भागलपुर में पेड़ भी सोना उगलता है : पीएम
भाषण में दिए संकेत, सिल्क की बदलेगी तकदीर बुनकरों के उत्पाद को पूरी दुनिया में
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भागलपुर, वरीय संवाददाता। रेशम नगरी की पुरानी पहचान लौटेगी। भागलपुर की किसान सम्मान सभा में भाषण के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेशम नगरी की मशहूर सिल्क उत्पाद की न सिर्फ तारीफ की बल्कि तकदीर बदलने के संकेत भी दिए। पीएम ने कहा, भारत कपड़े का बड़ा निर्यातक है। देश में कपड़ा उद्योगों को बल देने के लिए अनेक कदम उठाए गए हैं। भागलपुर में तो कहा जाता है कि यहां पेड़ भी सोना उगलता है। यहां की भागलपुरी सिल्क और तसर सिल्क पूरे हिन्दुस्तान में मशहूर है। दुनिया के दूसरे देशों में इसकी बड़ी डिमांड है। केंद्र सरकार रेशम उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए यार्न और फैबरिक डाइंग यूनिट तैयार कर रही है। इससे भागलपुर के बुनकर साथियों को आधुनिक सुविधा की जानकारी मिलेगी। बुनकरों के उत्पाद दुनिया के कोने-कोने में पहुंच सकेगा।
37 मिनट के भाषण में काफी देर भागलपुर पर बोले
करीब 37 मिनट के भाषण में भागलपुर काफी देर तक केंद्र बिंदु में रहा। पीएम ने भाषण में करीब पांच हजार करोड़ से निर्मित मुंगेर-भागलपुर-मिर्जाचौकी फोरलेन परियोजना और हंसडीहा फोरलेन शुरू होने के आसार का जिक्र किया। ये दोनों प्रोजेक्ट बिहार को झारखंड से जोड़ने से संबंधित है। दोनों के निर्माण से सड़क कनेक्टिविटी बढ़ेगी और इलाके का विकास होगा। प्रधानमंत्री ने भागलपुर में एक और पुल का तोहफा का जिक्र भी किया। उन्होंने गंगा में विक्रमशिला-कटरिया नए पुल के निर्माण की बात कही।
नालंदा की तरह विक्रमशिला महाविहार का होगा विकास
प्रधानमंत्री ने नालंदा की तरह कहलगांव स्थित प्राचीन विक्रमशिला महाविहार का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा विक्रमशिला में सेंट्रल यूनिवर्सिटी बन रही है। इसका विकास भी नालंदा जैसा ही होगा। कहलगांव अनुमंडल के पीरपैंती में प्रस्तावित बिजली तापघर का भी जिक्र किया। पीएम ने कहा कि इस थर्मल पावर के लिए कोल लिंकेज की बाधा खत्म कर ली गई है। करीब 21,500 करोड़ से इस मेगा प्रोजेक्ट की शुरुआत जल्द होगी। इसकी प्रक्रिया चल रही है। इससे इलाके का विकास होगा। बिजली की जरूरत पूरी होगी। युवाओं को रोजगार आदि मिल सकेगा।
अजगैवीनाथ व बूढ़ानाथ मंदिर का पहली बार पीएम ने किया जिक्र
प्रधानमंत्री ने अंगिका भाषा से अभिवादन करते हुए भाषण की शुरुआत की। इसके बाद बूढ़ानाथ मंदिर, महर्षि मेंहीं, मदरांचल (मंदार पर्वत), अजगैवीनाथ मंदिर, वासुपूज्य पंचकल्याणक का जिक्र पहली बार किया। ये चारों क्षेत्र पूजनीय व रमणीय हैं। जाहिर है कि एक बड़े समूह को जोड़ने वाले इन स्थलों के विकास की कोई नई योजना निकट भविष्य में मिल सके। प्रधानमंत्री मोदी ने भाषण में डॉल्फिन की भी चर्चा की। बोले, भागलपुर की पहचान तो गंगाजी में रहने वाली डॉल्फिन से भी होती रही है। ये नमामि गंगे अभियान की भी बहुत बड़ी सफलता है।
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