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ई- रिक्शा से बच्चों के परिचालन पर रोक से परेशान रहे अभिवावक

ई- रिक्शा से बच्चों के परिचालन पर रोक से परेशान रहे अभिवावक पैदल ही

Newswrap हिन्दुस्तान, भागलपुरTue, 1 April 2025 07:15 PM
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ई- रिक्शा से बच्चों के परिचालन पर रोक से परेशान रहे अभिवावक

ई- रिक्शा से बच्चों के परिचालन पर रोक से परेशान रहे अभिवावक पैदल ही स्कूल से बच्चों को लेकर घर जा रहे थे सैकड़ों माता - पिता

पहला दिन यातायात पुलिस नही कर सकी एक भी ई- रिक्शा पर फाइन

क्षमता से अधिक मैजिक वाहन से ला जाए जा रहे थे स्कूली बच्चे

यातायात पुलिस की टीम शहरी क्षेत्रों में ई- रिक्शा से बच्चें नही जाएं दिखे सक्रिय

भागलपुर, कार्यालय संवाददाता। ई- रिक्शा से स्कूली बच्चों के परिचालन पर एक अप्रैल से पाबंदी लगने के बाद मंगलवार को सैकड़ों की संख्या में अभिवावक परेशान दिखे। अधिकांश अभिवावक बच्चों को ई- रिक्शा पर अपने से लेकर स्कूल से लाने जाने का काम किया। अन्य दिनों की अपेक्षा ई- रिक्शा से बच्चों के परिचालन काफी कम संख्या में हो रहा था। कुछ स्कूल में चलने वाले चार चक्का वाले मैजिक पर क्षमता से अधिक बच्चों को बैठा कर परिचालन किया जा रहा था। इस मामले को लेकर जब पड़ताल की गई तो मैजिक चालक और अभिवावक अपनी कई तरह की समस्या बताया। जिला परिवहन कार्यालय के पीछे जीएसटी कार्यालय के समीप एक मैजिक पर 25 बच्चों को बैठा कर परिचालन किया जा रहा था। इस मौके पर मैजिक के चालक ने बताया कि ई- रिक्शा से बच्चों के परिचालन पर रोक के कारण कई स्कूल संचालक और अभिवावक बच्चों को स्कूल पहुंचाने के लिए आग्रह कर रहें हैं। इस वजह से क्षमता से अधिक बच्चों को बैठा कर परिचालन किया जा रहा है। शहर में करीब पंद्रह सौ से अधिक ई- रिक्शा से बच्चों को परिचालन करने का काम होता है। सरकार के इस आदेश से ई- रिक्शा चालक काफी गुस्से में है।

पैदल स्कूल से बच्चों को ले जा रहे थे घर

शहर के कई इलाकों में माता - पिता स्कूल से बच्चों को पैदल ही ले जा रहे थे। वरीय पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सामने से पैदल तीन बच्चों को लेकर जा रही शिप्रा देवी ने बताया कि ई- रिक्शा से बच्चों के परिचालन बंद होने से कई तरह की समस्या हो रही है। वे अपने एक बच्चे के अलावे परिवार के दो बच्चों को पैदल स्कूल से घर लेकर जा रही है। महेंद्र प्रसाद साह ने बताया कि ई- रिक्शा से आसानी से कम बजट में बच्चों को स्कूल भेज देते थे। बस से बच्चों को स्कूल भेजने का बजट उनके पास नही है। शकुंतला देवी ने बताया कि उनका घर गली में रहने के कारण बसें नही जा सकती है। इसलिए ई- रिक्शा ही उनके लिए सुगम साधन है।

ट्रैफिक पुलिस को नही मिला एक भी ई- रिक्शा पर सवार बच्चे

मंगलवार को ई- रिक्शा से कई अभिवावक बच्चे को लेकर आ रहे थे। लेकिन यातायात पुलिस को एक भी ई- रिक्शा पर बच्चों का परिचालन करने वाले नही मिले। इस वजह से पहले दिन किसी भी तरह का फाइन नही हो पाया है। ट्रैफिक इंस्पेक्टर कुमार वीरेंद्र ने बताया कि मंगलवार को कहीं पर भी ई- रिक्शा से बच्चों का परिचालन नही किया जा रहा था। इस वजह से फाइन नही हो पाया है।

कोट

एक अप्रैल से ई- रिक्शा से बच्चों के परिचालन पर पूर्ण रूप से रोक लगा दी गई है। इस आशय की जानकारी शिक्षा विभाग को भी दी गई है। आदेश का अवेहलना करने पर दो हजार रूपया का फाइन है।

आशीष कुमार सिंह, ट्रैफिक डीएसपी ।

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