी मामला सामने आया, जहां बच्चों के अश्लील वीडियो बनाए गए। इसके। बाद टेलीग्राम ऐप और अन्य के माध्यम से बेचे गए। इस दुखद घटना ने बच्चों को ऑनलाइन शोषण से बचाने के लिए जागरूकता और मजबूत हस्तक्षेप की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित किया है। ऐसे अपराधों को सक्षम करने में डिजिटल प्लेटफॉर्म की भूमिका चिंताजनक है।
सामाजिक कार्यकर्ता सुरेंद्र कुमार ने कहा कि साइबर अपराध के रोकथाम के लिए सभी संबंधित विभागों , समाजसेवियों, अविभावकों, शिक्षकों आदि के साथ मिलकर शिक्षण संस्थानों के बच्चों को जागरूक करने की आवश्यकता है। कहा कि ग्राम्यशील शिक्षा संस्थानों में बच्चों के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएंगे। उपस्थित कई वक्ताओं ने गांव में साइबर अपराध रोकथाम के लिए लोगों को जागरूक करने का शपथ लिया।
कार्यक्रम ने कृष्णकांत झा, सत्यनारायण साह, रूपम कुमारी, बबीता देवी, चंद्रकला, त्रिभुवन कुमर, माला देवी , पिंटू राम, चंद्रशेखर आदि मौजूद थे।
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