लोकनृत्य-संगीत की शानदार प्रस्तुति पर झूमे लोग
सैंडिस कंपाउंड में चल रहे सात दिवसीय मंजूषा महोत्सव सह प्रदर्शनी के तीसरे दिन भी लोक कला की रंगारंग प्रस्तुति हुई। सोमवार की शाम को मगध संगीत संस्थान पटना के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किये गये लोक...
सैंडिस कंपाउंड में चल रहे सात दिवसीय मंजूषा महोत्सव सह प्रदर्शनी के तीसरे दिन भी लोक कला की रंगारंग प्रस्तुति हुई। सोमवार की शाम को मगध संगीत संस्थान पटना के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किये गये लोक नृत्य एवं संगीत पर लोग झूम उठे। इस दौरान दर्शकों की लगातार तालियां बजती रहीं।
कार्यक्रम के आरंभ में जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक रामशरण राम ने कहा कि एक तरफ इस प्रदर्शनी के जरिये लोग मंजूषा एवं मधुबनी समेत अन्य शिल्प कला के उत्पादों से रूबरू हो रहे हैं तो दूसरी तरह इस तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम के जरिये यहां की लोक संस्कृतियों से भी लोग रुबरू हो रहे हैं। महोत्सव के आरंभ में 'जय-जय भैरवी...' गीत पर विद्यापति वंदना निहारिका ने प्रस्तुत किया।
झूमर नृत्य निशा कुमारी, निहारिका, अनीशा कुमारी, दिव्या, सेानी कुमारी व याशिका ने प्रस्तुत किये। रविकांत कुमार व निशा कुमारी ने लोकनृत्य जट-जटिन प्रस्तुत कर खूब तालियां बटोरीं। कजरी गीत शशांक कुमार, कृष्ण अलौही, निशा, निहारिका व उनकी सखियों ने गाकर माहौल को सावनी कर दिया।
सोहर गीत याशिका व उनकी टीम की कलाकारों ने प्रस्तुत किया। मंच संचालन मंजूषा गुरू मनोज पंडित ने किया। जबकि इस दौरान उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान पटना द्वारा आयोजित प्रदर्शनी सह महोत्सव के प्रभारी चंद्रभूषण सिंह, मुनव्वर अख्तर, उलूपी झा, आंचल, नसीम इकबाल समेत कई लोग मौजूद थे।
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